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जन्माष्टमी पर बालोद में वन विभाग ने की कृष्ण कुंज की स्थापना

बालोद में जन्माष्टमी के मौके पर वन विभाग ने कृष्ण कुंज की स्थापना की है. इस कृष्ण कुंज में भगवान श्री कृष्ण के पसंद के वृक्ष को लगाए गए हैं. कृष्ण कुंज की स्थापना को लेकर लोगों में काफी खुशी का माहौल है.

established Krishna Kunj
कृष्ण कुंज की स्थापना
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Published : Aug 19, 2022, 5:27 PM IST

बालोद: बालोद में वन विभाग ने कृष्ण कुंज की स्थापना की है. इसे भगवान श्री कृष्ण के आराधना से आम जनता को जोड़ने का एक प्रयास बताया गया है. बता दें कि कृष्ण कुंज एक गार्डन है. जहां पर पेड़-पौधे लगाए गए हैं. ये वो पेड़-पौधे हैं, जो भगवान श्री कृष्ण को प्रिय थे. आज जन्माष्टमी है. इस दिन कृष्ण कुंज का उद्घाटन किया गया.

सभी नगरीय निकायों ने की शुरूआत: इस विषय में वन मंडल अधिकारी आयुष जैन ने बताया कि बालोद जिले के सभी नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज की शुरुआत की गई है. पूरे आयोजन में संसदीय सचिव कुमार सिंह निषाद, संजरी बालोद विधायक संगीता सिन्हा, नगर पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा सहित अन्य मौजूद थे.

बालोद में कृष्ण कुंज की स्थापना

प्रकृति के संरक्षण का उद्देश्य: इस मौके पर संजरी बालोद विधानसभा क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि "छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच है कि छत्तीसगढ़ में विकास के साथ संस्कृति और प्रकृति का भी संरक्षण हो. आज कृष्ण जन्माष्टमी है. श्री कृष्ण प्रकृति के प्रेमी थे. उनका लगाव गाय-बैलों के साथ-साथ वृक्षों से भी था. आज इस कृष्ण कुंज में आकर बेहद अच्छा लग रहा है."

औपचारिक ना हो सोच: छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिव और गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद ने बताया कि "छत्तीसगढ़ सरकार की जो सोच और परिकल्पना है वह औपचारिक ना हो वह धरातल पर उतरे. प्रदेश सरकार इसी के साथ आगे बढ़ रही है. आज कृष्ण कुंज की स्थापना की गई है जो कि एक बेहतरीन प्रयास है. हमें आज यहां आकर ऐसा लग रहा है, मानों हम द्वापर युग में पहुंच गए हों."

यह भी पढ़ें: कृष्ण जन्माष्टमी का राशियों पर असर, किस राशि के लिए जन्माष्टमी होगी शुभकारी

नगर के लिए गौरव: बालोद नगर पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने कहा कि "बालोद शहर में कान सिटी करण कंक्रीट के जंगल पैदा हो रहे हैं, जिसके कारण प्राकृतिक जंगल ना के बराबर दिखते हैं. शहर के प्रमुख जगह पर कृष्ण कुंज की स्थापना से शहर की रौनक बढ़ गई है. प्रकृति के बीच अब हम समय व्यतीत कर पाएंगे."

इतने बजे तक खुलेगा कृष्ण कुंज: इस विषय में बालोद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने बताया कि "बालोद जिले के सभी नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज की शुरुआत की है. हम सबको यहां पर प्रकृति का आनंद लेने को मिलेगा और भगवान कृष्ण जी की प्रिय वृक्षों का आनंद भी मिलेगा. ये कृष्ण कुंज सुबह 5 से 9:30 और शाम 6 से 10 बजे तक खुला रहेगा."

