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Chhattisgarh Election 2023: बालोद में कांग्रेस मजबूत, भाजपा को सीटों की दरकार, जानिए इस बार क्या है समीकरण

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Published : Jun 15, 2023, 7:42 PM IST

छत्तीसगढ़ का बालोद जिला राजनीतिक तौर पर कांग्रेस और भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. वैसे तो यहां तीन विधानसभा सीटें हैं, जिनमें संजारी बालोद, डौंडी लोहारा और गुण्डरदेही शामिल हैं. तीनों ही सीटों पर पिछले 2 चुनावों में कांग्रेस का कब्जा है. प्रदेश में छत्तीसगढ़ की सरकार भले ही साल 2018 में बनी हो, लेकिन बालोद जिले के तीनों सीटों में 2013 से कांग्रेस का कब्जा है. बालोद में कांग्रेस इस बार जीत की हैट्रिक मारने के उद्देश्य से उतरेगी. वहीं भाजपा के लिए तीनों सीट जीतना एक चुनौती है. Chhattisgarh Election 2023

Chhattisgarh Assembly Election 2023
बालोद में इस बार क्या है समीकरण

बालोद: 2013 से पहले बलोद को भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता था. लेकिन बाद में प्रदेश नेतृत्व की अनदेखी के चलते यह सीटें बीजेपी के हाथ से ऐसी निकलीं कि पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस यहां क्लीन स्वीप कर रही है. यहां तक कि 2013 में भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाई, लेकिन तब भी बालोद में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत सकी. वहीं इस बार भाजपा नए चेहरों को मौका दे सकती है. कांग्रेस की ओर से जीते हुए चेहरे इस बार फिर जोर आजमा सकते हैं. भाजपा में इस बात की जमकर चर्चा है कि पुराने हारे हुए प्रत्याशियों से किनारा किया जा सकता है.

लोकसभा में बीजेपी पर जनता ने जताया भरोसा: जिले के तीनों सीटों की बात करें, तो मजेदार बात बात ये है कि यहां की जनता ने केंद्रीय नेतृत्व के लिए भाजपा को ही चुना है. भाजपा के सांसद मोहन मंडावी पर 2019 लोकसभा चुनाव में जिले के मतदाताओं ने अपना भरोसा जताया है. जिसका एकमात्र कारण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा था. कांकेर लोकसभा सीट के अंदर आने वाली बालोद जिले में 2019 में भाजपा प्रत्याशी मोहन मंडावी को सबसे ज्यादा वोट इन्हीं तीनों विधानसभा क्षेत्रों से मिले थे.

प्रदेश में नेतृत्व के लिए काग्रेंस को चुना: तीनों विधानसभा सीटों में दिलचस्प बात यह है कि, विधानसभा चुनाव 2018 में बालोद की जनता ने प्रदेश नेतृत्व के लिए कांग्रेस का साथ दिया. वर्तमान में संजारी बालोद सीट से संगीता सिन्हा विधायक हैं. डौंडीलोहारा विधानसभा सीट से अनिला भेंडिया विधायक हैं, जो प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं. साथ ही गुण्डरदेही सीट से कुंवर सिंह निषाद विधायक हैं.

"कार्यकर्ता हमारा सबसे बड़ा धन है": आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 पर कांग्रेस नेता चंद्रेश हिरवानी ने बताया कि "आने वाले चुनाव में हमारे पास मुद्दे ही मुद्दे हैं. हम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में जो काम हुए हैं, उन्हें लेकर जनता के बीच जाएंगे. चाहे वह किसानों का कर्ज माफी, गौठान के माध्यम से गोधन न्याय योजना, शिक्षा के क्षेत्र में आत्मानंद स्कूल कालेज, सोसाइटी में किसानों की चौपाल. धान खरीदी, मिलेट्स रागी-कुटकी का समर्थन मूल्य निर्धारण, लघु वनोपज की खरीदी प्रारंभ की. कार्यकर्ता हमारा सबसे बड़ा धन है."

