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बालोद नगर पंचायत अध्यक्ष और सीएमओ से नाराज 10 पार्षद मुख्यमंत्री के सामने देंगे इस्तीफा - बालोद नगर पंचायत

Councilor angry in Balod: बालोद नगर पंचायत अध्यक्ष और सीएमओ के खिलाफ पार्षद खड़े हो गए हैं. उनका कहना है कि अध्यक्ष पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार करती है. आर्थिक मामलों में भी उनकी सलाह नहीं ली जाती है. जिसका खामियाजा वार्ड की जनता को उठाना पड़ रहा है. पार्षदों ने सीएम भूपेश बघेल के सामने इस्तीफा देने की बात कही हैं.

Balod Angry councilors
बालोद में पार्षद नाराज
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Published : Sep 17, 2022, 5:42 PM IST

Updated : Sep 17, 2022, 5:56 PM IST

बालोद: जिले के गुरुर नगर पंचायत के सभाकक्ष में शुक्रवार को पार्षदों ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपनी व्यथा बताई और कहा कि "नगर पंचायत में पार्षद केवल नाम मात्र के रह गए हैं. यहां के अध्यक्ष ने जबसे पदभार ग्रहण किया है तब से पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. आर्थिक मामलों में भी दुर्व्यवहार करते हुए मनमाने ढंग से 2 करोड़ 98 लाख रुपये का टेंडर पास किया गया. अपूर्ण पीआईसी (प्रेसिडेंट इन काउंसिल) में इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया. वार्डों में काम देने के लिए भेदभाव किया जा रहा है. मामले की शिकायत कई बार कर चुके हैं. अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बालोद दौरे पर आ रहे हैं. यदि हमारे मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की जाती तो हम मुख्यमंत्री के सामने 10 पार्षद इस्तीफा दे देंगे. "Balod Angry councilors to resign

बालोद में पार्षद नाराज

अध्यक्ष की मनमानी: नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी ने बताया "हम सबने मेहनत कर उन्हें भाजपा के बहुमत होने के बावजूद भी अध्यक्ष बनाया. जिसके बाद से वह हमें उसी नजर से देखने लगे और कुछ दिनों बाद यह कहना शुरू कर दिया गया कि मैं अपने किस्मत और अपनी मेहनत से अध्यक्ष पद पर काबिज हुई हूं. इसके साथ ही मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा भी मनमानी की जाती है. यहां के एक पार्षद ललिता जामदार द्वारा अध्यक्ष के ऊपर जातिसूचक गाली देने संबंधी आरोप लगाते हुए अजाक थाने में शिकायत भी दर्ज कराया गया है. उसपर भी किसी तरह की कोई कार्रवाई पुलिस ने नहीं की." Balod Angry councilors

2 करोड़ 98 लाख का मामला: पार्षदों ने आगे बताया कि "मामला 2 करोड़ 98 लाख रुपए से शुरू हुआ है. जो की अपूर्ण पीआईसी का मामला है और पीआईसी के लिए इस्तीफा प्रस्तुत कर चुके 2 पार्षद उस बैठक में शामिल नहीं थे. बावजूद इस प्रस्ताव को पारित किया गया है जो कि नियम के खिलाफ है."

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मुख्यमंत्री के सामने देंगे इस्तीफा: नगर पंचायत के पार्षद खिल आनंद साहू ने कड़े शब्दों में कहा कि हम सभी जगहों पर अपने विषय को रख चुके हैं हमने स्थानीय संगठन को भी मामले से अवगत कराया है स्थानीय एसडीएम स्थानीय मुख्य नगरपालिका अधिकारी के साथ-साथ जिला कलेक्टर और मंत्री तक भी पहुंच गए हैं लेकिन अब तक अध्यक्ष की मनमानी जारी है और किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे परेशान होकर हम अपने मुख्यमंत्री के सामने इस्तीफा देंगे.

संगठन से हो चुकी अनुशंसा: नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कांग्रेस के पार्षदों ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने जब अपने संगठन को पूरे मामले से अवगत कराया तो स्थानीय ब्लॉक अध्यक्ष के माध्यम से पीआईसी से कांग्रेस के पार्षदों को हटाने के बाद अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को कांग्रेस से निष्कासित करने के लिए अनुशंसा कर दी गई है और मामला अभी विचाराधीन है.

संगठन को खुला चैलेंज: नगर पंचायत पार्षद महिमा रेणु जो की भाजपा से जीतकर आए थे और जब अध्यक्ष का निर्वाचन हुआ तो भाजपा ने महिमा पर क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाते हुए नोटिस भेज दिया जिसके बाद वो अब निर्दलीय के रूप में अपना कार्यकाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया "मुझे तो शक के आधार पर नोटिस दिया गया था जिसके बाद अब 4 पार्षद जिसमें चंद्रलता साहू, जीतेश्वरी साहू, अनुसुइया ध्रुव, और चिंता साहू खुलकर समर्थन कर रहे हैं. उसपर पार्टी कोई स्टैंड क्यों नहीं ले रही है खुद भाजपा संगठन पार्षदों के बीच मतभेद पैदा कर रही है इसमें से जिम्मेदार गुरुर मंडल में निवासरत पूर्व विधायक, जिला पदाधिकारी सहित मंडल के कोई पदाधिकारी ने मामला संज्ञान में नहीं लिया है और विधानसभा जीतने का सपना देख रहे हैं."