क्या है कृष्ण कुंज: कृष्ण कुंज राज्य सरकार की परियोजना है. नगरीय निकायों के प्रमुख स्थलों पर इसकी स्थापना की जानी है. बालोद जिले के साथ नगरी निकाय में इसकी शुरुआत की है. आज इसका लोकार्पण भी किया गया है. इसका उद्देश्य है कि प्रकृति के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करना. आज कृष्ण जन्माष्टमी है. भगवान श्री कृष्ण के प्रिय वृक्षों को रोपित किया गया, जिसमें बरगद, पीपल और भी कई सारे वृक्ष हैं... जिसमें आंवला नीम इत्यादि शामिल है. साथ ही यहां बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं.

बालोद: बालोद में वन विभाग ने कृष्ण कुंज की स्थापना की है. इसे भगवान श्री कृष्ण के आराधना से आम जनता को जोड़ने का एक प्रयास बताया गया है. बता दें कि कृष्ण कुंज एक गार्डन है. जहां पर पेड़-पौधे लगाए गए हैं. ये वो पेड़-पौधे हैं, जो भगवान श्री कृष्ण को प्रिय थे. आज जन्माष्टमी है. इस दिन कृष्ण कुंज का उद्घाटन किया गया.

सभी नगरीय निकायों ने की शुरूआत: इस विषय में वन मंडल अधिकारी आयुष जैन ने बताया कि बालोद जिले के सभी नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज की शुरुआत की गई है. पूरे आयोजन में संसदीय सचिव कुमार सिंह निषाद, संजरी बालोद विधायक संगीता सिन्हा, नगर पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा सहित अन्य मौजूद थे.

बालोद में कृष्ण कुंज की स्थापना

प्रकृति के संरक्षण का उद्देश्य: इस मौके पर संजरी बालोद विधानसभा क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि "छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच है कि छत्तीसगढ़ में विकास के साथ संस्कृति और प्रकृति का भी संरक्षण हो. आज कृष्ण जन्माष्टमी है. श्री कृष्ण प्रकृति के प्रेमी थे. उनका लगाव गाय-बैलों के साथ-साथ वृक्षों से भी था. आज इस कृष्ण कुंज में आकर बेहद अच्छा लग रहा है."

औपचारिक ना हो सोच: छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिव और गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद ने बताया कि "छत्तीसगढ़ सरकार की जो सोच और परिकल्पना है वह औपचारिक ना हो वह धरातल पर उतरे. प्रदेश सरकार इसी के साथ आगे बढ़ रही है. आज कृष्ण कुंज की स्थापना की गई है जो कि एक बेहतरीन प्रयास है. हमें आज यहां आकर ऐसा लग रहा है, मानों हम द्वापर युग में पहुंच गए हों."

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नगर के लिए गौरव: बालोद नगर पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने कहा कि "बालोद शहर में कान सिटी करण कंक्रीट के जंगल पैदा हो रहे हैं, जिसके कारण प्राकृतिक जंगल ना के बराबर दिखते हैं. शहर के प्रमुख जगह पर कृष्ण कुंज की स्थापना से शहर की रौनक बढ़ गई है. प्रकृति के बीच अब हम समय व्यतीत कर पाएंगे."

इतने बजे तक खुलेगा कृष्ण कुंज: इस विषय में बालोद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने बताया कि "बालोद जिले के सभी नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज की शुरुआत की है. हम सबको यहां पर प्रकृति का आनंद लेने को मिलेगा और भगवान कृष्ण जी की प्रिय वृक्षों का आनंद भी मिलेगा. ये कृष्ण कुंज सुबह 5 से 9:30 और शाम 6 से 10 बजे तक खुला रहेगा."

क्या है कृष्ण कुंज: कृष्ण कुंज राज्य सरकार की परियोजना है. नगरीय निकायों के प्रमुख स्थलों पर इसकी स्थापना की जानी है. बालोद जिले के साथ नगरी निकाय में इसकी शुरुआत की है. आज इसका लोकार्पण भी किया गया है. इसका उद्देश्य है कि प्रकृति के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करना. आज कृष्ण जन्माष्टमी है. भगवान श्री कृष्ण के प्रिय वृक्षों को रोपित किया गया, जिसमें बरगद, पीपल और भी कई सारे वृक्ष हैं... जिसमें आंवला नीम इत्यादि शामिल है. साथ ही यहां बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं.

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