बालोद : बारिश के मौसम में नदी किनारे रहने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है. अचानक आई बाढ़ से जान माल की हानि होती है.ऐसे में राहत और सहायता के लिए एनडीआरएफ की टीमें आगे आती हैं.टीम के सभी मेंबर्स एक्टिव रहने के लिए अक्सर बाढ़ जैसे हालातों की मॉकड्रिल करते हैं.ताकि मुसीबत के समय जरा सी भी चूक ना हो.
तांदुला जलाशय में मॉकड्रिल : बालोद के तांदुला जलाशय में एनडीआरएफ की टीम ने मॉकड्रिल किया.इस दौरान टीम ने बाढ़ से बचाव के तरीकों को लेकर ग्रामीणों और स्कूली छात्र छात्राओं को प्रशिक्षित किया गया.बकायदा टीम बनाकर ऐसी स्थिति बनाई गई मानो की क्षेत्र में बाढ़ आ चुका है और लोग डूब रहे हैं. टीम ने डूबने वाले शख्स का बचाव किया.साथ ही साथ लोगों को ये सिखाया कि कैसे किसी डूबते हुए को बचाना चाहिए.
''आधा देश प्राकृतिक आपदा से पीड़ित रहता है. उस दौरान हमारी टीम पूरी जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाती है. आज हम यहां पर मॉक ड्रिल कर रहे हैं. यहां भी उफनती लहरें हैं. इस बीच में हमारा संघर्ष आपको देखना चाहिए. पवन जोशी, एनडीआरएफ,कमांडर
स्कूली बच्चों को दी गई ट्रेनिंग : पुलिस विभाग के अनुविभागीय अधिकारी प्रतीक चतुर्वेदी ने इस मौके पर कहा कि कैसे हमें एनडीआरएफ के साथ सामंजस्य बनाकर काम करना है, विपरीत परिस्थितियों में उनके साथ मिलकर कैसे आपदा में फंसे लोगों की मदद करनी है इसके लिए आज यहां पर मॉक ड्रिल और बचाव राहत संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ. हमारी पुलिस विभाग के जवान सहित स्कूली बच्चे भी यहां पर पहुंचे हुए हैं.
उफनती लहरों में मॉक ड्रिल : आपको बता दें कि एनडीआरएफ की टीम ने तांदुला की खतरनाक लहरों के बीच मॉकड्रिल किया.इस दौरान जीवन बचाने का एक मॉडल तैयार किया गया.जिसमें कुछ लोग पिकनिक मनाने गए थे.तभी कुछ सदस्य डूबने लगे.इसकी सूचना एनडीआरएफ को दी गई. जहां एनडीआरएफ की टीम जलाशय के बीच पहुंची और डूबते हुए लोगों को सुरक्षित बचाकर अपने साथ लाई. इसके बाद पीड़ित घायल लोगों का प्राथमिक उपचार कैसे किया जाता है कैसे संसाधन ना होने के दौरान नारियल की खाली परतों और खाली बोतलें से जान बचाई जाती है.ये सिखाया गया.
एनडीआरएफ के कमांडर पवन जोशी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी हमारी एक यूनिट काम करती है. जो भिलाई में सक्रिय है. जब भी हमें काम करना होता है हमें स्थानीय प्रशासन और स्थानीय एसडीआरएफ टीम के मदद की आवश्यकता होती है. इसलिए हम समय-समय पर मॉक ड्रिल करते हैं. आज बच्चों को भी सिखाया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन से संबंधित से बनी टीम मिलकर कार्य कर रही है.