बालोद : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी को एक बार फिर निशाने पर लिया है. कमीशन खोरी का आरोप लगाने वाली बात कहने वालों को सीएम भूपेश ने जवाब दिया है. सीएम भूपेश की माने तो उनकी सरकार में सारी चीजें ट्रांसपैरेंट हैं.हितग्राहियों को पैसा सीधा उनके खाते में दिया जाता है. जिस सरकार में कमीशनखोरी होती थी वो कांग्रेस की सरकार नहीं थी. सीएम भूपेश की माने तो साइकिल बांटने से लेकर मोबाइल बांटने तक कमीशनखोरी का खेल खेला गया था. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीएम भूपेश पर कमीशनखोरी का आरोप लगाए थे.जिसके बाद सीएम ने इसका जवाब दिया है.
खाका कहना प्रदेशवासियों का अपमान : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''साहित्यकार, कवि और पूरी छत्तीसगढ़ की जनता मुझे प्रेम से काका कहकर बुलाती है.केंद्रीय मंत्री जी ने ये जो काका को खाका कहा है यह बहुत गलत है. यह पूरे प्रदेश वासियों का अपमान है. हर बच्चे यहां पर काका कहते हैं अब तो बड़े बुजुर्ग भी काका कहने लगे हैं. ये छत्तीसगढ़ वासियों का प्रेम है. वहीं बात कमीशन की है तो बेरोजगारी भत्ता हो या धान खरीदी. सभी में पारदर्शिता है. सब का पैसा सीधे हितग्राहियों के खाते में जा रहा है. तो कमीशन खोरी कैसे होगी. यहां की यहां भाजपा अपनी कमीशन खोरी का परिचय कर रही है.''
किसानों को एमएसपी दिखाकर छलने की कोशिश : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एमएसपी को छलावा बताया है. सीएम भूपेश के मुताबिक "यूपीए के समय में निरंतर एमएसपी वृद्धि हुई थी. कांग्रेस ने 130 प्रतिशत की वृद्धि की थी.जबकि एनडीए में 61 प्रतिशत वृद्धि हुई है. आधे से कम वृद्धि की गई है. केन्द्र की सरकार ने किसानों की से दोगुनी करने की बात कही थी. लेकिन अब तो कृषि की लागत दोगुनी हो गई है. कोदो कुटकी का उत्पादन भारी मात्रा में होता है. उसका समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया है. मोदी सरकार ने किसानों के साथ छल किया है."
एक बार फिर छत्तीसगढ़ में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राजनीति तेज हो गई है. सीएम बघेल केंद्र सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस इस ऐलान को ऊंट के मुंह में जीरे के समान बता रही है.