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मोदी सरकार की नीतियों को लेकर उतरेगी बीजेपी: भाजपा के वरिष्ठ नेता दुर्गानंद साहू ने कहा "भले दो पंचवर्षीय में बालोद में तीन विधायक रहे, पर अब जिले की जनता भाजपा की ओर आशा भरी निगाहों के साथ देख रही है. हम आने वाले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाएंगे. कैसे उनके कुशल नेतृत्व में देश का नाम विदेशों तक फैल रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण काल में उनकी नीतियों ने देश को निजात दिलाया. लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए अतिरिक्त चांवल की व्यवस्था की. कांग्रेस ने जो गलत काम किए, उसे लेकर हम जनता के बीच जाएंगे."

छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है. कांग्रेस इस बार भी विधानसभा चुनाव 2018 को दोहराना चाहती है. वहीं बीजेपी पिछले चुनाव को एक बुरे सपने की तरह भूलकर पूरी ताकत के साथ फिर चु नवी मैदान में उतरने को तैयार है. बालोद विधानसभा की बात करें, तो पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के विजयी रथ को रोकने भाजपा जोर लगा रही है. देखना होगा कि इस बार बालोद की जनता किस पर भरोसा दिखाती है.

बालोद: 2013 से पहले बलोद को भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता था. लेकिन बाद में प्रदेश नेतृत्व की अनदेखी के चलते यह सीटें बीजेपी के हाथ से ऐसी निकलीं कि पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस यहां क्लीन स्वीप कर रही है. यहां तक कि 2013 में भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाई, लेकिन तब भी बालोद में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत सकी. वहीं इस बार भाजपा नए चेहरों को मौका दे सकती है. कांग्रेस की ओर से जीते हुए चेहरे इस बार फिर जोर आजमा सकते हैं. भाजपा में इस बात की जमकर चर्चा है कि पुराने हारे हुए प्रत्याशियों से किनारा किया जा सकता है.

लोकसभा में बीजेपी पर जनता ने जताया भरोसा: जिले के तीनों सीटों की बात करें, तो मजेदार बात बात ये है कि यहां की जनता ने केंद्रीय नेतृत्व के लिए भाजपा को ही चुना है. भाजपा के सांसद मोहन मंडावी पर 2019 लोकसभा चुनाव में जिले के मतदाताओं ने अपना भरोसा जताया है. जिसका एकमात्र कारण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा था. कांकेर लोकसभा सीट के अंदर आने वाली बालोद जिले में 2019 में भाजपा प्रत्याशी मोहन मंडावी को सबसे ज्यादा वोट इन्हीं तीनों विधानसभा क्षेत्रों से मिले थे.

प्रदेश में नेतृत्व के लिए काग्रेंस को चुना: तीनों विधानसभा सीटों में दिलचस्प बात यह है कि, विधानसभा चुनाव 2018 में बालोद की जनता ने प्रदेश नेतृत्व के लिए कांग्रेस का साथ दिया. वर्तमान में संजारी बालोद सीट से संगीता सिन्हा विधायक हैं. डौंडीलोहारा विधानसभा सीट से अनिला भेंडिया विधायक हैं, जो प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं. साथ ही गुण्डरदेही सीट से कुंवर सिंह निषाद विधायक हैं.

"कार्यकर्ता हमारा सबसे बड़ा धन है": आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 पर कांग्रेस नेता चंद्रेश हिरवानी ने बताया कि "आने वाले चुनाव में हमारे पास मुद्दे ही मुद्दे हैं. हम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में जो काम हुए हैं, उन्हें लेकर जनता के बीच जाएंगे. चाहे वह किसानों का कर्ज माफी, गौठान के माध्यम से गोधन न्याय योजना, शिक्षा के क्षेत्र में आत्मानंद स्कूल कालेज, सोसाइटी में किसानों की चौपाल. धान खरीदी, मिलेट्स रागी-कुटकी का समर्थन मूल्य निर्धारण, लघु वनोपज की खरीदी प्रारंभ की. कार्यकर्ता हमारा सबसे बड़ा धन है."

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छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है. कांग्रेस इस बार भी विधानसभा चुनाव 2018 को दोहराना चाहती है. वहीं बीजेपी पिछले चुनाव को एक बुरे सपने की तरह भूलकर पूरी ताकत के साथ फिर चु नवी मैदान में उतरने को तैयार है. बालोद विधानसभा की बात करें, तो पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के विजयी रथ को रोकने भाजपा जोर लगा रही है. देखना होगा कि इस बार बालोद की जनता किस पर भरोसा दिखाती है.

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