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ऑनलाइन ठगी के गिरोह का पर्दाफाश, राजस्थान से गिरफ्तार आरोपी - बालोद में अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश

ऑनलाइन साइट्स के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले अंतरराज्यीय गैंग को पुलिस ने पकड़ लिया है. पुलिस ने 2 आरोपियों को अलवर राजस्थान से गिरफ्तार किया है.

Balod Police has arrested the accused of online fraud
गिरफ्तार आरोपी
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Published : Oct 3, 2020, 9:37 PM IST

बालोद: ऑनलाइन साइट्स के जरिए लोगों से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का बालोद पुलिस ने पर्दाफाश किया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि बालोद जिला पुलिस की टीम ऐसी पहली टीम बन चुकी है जो कि अपराधियों की पृष्ठभूमि से आरोपियों को गिरफ्तार कर वापस छत्तीसगढ़ पहुंचने में कामयाब हुई है. उन्होंने बताया कि मोबाइल हैंडसेट, कार, बाइक की फोटो सोशल मीडिया से प्राप्त कर स्वयं को आर्मी का जवान बताकर यह गिरोह ठगी करता था.

ऑनलाइन ठगी के गिरोह का पर्दाफाश

पढ़ें- बलरामपुर: हत्या का एक आरोपी गिरफ्तार, पिता-बेटे पर किया था जानलेवा हमला

गिरोह आर्मी कैंटीन कार्ड, आर्मी जवान का आई कार्ड, आर्मी की वर्दी वाली फोटो जैसी चीजों का दुरुपयोग कर रहा था.आरोपियों के पास से 3 नग मोबाइल सेट, 5 सिम कार्ड, 45 से 50 लाख रुपए के लेनदेन वाली चार नग पंजाब नेशनल बैंक का पासबुक, इलाहाबाद बैंक का खाता, 3 एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अहम दस्तावेज बरामद किया है.

कई राज्यों से खरीदा सिम कार्ड

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी दी कि थाना देवरी में इस तरह का एक मामला सामने आया था जिसमें धारा आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. इसके बाद से टीम को आरोपियों को पकड़ने जिला अलवर राजस्थान रवाना किया गया. इसमें बोरिया निवासी असलम और काला घाटा निवासी साकिर खान को गिरफ्तार किया गया है.औरोपी अन्य राज्यों जैसे ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश से फर्जी सिम अधिक दामों में खरीद कर गूगल पर पेटीएम जैसे खाता बनाते थे ताकि धोखाधड़ी की रकम बगैर किसी पहचान के आसानी से निकाल सकें.

वर्दी में लगाई फोटो

आरोपियों ने फर्जी नंबर से व्हाट्सएप बनाकर उसमें आर्मी की वर्दी वाली फोटो भी लगाई थी. आरोपी फर्जी सिम डालकर लोगों से संपर्क करते थे और कम दाम में ऑनलाइन सामान बेचने का विज्ञापन डालते थे. इसके बाद सामान की डिलीवरी के नाम पर एंट्री शुल्क, लेट शुल्क, हाल शुल्क,आर्मी कैंटीन शुल्क बताकर अलग-अलग किस्तों में पैसे ट्रांसफर कराते थे.

देवरी में की 36 हाजर की ठगी

देवरी थाना में आरोपियों के झांसे में आकर 36 हजार 560 रुपये की ठगी का शिकायत एक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी.प्रार्थी से ऑनलाइन मोबाइल बेचने के नाम पर ठगी की गई थी.ठगने वाले आरोपियों ने खुद को आर्मी का जवान बताया था और फर्जी आर्मी आईडी कार्ड, फर्जी आर्मी कैंटीन कार्ड, अन्य दस्तावेज पीड़ित को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा था.

पुलिस ने जब मामले की छानबीन की तो 50 लाख तक के ट्रांजैक्शन की बात सामने आई. इन आरोपियों ने कई राज्यों के लोगों के साथ ठगी गई की.जिसके संदर्भ में पुलिस जांच कर रही है. पुलिस ने सिविल में रहकर संदिग्धों पर लगातार नजर बनाए हुए थी.पुलिस ने 5 दिनों का कैंप लगाकर आरोपियों की धरपकड़ किया. बिहार क्षेत्रों में भी जाकर पुलिस को मेहनत करना पड़ा तब जाकर दोनों आरोपियों को पुलिस वहां से पकड़ कर लाई है.

