बालोद: बालोद के गुरुर नगर पंचायत को भारतीय जनता पार्टी ने गुड्डे गुड़ियों का खेल समझ लिया है. गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की पेशकश की है. एक साल पहले नगर पंचायत के पार्षदों ने मंडल अध्यक्ष कौशल साहू के नेतृत्व में अविश्वास प्रस्ताव लाया था, लेकिन मंडल अध्यक्ष सहित समस्त पदाधिकारी खुद पीछे हट गए थे और पार्षद भी दो गुटों में बंट गए थे, जिस वजह से भारतीय जनता पार्टी की ही किरकिरी हुई थी.
पहले अध्यक्ष के अविश्वास में टूट गई भाजपा: पूरे विषय में जब विधायक संगीता सिन्हा से बात की गई, तब उन्होंने कहा की "भाजपा झुंझलाहट में ऐसा काम कर रही है. यह जो पत्र है शायद पहले से बना हुआ अविश्वास प्रस्ताव का पत्र है. अब भाजपा की बात करें तो अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में 4 पार्षद अलग और 3 पार्षद अलग थे. अब भला ऐसे में जो अपने पार्षदों को नहीं जोड़ पाई वो अब उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही है. इससे स्पष्ट होता है कि नगर पंचायत के कामों को रोककर नगर का विकास रोककर भाजपा अपनी राजनैतिक रोटी सेंकना चाहती है. जनता जानती है कि भाजपा केवल विकास को प्रभावित करने इस तरह के हथकंडे अपना रही है."
विकास कार्यों में बाधा का आरोप: भारतीय जनता पार्टी के जिन पार्षदों ने आज अविश्वास प्रस्ताव की पेशकश की है, उसमें एक निर्दलीय पार्षद टिकेश्वरी साहू का भी दस्तखत है. भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने आरोप लगाया है कि नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी विकास कार्यों में हमेशा से बाधा डालते हैं, जिसके कारण नगर पंचायत क्षेत्र का विकास प्रभावित हुआ है.
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मण्डल अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर संदेह: मंडल अध्यक्ष कौशल साहू की कार्यप्रणाली पर स्वयं भाजपाई ही संदेह लगाते नजर आ रहे हैं. यहां पर भाजपा के प्रसाद ही उनके खिलाफ भाजपा जिला संगठन प्रभारी मधुसूदन यादव के समक्ष शिकायत कर चुके हैं, जिसको लेकर अब तक संगठन ने कोई कार्रवाई नहीं की. मंडल अध्यक्ष के खिलाफ नाराजगी है. वहीं ग्रुप से मण्डल अध्यक्ष ने कई क्रायकर्ताओ को हटाया था, इसे लेकर भी कौशल साहू की शिकायत हुई थी. बावजूद इसके मंडल अध्यक्ष के खिलाफ अब तक न कोई कमिटी बैठी ना ही कोई कार्रवाई की गई है.