बालोद: जिले के आसपास के क्षेत्रों में अवैध लकड़ी कटाई को लेकर ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. बालोद ब्लॉक के चिराईगोड़ी गांव में तस्करी के लिए काटी गई लकड़ियों को प्रशासन ने जब्त कर लिया है.
सात पेड़ों हो चुकी है कटाई: एसडीएम शीतल बंसल और डिप्टी कलेक्टर प्राची ठाकुर के निर्देश पर पटवारी और स्थानीय प्रशासन ने लकड़ियों को जब्त कर लिया है. तस्करों पर कार्रवाई की. इस जगह से जलाई लकड़ियों को उठा लिया गया, लेकिन लकड़ी के प्रतिबंधित गोले मौजूद थे. लगभग छह से सात पेड़ों की कटाई की जा चुकी है.
पटवारी ने जब्त की लकड़ी: स्थानीय पटवारी ने तस्करी के लिए काटे गए पेड़ों को जब्त करके पंचायत को सौंप दिया गया. इस क्षेत्र में ट्रैक्टर की खाली ट्राली लकड़ियों को भरने के लिए तैयार थी. लेकिन उससे पहले ही प्रशासन की टीम ने छापेमारी कार्रवाई कर दी और लकड़ियों को जब्त कर लिया गया है. सरपंच खिलावन साहू ने बताया कि "हमें भी इस तरह के कारनामों की जानकारी नहीं थी. लगातार इस क्षेत्र में बाहर के ठेकेदार आकर किसानों से लकड़ियां खरीदते हैं और इन लकड़ियों की तस्करी करते हैं."
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सभी पेड़ कहुआ के: सरकार ने कहुआ पेड़ की कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन लकड़ी के ठेकेदार इन लकड़ियों को काट रहे हैं. खेत वीरान पड़ने लगा है. यहां जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं भी आ रही है. चिराईगोड़ी गांव का ये मामला है. यहां पहले भी सैकड़ों की संख्या में पेड़ों की कटाई की जा चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार किसान से इन पेड़ों का सौदा 7000 रुपए में तय हुआ था. यहां पर लगभग 7 पेड़ हैं.
सुबह भी टीम कर सकती है कार्रवाई: तस्करी और मिलो में खपाने के लिए काटे गए प्रतिबंधित पेड़ों की सप्लाई सुबह 4 बजे से हो जाती थी. अब प्रशासन पूरे मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर रही है. सुबह 4 बजे भी पुलिस प्रशासन और वन विभाग की टीम पेट्रोलिंग करेगी.