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बालोद: जारी है NHM स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल, कलेक्टर ने ड्यूटी जॉइन करने का दिया नोटिस - एनएचएम संविदा कर्मी हड़ताल पर

बालोद में NHM संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल 19 तारीख से जारी है. कलेक्टर ने उन्हें वापस नौकरी पर लौटने के लिए नोटिस भी जारी किया है. ऐसा नहीं करने पर नौकरी से निकाल देने की बात भी कही है, इसके बावजूद स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए हैं.

balod nhm workers strike
बालोद में जारी है NHM स्वास्थ्यकर्मियों का हड़ताल
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Published : Sep 21, 2020, 1:31 PM IST

बालोद: जिले के NHM संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल अब तक जारी है. बता दें कि जिले के सभी संविदा स्वास्थ्यकर्मी 19 सितंबर से नियमितिकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. सभी स्वास्थ्यकर्मी तरह-तरह से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इधर कलेक्टर ने फरमान जारी कर दिया है कि 24 घंटे में सभी स्वास्थ्यकर्मी अपने काम पर वापस लौट जाएं, ऐसा नहीं करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा. कलेक्टर के आदेश के बाद भी सभी स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर डटे हुए हैं.

बालोद में जारी है NHM स्वास्थ्यकर्मियों का हड़ताल

संविदाकर्मियों के हड़ताल पर जाने से कोरोना संकटकाल में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है. स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि वे आधे वेतन में भी अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभा रहे हैं, इसके बावजूद अब तक सरकार ने उनकी मदद और सुरक्षा के लिए कोई विकल्प नहीं निकाला है. उनका कहना है कि महामारी के इस दौर में अपनी जान को खतरे में डालकर वे रोजाना काम कर रहे हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार को उनकी इस मेहनत से फर्क नहीं पड़ता.

balod nhm workers strike
बालोद में जारी है NHM स्वास्थ्यकर्मियों का हड़ताल

पढ़ें- नियमितीकरण नहीं होने से नाराज नेशनल हेल्थ मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि जब वे लगातार अपने काम पर आ रहे थे, तब उनकी सुरक्षा के लिए आवाज उठाने वाला कोई नहीं था, आज जब वे हड़ताल पर चले गए, तो जिला प्रशासन उनकी नौकरी छीन लेने की बात कर रहा है. उनका कहना है कि वे तभी नौकरी पर वापस लौटेंगे, जब उनकी मांगें पूरी की जाएंगी.

पढ़ें- बालोद में संविदा कर्मचारी हड़ताल पर, राज्य सरकार के सामने रखी ये मांग

बता दें कि पूरे प्रदेश के एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले के सभी संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. जिसे सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है. यही वजह है कि महामारी के इस दौर में ये स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं.

बालोद: जिले के NHM संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल अब तक जारी है. बता दें कि जिले के सभी संविदा स्वास्थ्यकर्मी 19 सितंबर से नियमितिकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. सभी स्वास्थ्यकर्मी तरह-तरह से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इधर कलेक्टर ने फरमान जारी कर दिया है कि 24 घंटे में सभी स्वास्थ्यकर्मी अपने काम पर वापस लौट जाएं, ऐसा नहीं करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा. कलेक्टर के आदेश के बाद भी सभी स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर डटे हुए हैं.

बालोद में जारी है NHM स्वास्थ्यकर्मियों का हड़ताल

संविदाकर्मियों के हड़ताल पर जाने से कोरोना संकटकाल में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है. स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि वे आधे वेतन में भी अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभा रहे हैं, इसके बावजूद अब तक सरकार ने उनकी मदद और सुरक्षा के लिए कोई विकल्प नहीं निकाला है. उनका कहना है कि महामारी के इस दौर में अपनी जान को खतरे में डालकर वे रोजाना काम कर रहे हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार को उनकी इस मेहनत से फर्क नहीं पड़ता.

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बालोद में जारी है NHM स्वास्थ्यकर्मियों का हड़ताल

पढ़ें- नियमितीकरण नहीं होने से नाराज नेशनल हेल्थ मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि जब वे लगातार अपने काम पर आ रहे थे, तब उनकी सुरक्षा के लिए आवाज उठाने वाला कोई नहीं था, आज जब वे हड़ताल पर चले गए, तो जिला प्रशासन उनकी नौकरी छीन लेने की बात कर रहा है. उनका कहना है कि वे तभी नौकरी पर वापस लौटेंगे, जब उनकी मांगें पूरी की जाएंगी.

पढ़ें- बालोद में संविदा कर्मचारी हड़ताल पर, राज्य सरकार के सामने रखी ये मांग

बता दें कि पूरे प्रदेश के एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले के सभी संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. जिसे सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है. यही वजह है कि महामारी के इस दौर में ये स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं.

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