बालोद: शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ अब भी काफी पीछे है, इसमें सुधार के लिए जमीनी स्तर पर बदलाव जरूरी है. इस क्रम में कलेक्टर रानू साहू द्वारा अच्छी पहल की जा रही है. इनके पहले भी कई कलेक्टरों ने इस तरह की पहल की है, जिससे जिले के रिजल्ट में बदलाव आया है.
प्रदेश में शिक्षा का स्तर ऊंचा करने और बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने के लिए कलेक्टर अच्छी पहल कर रही हैं. कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को इसके लिए निर्देशित किया है वे पिछले साल के परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न पत्रों का लगातार बच्चों को रिवीजन कराए और राइटिंग स्किल सुधारने के लिए बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दें. इसके साथ ही रोजाना होमवर्क दें ताकि बच्चे पढ़ाई में लगे रहे. कुछ विद्यालयों में इसका पालन नहीं हो रहा है, जिसके कारण कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी और एक प्राचार्य को नोटिस जारी किया है.
प्राथमिक शाला का अचानक हुआ निरीक्षण
बता दें कि कलेक्टर ने डौंडीलोहारा विकासखंड के कोड़ेकसा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला केरी जुंगेरा गांव का शासकीय प्राथमिक शाला का अचानक निरीक्षण किया, जहां 12वीं के छात्र-छात्राओं से चर्चा कर पढ़ाई की जानकारी ली.
राइटिंग स्किल अनिवार्य
मामले में कलेक्टर ने कहा कि इस मास्टर प्लान के तहत बच्चों की स्किन सुधारना हमारा मुख्य मकसद है. सभी विद्यालयों में यह प्रक्रिया कराई जा रही हैं और जहां लापरवाही की बात सामने आएगी वहां कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि हमें शत-प्रतिशत परिणाम पूरे बालोद जिले से लाना है और यह तभी संभव हो पाएगा जब बच्चे शिक्षा से बेहतर ढंग से जुड़े रहेंगे. इसमें राइटिंग स्किल भी बहुत अनिवार्य है. रोजाना अभ्यास कराने से राइटिंग स्किल सुधरेगी.
जिला प्रशासन की रहेगी नजर
कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी विद्यालयों को आदेश दिया गया है और विद्यालयों में लगभग इसका अभ्यास कराना शुरू भी किया जा चुका है और जिन विद्यालयों में ऐसा अभ्यास कराना नहीं पाया जा रहा है, वहां जिला प्रशासन की नजर है.