बालोद: ऑनलाइन साइट्स के जरिए लोगों से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का बालोद पुलिस ने पर्दाफाश किया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि बालोद जिला पुलिस की टीम ऐसी पहली टीम बन चुकी है जो कि अपराधियों की पृष्ठभूमि से आरोपियों को गिरफ्तार कर वापस छत्तीसगढ़ पहुंचने में कामयाब हुई है. उन्होंने बताया कि मोबाइल हैंडसेट, कार, बाइक की फोटो सोशल मीडिया से प्राप्त कर स्वयं को आर्मी का जवान बताकर यह गिरोह ठगी करता था.

ऑनलाइन ठगी के गिरोह का पर्दाफाश

पढ़ें- बलरामपुर: हत्या का एक आरोपी गिरफ्तार, पिता-बेटे पर किया था जानलेवा हमला

गिरोह आर्मी कैंटीन कार्ड, आर्मी जवान का आई कार्ड, आर्मी की वर्दी वाली फोटो जैसी चीजों का दुरुपयोग कर रहा था.आरोपियों के पास से 3 नग मोबाइल सेट, 5 सिम कार्ड, 45 से 50 लाख रुपए के लेनदेन वाली चार नग पंजाब नेशनल बैंक का पासबुक, इलाहाबाद बैंक का खाता, 3 एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अहम दस्तावेज बरामद किया है.

कई राज्यों से खरीदा सिम कार्ड

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी दी कि थाना देवरी में इस तरह का एक मामला सामने आया था जिसमें धारा आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. इसके बाद से टीम को आरोपियों को पकड़ने जिला अलवर राजस्थान रवाना किया गया. इसमें बोरिया निवासी असलम और काला घाटा निवासी साकिर खान को गिरफ्तार किया गया है.औरोपी अन्य राज्यों जैसे ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश से फर्जी सिम अधिक दामों में खरीद कर गूगल पर पेटीएम जैसे खाता बनाते थे ताकि धोखाधड़ी की रकम बगैर किसी पहचान के आसानी से निकाल सकें.

वर्दी में लगाई फोटो

आरोपियों ने फर्जी नंबर से व्हाट्सएप बनाकर उसमें आर्मी की वर्दी वाली फोटो भी लगाई थी. आरोपी फर्जी सिम डालकर लोगों से संपर्क करते थे और कम दाम में ऑनलाइन सामान बेचने का विज्ञापन डालते थे. इसके बाद सामान की डिलीवरी के नाम पर एंट्री शुल्क, लेट शुल्क, हाल शुल्क,आर्मी कैंटीन शुल्क बताकर अलग-अलग किस्तों में पैसे ट्रांसफर कराते थे.

देवरी में की 36 हाजर की ठगी

देवरी थाना में आरोपियों के झांसे में आकर 36 हजार 560 रुपये की ठगी का शिकायत एक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी.प्रार्थी से ऑनलाइन मोबाइल बेचने के नाम पर ठगी की गई थी.ठगने वाले आरोपियों ने खुद को आर्मी का जवान बताया था और फर्जी आर्मी आईडी कार्ड, फर्जी आर्मी कैंटीन कार्ड, अन्य दस्तावेज पीड़ित को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा था.

पुलिस ने जब मामले की छानबीन की तो 50 लाख तक के ट्रांजैक्शन की बात सामने आई. इन आरोपियों ने कई राज्यों के लोगों के साथ ठगी गई की.जिसके संदर्भ में पुलिस जांच कर रही है. पुलिस ने सिविल में रहकर संदिग्धों पर लगातार नजर बनाए हुए थी.पुलिस ने 5 दिनों का कैंप लगाकर आरोपियों की धरपकड़ किया. बिहार क्षेत्रों में भी जाकर पुलिस को मेहनत करना पड़ा तब जाकर दोनों आरोपियों को पुलिस वहां से पकड़ कर लाई है.

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