बालोद: बालोद के हीरापुर में ठेकेदारों ने बड़ा ब्लंडर कर दिया है. यहां जिस रंगमंच को तोड़ने का ठेका दिया हुआ था, उसके बजाय किसी और रंगमंच को ठेकेदारों ने तोड़ दिया. जानकारी के बाद अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है. वहीं, गांव की सरपंच ने मामले से पल्ला झाड़ा है.
जानिए क्या है पूरा मामला: दरअसल, ये पूरा मामला, बालोद जिले के हीरापुर गांव का है. यहां एक रंगमंच को तोड़ने का ठेका ठेकेदारों को मिला था. हलांकि ठेकेदारों ने कोई और रंगमंच तोड़ दिया. दरअसल, ये दोनों ही रंगमंच आंगनबाड़ी केन्द्र के पास होने के कारण ठेकेदार असमंजस में पड़ गए. गलती से डिस्मेंटल करने योग्य रंगमंच को छोड़कर ग्रामीणों ने किसी और रंगमंच को तुड़वा दिया. मजदूरों ने गौरा चौक के पास के मंच को तोड़ने के बजाय स्कूल के पास बने रंगमंच को तोड़ दिया. हालांकि मामले पर ग्रामीण कुछ भी कहने से बच रहे हैं. बताया जा रहा है कि बारिश के कारण रंगमंच की छत टपक रही थी, जिसे तोड़वाने का फैसला गांववालों ने लिया था. इसी का ठेका दिया गया था, लेकिन गलती से किसी और रंगमच को तोड़ दिया गया.
सरपंच ने झाड़ा पल्ला: मामले में गांव की सरपंच ने पल्ला झाड़ते हुए सारा आरोप ग्रामीणों पर लगा दिया. सरपंच ने कहा है कि ग्रामीणों ने मंच तोड़वाया है. वही अपने पैसे से ठीक करवाएंगे. इस मामले में जनपद पंचायत बालोद के सीईओ से बात करने की कोशिश की गई. हालांकि बात नहीं हो पाई. ग्रामीण मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं.
मेरा दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है. ग्रामीणों ने तोड़वाया है, वे ही अपने पैसे से ठीक करेंगे. - कुलेश्वरी ठाकुर, गांव की सरपंच
अधिकारी ने जांच की बात कही: पूरे मामले में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रेणुका श्रीवास्तव ने कहा कि, "इस तरह रंगमंच को नहीं तोड़वाया जा सकता है. उसके लिए एडिशनल प्रमाण पत्र की जरूरत होती है. कैसे उन्होंने मंच को तुड़वाया? इस बात की जांच की जाएगी." रेणुका श्रीवास्तव ने तुरंत ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों और सब इंजीनियर को भेज मामले की जांच की बात कही है.