बालोद: छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के लिए बीजेपी ने परिवर्तन यात्रा निकाली है. ये यात्रा 15 सितंबर को बालोद जिले के तीनोंं विधानसभा क्षेत्र में पहुंचेगी. इसके लिए बीजेपी ने खास तैयारी की है. पूरे शहर में जगह-जगह बैनर पोस्टर लगाए गए हैं. आयोजन स्थल पर भी खास तैयारी की गई है. हालांकि पार्टी में परिवर्तन यात्रा के दौरान अलगाव देखने को मिल रहा है. यहां बीजेपी दो से तीन हिस्सों में बंट गई है. यहां भाजपा की परिवर्तन यात्रा में एकजुटता नहीं दिख रही है. ज्यादातर पोस्टर में बीजेपी के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार की तस्वीर गायब है. जिले के पूर्व विधायकों की तस्वीरें भी पोस्टर से गायब है.
पोस्टर लगाने वालों को समझना चाहिए (BJP Parivartan Yatra Poster in Balod): इस बारे में संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रीतम साहू ने पोस्टर लगाने वाले लोगों को समझदार बनने की बात कही है. उन्होंने कहा कि "गुटबाजी जैसा कोई विषय नहीं है. चुनाव के समय सब चलता है." जब उनसे पूछा गया कि सारे पोस्टर से जिला अध्यक्ष का फोटो गायब है. तब उन्होंने कहा कि "यह संगठन का मामला है." इस पर जब उनसे पूछा गया कि बाकी लोग क्या संगठन से बाहर हैं? तो उन्होंने कहा कि "ऐसे पोस्टर लगाने वालों को खुद समझना चाहिए. हम इसमें क्या बोल सकते हैं?"
सबका अपना विवेक: इस मामले में परिवर्तन यात्रा कार्यक्रम के प्रभारी राकेश यादव ने कहा कि "सबका अपना-अपना विवेक है. सब व्यक्तिगत रूप से बैनर-पोस्टर लगा रहे हैं, जिनको जो पसंद है. उनकी तस्वीर लगाई जा रही है. यह पार्टी का विषय नहीं है. सब व्यक्तिगत रूप से बैनर पोस्टर लगवा रहे हैं. इसमें हम कुछ नहीं बोल सकते."
संगठन के नीचे हम सब: डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा से घोषित प्रत्याशी देवलाल ठाकुर ने मामले में कहा कि "संगठन के नीचे हम सब हैं. संगठन का महत्व सभी को समझना चाहिए. इस विषय को लेकर मैं परिवर्तन यात्रा के प्रभारी से बात करूंगा. सभी को विजय संकल्प लेना है. सभी को एकजुट होकर चलना चाहिए."
पार्टी संबंधित पोस्ट में जिला अध्यक्ष की फोटो जरूरी: पूरे मामले में बीजेपी के जिला प्रभारी मधुसूदन यादव ने कहा है कि "पैसा चाहे कोई भी लगाए. फोटो किसी का भी बड़ा हो, छोटा हो. पार्टी के प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए. यदि कोई भी पोस्टर पार्टी से संबंधित है. भारतीय जनता पार्टी का उसमें नाम है. उसमें विषय है तो उसमें जिला अध्यक्ष का फोटो लगना जरूरी है. वह जिले का सर्वे सर्वा होता है. उसके बिना संगठन अधूरा है, मैं इस मामले को संज्ञान में ले रहा हूं. सबसे इस विषय को लेकर चर्चा करूंगा."
जिलाध्यक्ष के करीबी पोस्टर में पीछे: संगठन से कोसों दूर रहकर राजनीति कर रहे बीजेपी के टीम के सदस्यों ने पूरे शहर को पोस्टरों से पाट दिया है. वहीं, एक तरफ जिला अध्यक्ष के करीबी बताकर संगठन में अपनी रोटी सेंकने वाले दर्जन भर कार्यकर्ताओं के बैनर पोस्टर ही शहर में देखने को नहीं मिल रहे हैं. दिनभर कार्यालय में समय गुजारने वाले नेता भी पोस्टर लगाने में कोसों दूर नजर आ रहे हैं. यहां तक कि अल्पसंख्यक मोर्चा के बैनर पोस्टर में भी संगठन प्रमुखों की तस्वीरें गायब हैं.
ऐसे में कैसे होगा परिवर्तन: एक तरफ परिवर्तन यात्रा के माध्यम से भाजपा प्रदेश में सत्ता पाने को निकली हुई है. वहीं, दूसरी ओर पार्टी में ही गुटबाजी खुलकर पोस्टर के माध्यम से सामने आ रही है. ऐसे में प्रदेश में कैसे बीजेपी परिवर्तन लाएगी?