बालोद: साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष टहल साहू (State President of Sahu Samaj Tehal Sahu) ने आरक्षण एवं राज्यपाल को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि "हम किसी समाज के विरोधी नहीं हैं. आदिवासी समाज का जो अधिकार है, वह उनको मिलना चाहिए. मैं उनका समर्थन करता हूं. हमारे समाज और जो पिछड़ा वर्ग का अधिकार है, वह हमें भी मिलना चाहिए. सरकार ने विधेयक पारित कर दिया है, लेकिन राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं (Anusuiya Uikey not signing on reservation bill 2022) किया जा रहा है."
राज्यपाल को 10 दिन का अल्टीमेटम: साहू समाज प्रदेश अध्यक्ष टहल साहू (sahu samaj state president tahal sahu) ने कहा कि "जो विधेयक सरकार द्वारा पारित किया गया, उसके समर्थन में मैंने राज्यपाल को पत्र लिखा है और 10 दिनों का समय दिया है कि 10 दिनों के भीतर आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर कर दीजिए. मैंने निवेदन भी किया है, परंतु 10 दिनों के भीतर यदि राज्यपाल महोदय द्वारा विधेयक में हस्ताक्षर नहीं किया जाता है, आरक्षण बिल यदि अटक जाता है, तो हम सभी ओबीसी वर्ग एक साथ मिलकर आंदोलन (Sahu Samaj warned of agitation) करेंगे.
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ओबीसी वर्ग को एकजुट करने जुटे साहू समाज प्रदेश अध्यक्ष: प्रदेश अध्यक्ष टहल साहू ने कहा कि "मैं सभी ओबीसी वर्ग (OBC) के लोगों और प्रमुख कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों से संपर्क में हूं. 10 दिनों का समय है और 10 दिनों तक हम इंतजार कर रहे हैं. उसके बाद जरूर कोई ना कोई बड़ी रणनीति ओबीसी वर्ग के द्वारा बनाई जाएगी."
प्रदेश की राजनीति में साहू समाज का है बड़ा दखल: साहू समाज का प्रदेश में राजनीतिक, आर्थिक सहित अन्य मामलों में एक बड़ा दखल है. जनसंख्या के साथ साथ प्रत्येक वर्ग में भी साहू समाज का अहम योगदान रहता है. साहू समाज राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक बड़ा समाज है. इसलिए ओबीसी आरक्षण के विषय को लेकर साहू समाज ने जो फैसला लिया है, उसके बाद अन्य समाज भी उम्मीद भरी निगाहों से साहू समाज (OBC resevation) की ओर देख रहे हैं.