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वॉरियर्स की मांगों को लेकर मितानिन कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

बालोद में कोविड-19 संक्रमण काल में प्रशासन और शासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाली मितानिन कार्यकर्ताओं (Mitanin workers) ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन (Display) किया. उन्होंने मांगों को लेकर ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी अपर कलेक्टर को सौंपा.

Role of WThose who play the role of warriors in Kovid-19 are being neglectearriors
मितानिनों का प्रदर्शन
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Published : Sep 4, 2021, 10:11 PM IST

Updated : Sep 4, 2021, 10:25 PM IST

बालोदः कोविड-19 संक्रमण (covid-19 infection) काल में प्रशासन (Administration) और शासन (Governance) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाली मितानिन कार्यकर्ता आज खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हैं. टीकाकरण (vaccination) केंद्रों में भी परस्पर ड्यूटी करने वाले इन मितानिन कार्यकर्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. मितानिन कार्यकर्ता प्रशासन के समक्ष अपनी मांग करने पहुंच गईं. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा. कहा कि मांगें पूरी नहीं की गई तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे. आज मितानिनों ने स्वास्थ्य मंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

मितानिनों का प्रदर्शन
पूरा नहीं हुआ सरकार का वादाछत्तीसगढ़ मितानिन यूनियन अध्यक्ष मीना डोंगरे ने बताया कि प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार सत्ता में जब आई तो मितानिन कार्यकर्ताओं को 5000 रुपये मानदेय के लिए कहा. आज भी मितानिन उपेक्षित हैं और उन्हें मानदेय नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण वह ठगा हुआ महसूस कर रही हैं. उन्होंने बताया कि हम गांव का हर छोटा सा छोटा और बड़ा से बड़ा काम करते हैं. हर सर्वे का हिस्सा होते हैं. परंतु इन सर्वे कार्य में हमें किसी भी तरह का पैसा नहीं दिया जाता.

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आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहीं कार्यकर्ता

मितानिन कार्यकर्ताओं ने कहा कि इन दिनों हमें जीवन यापन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जितने भी प्रकरणों में मितानिन कार्यकर्ताओं ने काम किया, जो राशि मिलती है उन्हें बढ़ाने की बात कही जा रही है और स्वास्थ विभाग द्वारा जो भी सर्वे कराए जाते हैं उन सभी सर्वे में किसी तरह की कोई राशि नहीं मिलती. केंद्र सरकार द्वारा शत-प्रतिशत मितानिन कार्यकर्ताओं को मानदेय देने की घोषणा की गई है. उसे भी जल्द से जल्द देना चाहिए. उन्होंने आंदोलन को और उग्र किए जाने की बात कही.

बालोदः कोविड-19 संक्रमण (covid-19 infection) काल में प्रशासन (Administration) और शासन (Governance) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाली मितानिन कार्यकर्ता आज खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हैं. टीकाकरण (vaccination) केंद्रों में भी परस्पर ड्यूटी करने वाले इन मितानिन कार्यकर्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. मितानिन कार्यकर्ता प्रशासन के समक्ष अपनी मांग करने पहुंच गईं. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा. कहा कि मांगें पूरी नहीं की गई तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे. आज मितानिनों ने स्वास्थ्य मंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

मितानिनों का प्रदर्शन
पूरा नहीं हुआ सरकार का वादाछत्तीसगढ़ मितानिन यूनियन अध्यक्ष मीना डोंगरे ने बताया कि प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार सत्ता में जब आई तो मितानिन कार्यकर्ताओं को 5000 रुपये मानदेय के लिए कहा. आज भी मितानिन उपेक्षित हैं और उन्हें मानदेय नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण वह ठगा हुआ महसूस कर रही हैं. उन्होंने बताया कि हम गांव का हर छोटा सा छोटा और बड़ा से बड़ा काम करते हैं. हर सर्वे का हिस्सा होते हैं. परंतु इन सर्वे कार्य में हमें किसी भी तरह का पैसा नहीं दिया जाता.

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मितानिन कार्यकर्ताओं ने कहा कि इन दिनों हमें जीवन यापन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जितने भी प्रकरणों में मितानिन कार्यकर्ताओं ने काम किया, जो राशि मिलती है उन्हें बढ़ाने की बात कही जा रही है और स्वास्थ विभाग द्वारा जो भी सर्वे कराए जाते हैं उन सभी सर्वे में किसी तरह की कोई राशि नहीं मिलती. केंद्र सरकार द्वारा शत-प्रतिशत मितानिन कार्यकर्ताओं को मानदेय देने की घोषणा की गई है. उसे भी जल्द से जल्द देना चाहिए. उन्होंने आंदोलन को और उग्र किए जाने की बात कही.

Last Updated : Sep 4, 2021, 10:25 PM IST
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