बालोद : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला स्वास्थ्य विभाग में लगे वाहनों के दुरुपयोग का मामला सामने आया है.इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दौरे के नाम पर गाड़ियों को निजी काम में इस्तेमाल कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ने वाहन को दौरे पर जाने की बात कहकर मंगवाया गया.लेकिन मौके पर परिवार के लोग वाहन में सामान रखकर दुर्ग जाने की तैयारी कर रहे थे.मीडिया की नजर पड़ते ही कर्मचारी ने वाहन खाली करवाकर उसे वापस भेज दिया.
कहां का है मामला : मामला स्वास्थ्य विभाग का है . जहां के लेखापाल रोहित शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी जिसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए किराए से लाया गया है. उसे अपने निजी काम के लिए शाम लगभग 6 बजे कार्यालय से बुलाया गया. इसके बाद वाहन को मरारपारा भेजकर उसमें सामान भरा जाने लगा.पूछताछ में पता चला कि वाहन दुर्ग स्टेशन जा रहा है.जिसमें रोहित शर्मा का परिवार जाने वाला है. पूरे मामले में लेखपाल अधिकारी नीलम सोनवानी का कहना है कि ''गाड़ियां बालोद ब्लॉक में चलती है. लेकिन इसका भुगतान जिले से होता है. दो टीम है. दोनों टीम आरएसबीके के तहत कार्य करती है.''
जिस आरबीएसके के वाहन को दुर्ग ले जाने की तैयारी थी. उसका क्रमांक सीजी 08 एआर 8890 है. जिसमें छत्तीसगढ़ शासन सेवार्थ लिखा हुआ है. ये गाड़ियां बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आंगनबाड़ी में जाने वाली गाड़ियां हैं. जिसमें डॉक्टर दौरा करते हैं. स्वास्थ्य विभाग के लेखा अधिकारी टीकम सोनवानी ने कहा कि '' दौरे में जाने के लिए वाहन मंगाया गया था, मुझे जिले से कॉल आया था और मैंने विकासखण्ड चिकित्सा विभाग का कर्मी हूं.'' वहीं बीएमओ के मुताबिक "मैं मामले को देखने के बाद कुछ कह पाऊंगा, फील्ड में रहने तक की जानकारी मुझे रहती है बाद में अगर दुरुपयोग किया गया है तो यह गलत है जांच किया जाएगा'' जितेंद्र सिंह, बीएमओ बालोद
आपको बता दें कि बालोद शहर के मरारपारा में यह गाड़ी बुलाई गई थी. सामान भरकर दुर्ग स्टेशन जाने की तैयारी थी. कर्मचारी रोहित शर्मा का परिवार उसमें सवार होने वाला था. लेकिन जब गाड़ी की तस्वीरें ली जाने लगी. तो वाहन से सभी सामान को उतारा गया. बोलेरो वाहन को वापस भेज दिया गया. सूत्र बताते हैं कि कल एक और गाड़ी निजी काम के लिए धमतरी निकलने वाली थी. लेकिन इस वाकिए के बाद दौरा रद्द कर दिया गया.