बालोद: प्रदेश सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ में मतांतरण और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ रासुका लगाए जाने का भाजपा विरोध कर रही है. बालोद जिला भाजपा ने सोमवार को जयस्तंभ पर धरना देते हुए राजपत्र की प्रतियां जलाई. भाजपा जिलाध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ में मतांतरण को बढ़ावा देने और दोबारा आपातकाल लगाने की साजिश रचने का आरोप लगाया, बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस की बघेल सरकार पर कई बड़े प्रहार किए
मुख्यमंत्री जी को अपने कानून व्यवस्था पर भरोसा नहीं: भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने कहा "छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने एक बार फिर से आपातकाल लगाने की साजिश रची है. मतांतरण को बढ़ावा देने के लिए रासुका लगा दिया है. एक आपातकाल कांग्रेस की सरकार में आया था और अब यह दूसरा आपातकाल है." जिलाध्यक्ष ने कहा "मुख्यमंत्री अपने सिंहासन बचाने के लिए इसाई मिशनरी की शरण में हैं. आदिवासी समाज में धर्मांतरण के जरिए खंडन का षड्यंत्र रचा जा रहा है. यहां 32 जिलों में रासुका लगाया जा रहा है तो क्या मुख्यमंत्री जी को अपने कानून व्यवस्था पर भरोसा नहीं है. रासुका की जरूरत आखिर प्रदेश सरकार को क्यों पड़ रही है. धरना प्रदर्शन से हम सरकार का विरोध करते हैं."
जीपीएम में बीजेपी ने बेरोजगारी को लेकर भूपेश सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
भाजपा के पूर्व विधायक ने सीएम को बताया छलिया: पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू ने मुख्यमंत्री को सबसे बड़ा छलिया बताया. कहा "बालोद जिले के तीनों विधायकों को पैसा जा रहा है. रजिस्ट्री को रोककर रखा गया है. सब काम के लिए घूस का काम चल रहा है. रासुका भी मुख्यमंत्री का भय है." पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय ने कहा "यहां पर सरकार जो है अपनी कमजोरी को आंक रही है लेकिन उसे दूर नहीं कर पा रही है. शायद इसलिए वह कानून के आधार पर आगे की लड़ाई लड़ना चाह रही है.
मैदान में जिलाध्यक्ष से लेकर कार्यकर्ता डटे रहे: भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार, जिला उपाध्यक्ष त्रिलोकी साहू, महामंत्री किशोरी साहू, कोषाध्यक्ष सुदेश सिंह, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू और पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू समेत कई नेता डटे रहे.