बालोद: जिले से एक दुखद खबर सामने आ रही है. चंदा दल (Group of chanda) के एक हाथी की मौत (death of elephant) हो गई है. जिसकी उम्र लगभग 3 साल बताई जा रही है. बालोद में पिछले 6 महीने से चंदा हाथियों का दल भ्रमण कर रहा है. वन विभाग (Forest department) का अमला सक्रिय है और हाथी की मृत्यु कैसी हुई है इस बात का पता लगाया जा रहा है.
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हाथी का 9 दिन पहले किया गया था इलाज
बता दें कि आज से ठीक 9 दिन पहले जिस घायल हाथी का इलाज किया गया था. उस नर हाथी की मौत हो गई है. घटना रविवार बीती रात की बताई जा रही हैं. दल्लीराजहरा वन परिक्षेत्र में कोकान से फत्तेटोला जाने वाले मार्ग में स्तिथ एक खेत में हाथी का शव बरामद (elephant carcass recovered) हुआ है. उक्त घटना के बाद से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
वन विभाग हाथी का पोस्टमार्टम (elephant postmortem) कर उसका अंतिम संस्कार करेगा. बालोद में विचरण कर रहे 22 से भी अधिक हाथियों के दल से बिछड़ कर बीते 11 सितंबर को दल्ली राजहरा परिक्षेत्र के ही खलारी-सलाईटोला समीप जंगल से लगे खेत में यह हाथी घायल मिला था.
वन विभाग ने किया था इलाज
गौरतलब है कि यह वही हाथी है जो आज से ठीक 9 दिन पहले ग्राम खल्लारी के एक खेत में घायल अवस्था देखा गया था. जिसका इलाज वन विभाग एवं डॉक्टरों की टीम ने किया था, लेकिन ठीक 9 दिनों बाद आज उस हाथी की मौत हो गई हैं. मामले में वन विभाग मृत हाथी का पोस्टमार्टम की तैयारी कर रहा है. जिसके बाद ही उसके मौत के कारणों का पता चल पाएगा. मिली जानकारी के अनुसार बालोद के अलावा दुर्ग की टीम भी बालोद पहुंच सकती है.