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Balod : स्थानीय ग्रामीणों को हटाकर बाहरी मजदूरों से काम , बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीण का आरोप

दल्ली राजहरा माइंस के अंतर्गत धोबेदंड में पेलेट प्लांट बन रहा है. लेकिन इस प्लांट के निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों को काम से हटा दिया गया.जिसका विरोध होने लगा है.

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बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीणों का आरोप
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Published : Apr 11, 2023, 4:54 PM IST

बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीण का आरोप

बालोद : भिलाई इस्पात संयंत्र दल्ली माइंस के गांव धोबेदंड में पेलेट प्लांट बन रहा है. जहां दूसरे राज्यों से मजदूरों को बुलाकर काम कराया जा रहा है. जबकि, स्थानीय मजदूरों को काम से निकाल दिया गया है. जिससे नाराज ग्रामीण अब भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि, यदि गांव में प्लांट खुल रहा है तो स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिले. स्थानीय युवा बेरोजगारों, पढ़े लिखे लोगों को साथ ही रोजी मजदूरी करने वाले लोगों को काम मिलना चाहिए.

स्थानीय मजदूर कर रहे थे काम : ग्रामीणों ने बताया कि ''पहले प्लांट का अभी निर्माण कार्य चल रहा है. जिसमें सबसे पहले स्थानीय ग्रामीणों को रखा गया था कंपनी ने स्थानीय बेरोजगारों को काम देने की बात कही थी.लेकिन जब प्लांट का काम शुरु हुआ तो स्थानीय लोगों को हटाकर दूसरे राज्यों के मजदूरों को रख लिया गया. इसलिए, हम सब जिला प्रशासन और महाप्रबंधक भिलाई इस्पात संयंत्र से मांग कर रहे हैं कि, हमें वहां पर उचित रोजगार दिया जाए.



बाहरी मजदूरों को वापस भेजने की मांग : ग्रामीणों ने बताया कि," आदिवासी विकास खंड के अंतर्गत यह गांव आता है. जल जंगल और जमीन हमारे कार्य क्षेत्र में हैं. इसलिए हमारे जमीन के अंतर्गत आने वाले आसपास पंचायत क्षेत्र के समस्त शिक्षित बेरोजगारों को यहां काम दिया जाए. बाहर से आए मजदूरों को तत्काल वापस भेजने की बात भी की जा रही है. यदि वापस स्थानीय लोगों को काम पर नहीं रखा जाता है. तो वह आगे रणनीति बनाएंगे और प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे."

ये भी पढ़ें- बालोद में धर्मांतरण करने वाले दो परिवारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों के साथ धोखा : एक तरफ तो सरकार पलायन रोकने की बात करती है. दूसरी तरफ बीएसपी प्रबंधन स्थानीय लोगों को ही काम से निकाल रहा है. प्रोजेक्ट खोलने को लेकर ग्रामीण खुश थे. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि, ग्रामीणों को ठगा गया है.शत प्रतिशत स्थानीय लोगों को काम देने की बात कहकर, खोले जा रहे प्लांट से अब स्थानीय ही नदारद हैं.

बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीण का आरोप

बालोद : भिलाई इस्पात संयंत्र दल्ली माइंस के गांव धोबेदंड में पेलेट प्लांट बन रहा है. जहां दूसरे राज्यों से मजदूरों को बुलाकर काम कराया जा रहा है. जबकि, स्थानीय मजदूरों को काम से निकाल दिया गया है. जिससे नाराज ग्रामीण अब भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि, यदि गांव में प्लांट खुल रहा है तो स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिले. स्थानीय युवा बेरोजगारों, पढ़े लिखे लोगों को साथ ही रोजी मजदूरी करने वाले लोगों को काम मिलना चाहिए.

स्थानीय मजदूर कर रहे थे काम : ग्रामीणों ने बताया कि ''पहले प्लांट का अभी निर्माण कार्य चल रहा है. जिसमें सबसे पहले स्थानीय ग्रामीणों को रखा गया था कंपनी ने स्थानीय बेरोजगारों को काम देने की बात कही थी.लेकिन जब प्लांट का काम शुरु हुआ तो स्थानीय लोगों को हटाकर दूसरे राज्यों के मजदूरों को रख लिया गया. इसलिए, हम सब जिला प्रशासन और महाप्रबंधक भिलाई इस्पात संयंत्र से मांग कर रहे हैं कि, हमें वहां पर उचित रोजगार दिया जाए.



बाहरी मजदूरों को वापस भेजने की मांग : ग्रामीणों ने बताया कि," आदिवासी विकास खंड के अंतर्गत यह गांव आता है. जल जंगल और जमीन हमारे कार्य क्षेत्र में हैं. इसलिए हमारे जमीन के अंतर्गत आने वाले आसपास पंचायत क्षेत्र के समस्त शिक्षित बेरोजगारों को यहां काम दिया जाए. बाहर से आए मजदूरों को तत्काल वापस भेजने की बात भी की जा रही है. यदि वापस स्थानीय लोगों को काम पर नहीं रखा जाता है. तो वह आगे रणनीति बनाएंगे और प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे."

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ग्रामीणों के साथ धोखा : एक तरफ तो सरकार पलायन रोकने की बात करती है. दूसरी तरफ बीएसपी प्रबंधन स्थानीय लोगों को ही काम से निकाल रहा है. प्रोजेक्ट खोलने को लेकर ग्रामीण खुश थे. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि, ग्रामीणों को ठगा गया है.शत प्रतिशत स्थानीय लोगों को काम देने की बात कहकर, खोले जा रहे प्लांट से अब स्थानीय ही नदारद हैं.

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