बालोद: बरसात का आधा मौसम निकल गया और पिछले वर्ष की अपेक्षा में इस साल 33 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है. जलाशयों में भी बेहद कम पानी है. गोंदली जलाशय (Gondli Reservoir) में 30 फीसदी से अधिक जल था. जिसके लिए 20-25 गांव को सिंचाई के लिए पानी दिया जा चुका है. लेकिन अब भी सैकड़ों गांव सूखे की मार झेल रहे हैं.
ऐसे में प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह अलर्ट मोड पर है. वहीं कलेक्टर जन्मेजय महोबे (Collector Janmejay Mahobe) ने बताया कि यहां पर हम लोग गिरदावरी कार्य (Girdawari Work) और फसल बीमा (Crop Insurance) जैसे विषयों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. शासन भी किसानों की मदद करने के लिए तत्पर है. उन्होंने कहा कि मौसम विभाग (Weather Department)का अनुमान है कि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश हो सकती है. हमने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. इसके साथ ही मनरेगा (MANREGA) को कार्य योजना में शामिल कर लिया गया है.
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30 सितंबर तक का इंतजार
बालोद कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने बताया कि यहां पर हम 30 सितंबर तक बारिश का इंतजार कर रहे हैं. हालात ऐसे ही बन रहे तो गिरदावरी कार्य और फसल क्षति मुआवजा (Crop Damage Compensation) इत्यादि सारे कार्य शुरू हो जाएंगे. फिलहाल तैयारियां शुरू हो चुकी है. बता दें कि इस साल 33 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है. बारिश ना होने के कारण फसलें बर्बाद होने के कगार पर हैं. जमीन में दरारें पड़ने लगी है और फसल भी पीले पड़ने लगे हैं. इस बार की स्थिति ऐसी है कि जलाशयों से पानी भी नहीं दिया जा सकता है. वर्षा कम होती है तो इस साल पेयजल संकट भी गहरा सकता है.
निंदाई का कार्य शुरु
किसान (Farmer) विगत दिनों हुई बारिश से खेतों में निंदाई का कार्य शुरू हो चुका है. पूरे जिले की बात करें तो सबसे कम गुरुर तहसील में बारिश रिकॉर्ड किया गया है. अंतिम छोर तक खेतों में पानी नहीं है. नदी, नाले और तालाब किनारे स्थित खेतों में पंप की व्यवस्था कर सिंचाई की जा रही है.
पूरे जिले की बात करें तो 466.5 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज हो चुकी है. कलेक्टर ने बताया कि मुख्य सचिव से निर्देश मिले हैं कि सूखे की स्थिति देखते हुए कार्य को शुरू कर दिए जाए. आम जनता को घबराने की आवश्यकता नहीं है. शासन और प्रशासन हर संभव मदद के लिए तत्पर है. आरएसी 6/4 के तहत अनुदान भी दिया जाएगा.