बालोद: शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अधिक फीस वसूली ( Fees Recovery in Government Ghanshyam Singh Gupta Postgraduate College) का मामला उजागर हुआ है. इसके खिलाफ आज छात्र-छात्राएं महाविद्यालय परिसर में ही धरने पर बैठ गए. इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए प्रबंधन ने इसका पूरा ठीकरा जनभागीदारी समिति पर फोड़ दिया है. वहीं, जनभागीदारी समिति की बातों से छात्र-छात्राएं भी अभी तक संतुष्ट नहीं हुए हैं. उनका कहना है कि जो भी फीस वसूली जा रही है, उसे तुरंत बंद किया जाए और जो फीस वसूली हो चुकी है, बच्चों को वापस की जाए.
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जनभागीदारी अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी
छात्र-छात्राओं ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जनभागीदारी अध्यक्ष के खिलाफ भी जमकर नारे लगाए गए. धरने पर बैठे छात्र विकास साहू ने बताया कि जब हम जवाब मांगते हैं तो किसी तरह का जवाब प्रबंधन द्वारा नहीं दिया जाता है. जिससे हम सब काफी परेशान हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब छात्र-छात्राएं शिक्षा की उम्मीद लिए महाविद्यालय तक पहुंचते हैं, लेकिन इस तरह यहां पर अधिक राशि वसूली जाएगी तो वह आखिर अपने घरों में क्या जवाब देंगे. वैसे भी कोरोना वायरस के संक्रमण काल में परीक्षा ऑफलाइन हो या फिर ऑनलाइन, इसका अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है. शुल्क लेने के बाद रसीद में 30 रुपए फार्म फॉरवर्डिंग शुल्क और 400 रुपए महाविद्यालय के विकास के नाम पर लिए जा रहे हैं.
जनभागीदारी अध्यक्ष दें जवाब : खलखो
महाविद्यालय के प्राचार्य जेआर खलखो (College Principal JR Khalkho) ने बताया कि जो भी राशि ली जा रही है, नियमानुसार है. इसमें प्रबंधन-कॉलेज का कुछ नहीं है. वह जनभागीदारी समिति का है. यह बात जनभागीदारी के अध्यक्ष को छात्र-छात्राओं को स्पष्ट करना चाहिए. मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता. लेकिन छात्र छात्राएं संतुष्ट हैं और धरने पर बैठ गए हैं. आखिर इस धरने का परिणाम क्या होगा. यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा. बता दें कि ऑनलाइन फॉर्म भरकर एक प्रति कॉलेज में जमा किया जा रहा है, लेकिन छात्रों से उसका फार्म तब तक नहीं लिया जा रहा है, जबतक वह 430 रुपये फार्म के साथ जमा नहीं कर रहे हैं.