बालोद: छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी 'नरवा, गरवा, घुरवा, बारी' यह टैगलाइन प्रदेश के लिए पहचान बन गई है. अब इस योजना की लोकप्रियता गांव-गांव से निकलकर विदेश तक पहुंच गई है. इससे प्रभावित कनाडा के विशेषज्ञ टॉड बालोद पहुंचे. जहां वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और ग्रामीण जीवन शैली के साथ शासन की इस योजना की जानकारी ली. टॉड बालोद जिले के देवगहन गांव पहुंचे थे.
आदर्श गौठान को देखकर टॉड काफी प्रभावित हुए और महिलाओं के लाइवलीहुड जो वर्मी कंपोस्ट माध्यम से चल रही है. टॉड ने इससे प्रभावित होकर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का यह मॉडल विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
कैनेडियन विशेषज्ञ टॉड ने की सरपंच की तारीफ
मिस्टर टॉड ने बालोद जिले की विभिन्न गतिविधियों का अध्ययन किया. इसके तहत प्रदेश की विख्यात सांस्कृतिक टीम लोकरंग का भी अध्ययन किया. गांव में सचिन तेंदुलकर की मूर्ति देख वे काफी प्रभावित हुए, उन्होंने कहा कि सरपंच की ओर से जो खेल भावना के विस्तार का विचार अपने मन में रखा गया है. वह काफी अच्छा है. उन्होंने कहा कि सरपंच का यह प्रयास जरूर रंग लाएगा और 1 दिन सचिन तेंदुलकर अपनी मूर्ति को देखने यहां पहुंचेंगे.
महिलाओं से ली जानकारी
देवगहन गांव पहुंचे टॉड ने छत्तीसगढ़ की नरवा, गुरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत बने आदर्श गौठान का निरीक्षण करने गांव के गौठान पहुंचे. गौठान में उन्होंने किस तरह गोबर का रिसाइकल किया जाता है, किस तरह वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है. इस बात की महिलाओं से मिलकर जानकारी ली. टॉड ने महिलाओं से पूछा कि कैसे वे यह सब तैयार करती हैं, तो महिलाओं ने अपने काम के बारे में उनकों जानकारी दी.
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टॉड ने बताया कि वह कनाडा से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति रहन-सहन का अध्ययन करने पहुंचे हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ की इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में सुना था और यह भी सुना था कि देवगहन में इसका क्रियान्वयन बेहतर ढंग से किया जा रहा है. जिसे देखने वे पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि यहां से अध्ययन के बाद उन्होंने जो चीजें सीखी है वह अद्वितीय है.