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बालोद : गोबर बेचकर आत्मनिर्भर बन रहे किसान

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Published : Jul 29, 2020, 6:32 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 10:06 PM IST

बालोद में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी की जा रही है. इससे किसान काफी खुश हैं. सरकार की इस योजना से अन्नदाता आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं.

Cow dung purchase sheet
गोबर क्रय पत्रक

बालोद : जिले में गोधन न्याय योजना के तहत किसान काफी लाभान्वित हो रहे हैं. साथ ही किसान अब गोबर के महत्व और कीमत को भी समझ रहे हैं. सभी किसान गोबर को इकट्ठा करने में जुटे हैं. सरकार की ओर से भी प्राथमिकता से गोबर की खरीदी की जा रही है. ऐसे में बालोद जिले में गोबर की खरीदी की जा रही है. गोबर बेचने वाले किसान भी काफी खुश हैं और प्रशासन की इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लेकर आगे बढ़ रही है. इस योजना से किसान अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

गोधन से हो रहा किसानों को आय
कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले में अब तक 2309 क्विंटल 97 किलो गोबर खरीदा जा चुका है. साथ ही कृषि विभाग ने बताया कि कृषक इस योजना को लेकर काफी उत्साह दिखा रहे हैं. गौठानों में गोबर का अच्छा कलेक्शन भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि समय पर उनका भुगतान भी किया जाएगा, ताकि किसानों को आर्थिक मदद मिल सके. साथ ही इस योजना को लेकर उनका उत्साह लगातार बना रहे.

पढ़ें : रायपुर: कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष बने सुरेंद्र शर्मा, रविंद्र चौबे ने कराया पदभार ग्रहण

2 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदे जा रहे इस गोबर से कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी. इसे पैकिंग कर ऊंचे दामों में बेचा जाएगा. इससे जैविक ढंग से उर्वरक क्षमता बढ़ाई जा सकती है और जो रासायनिक खाद किसान उपयोग करते हैं उससे भी निर्भरता किसानों की कम होगी. साथ ही सरकार को आए तो मिलेगा, किसान भी इस योजना से आत्मनिर्भर बन पाएंगे.

बालोद : जिले में गोधन न्याय योजना के तहत किसान काफी लाभान्वित हो रहे हैं. साथ ही किसान अब गोबर के महत्व और कीमत को भी समझ रहे हैं. सभी किसान गोबर को इकट्ठा करने में जुटे हैं. सरकार की ओर से भी प्राथमिकता से गोबर की खरीदी की जा रही है. ऐसे में बालोद जिले में गोबर की खरीदी की जा रही है. गोबर बेचने वाले किसान भी काफी खुश हैं और प्रशासन की इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लेकर आगे बढ़ रही है. इस योजना से किसान अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

गोधन से हो रहा किसानों को आय
कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले में अब तक 2309 क्विंटल 97 किलो गोबर खरीदा जा चुका है. साथ ही कृषि विभाग ने बताया कि कृषक इस योजना को लेकर काफी उत्साह दिखा रहे हैं. गौठानों में गोबर का अच्छा कलेक्शन भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि समय पर उनका भुगतान भी किया जाएगा, ताकि किसानों को आर्थिक मदद मिल सके. साथ ही इस योजना को लेकर उनका उत्साह लगातार बना रहे.

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2 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदे जा रहे इस गोबर से कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी. इसे पैकिंग कर ऊंचे दामों में बेचा जाएगा. इससे जैविक ढंग से उर्वरक क्षमता बढ़ाई जा सकती है और जो रासायनिक खाद किसान उपयोग करते हैं उससे भी निर्भरता किसानों की कम होगी. साथ ही सरकार को आए तो मिलेगा, किसान भी इस योजना से आत्मनिर्भर बन पाएंगे.
Last Updated : Jul 29, 2020, 10:06 PM IST
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