बालोद: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू हुई थी. जनवरी के आते ही किसानों के सामने परेशानी आ पड़ी है. बालोद में धान खरीदी किसानों के लिए सिरदर्द बनी हुई है. किसान धान बेचने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. पहले सरकार बारदाना देती थी. किसानों को इस बार बारदाना नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है. ऐसे में किसान परेशान नडर आ रहे हैं.
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बालोद के किसानों का कहना है कि बारदाना नई मुसीबत बन गई है. बारदाने ऊंचे-ऊंचे कीमत पर बिकने शुरू हो गए हैं. किसानों की समस्या बढ़ गई है. पहले धान की बुआई से लेकर धान की कटाई तक का खर्च उठा चुके हैं. अब उन्हें बारदाने का भी खर्च स्वयं ही उठाना पड़ रहा है.
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बारदाना बना सिरदर्द
धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से बारदाना उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. किसानों को खुद से बारदाना खरीदना पड़ रहा है. किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. गुजरा सोसायटी केंद्र में स्थिति खराब है. किसान बारदाने को लेकर काफी परेशान हैं. किसान शासन और प्रशासन से बारदाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रबंधन धान खरीदी केंद्र से नदारद रहा.
किसान धान खरीदी केंद्र में परेशान
बालोद में धान परिवहन भी धीमा चल रहा है. ऐसे में धान खरीदी की रफ्तार में कमी आ गई है. खरीदी केंद्रों में धान जाम होने की स्थिति बन गई है. धान जाम के कारण खरीदी प्रभावित हो रही है. किसान काफी परेशान हैं.