ये पार्षद देंगे इस्तीफा: मुख्यमंत्री के समक्ष इस्तीफा देने वालों में 10 पार्षद शामिल हैं जिसमे कांग्रेस समर्थित पार्षद और नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी, खिलानन्द साहू, सोनू लोहीले, गजेंद्र मंडावी, ललिता जामदार, जितेंद्र ओझा, भाजपा से मुकेश कुमार साहू, कुंती, शोभित ओझा, कुंती सिन्हा और निर्दलीय महिमा साहू शामिल हैं.


बालोद: जिले के गुरुर नगर पंचायत के सभाकक्ष में शुक्रवार को पार्षदों ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपनी व्यथा बताई और कहा कि "नगर पंचायत में पार्षद केवल नाम मात्र के रह गए हैं. यहां के अध्यक्ष ने जबसे पदभार ग्रहण किया है तब से पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. आर्थिक मामलों में भी दुर्व्यवहार करते हुए मनमाने ढंग से 2 करोड़ 98 लाख रुपये का टेंडर पास किया गया. अपूर्ण पीआईसी (प्रेसिडेंट इन काउंसिल) में इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया. वार्डों में काम देने के लिए भेदभाव किया जा रहा है. मामले की शिकायत कई बार कर चुके हैं. अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बालोद दौरे पर आ रहे हैं. यदि हमारे मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की जाती तो हम मुख्यमंत्री के सामने 10 पार्षद इस्तीफा दे देंगे. "Balod Angry councilors to resign

बालोद में पार्षद नाराज

अध्यक्ष की मनमानी: नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी ने बताया "हम सबने मेहनत कर उन्हें भाजपा के बहुमत होने के बावजूद भी अध्यक्ष बनाया. जिसके बाद से वह हमें उसी नजर से देखने लगे और कुछ दिनों बाद यह कहना शुरू कर दिया गया कि मैं अपने किस्मत और अपनी मेहनत से अध्यक्ष पद पर काबिज हुई हूं. इसके साथ ही मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा भी मनमानी की जाती है. यहां के एक पार्षद ललिता जामदार द्वारा अध्यक्ष के ऊपर जातिसूचक गाली देने संबंधी आरोप लगाते हुए अजाक थाने में शिकायत भी दर्ज कराया गया है. उसपर भी किसी तरह की कोई कार्रवाई पुलिस ने नहीं की." Balod Angry councilors

2 करोड़ 98 लाख का मामला: पार्षदों ने आगे बताया कि "मामला 2 करोड़ 98 लाख रुपए से शुरू हुआ है. जो की अपूर्ण पीआईसी का मामला है और पीआईसी के लिए इस्तीफा प्रस्तुत कर चुके 2 पार्षद उस बैठक में शामिल नहीं थे. बावजूद इस प्रस्ताव को पारित किया गया है जो कि नियम के खिलाफ है."

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मुख्यमंत्री के सामने देंगे इस्तीफा: नगर पंचायत के पार्षद खिल आनंद साहू ने कड़े शब्दों में कहा कि हम सभी जगहों पर अपने विषय को रख चुके हैं हमने स्थानीय संगठन को भी मामले से अवगत कराया है स्थानीय एसडीएम स्थानीय मुख्य नगरपालिका अधिकारी के साथ-साथ जिला कलेक्टर और मंत्री तक भी पहुंच गए हैं लेकिन अब तक अध्यक्ष की मनमानी जारी है और किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे परेशान होकर हम अपने मुख्यमंत्री के सामने इस्तीफा देंगे.

संगठन से हो चुकी अनुशंसा: नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कांग्रेस के पार्षदों ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने जब अपने संगठन को पूरे मामले से अवगत कराया तो स्थानीय ब्लॉक अध्यक्ष के माध्यम से पीआईसी से कांग्रेस के पार्षदों को हटाने के बाद अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को कांग्रेस से निष्कासित करने के लिए अनुशंसा कर दी गई है और मामला अभी विचाराधीन है.

संगठन को खुला चैलेंज: नगर पंचायत पार्षद महिमा रेणु जो की भाजपा से जीतकर आए थे और जब अध्यक्ष का निर्वाचन हुआ तो भाजपा ने महिमा पर क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाते हुए नोटिस भेज दिया जिसके बाद वो अब निर्दलीय के रूप में अपना कार्यकाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया "मुझे तो शक के आधार पर नोटिस दिया गया था जिसके बाद अब 4 पार्षद जिसमें चंद्रलता साहू, जीतेश्वरी साहू, अनुसुइया ध्रुव, और चिंता साहू खुलकर समर्थन कर रहे हैं. उसपर पार्टी कोई स्टैंड क्यों नहीं ले रही है खुद भाजपा संगठन पार्षदों के बीच मतभेद पैदा कर रही है इसमें से जिम्मेदार गुरुर मंडल में निवासरत पूर्व विधायक, जिला पदाधिकारी सहित मंडल के कोई पदाधिकारी ने मामला संज्ञान में नहीं लिया है और विधानसभा जीतने का सपना देख रहे हैं."

ये पार्षद देंगे इस्तीफा: मुख्यमंत्री के समक्ष इस्तीफा देने वालों में 10 पार्षद शामिल हैं जिसमे कांग्रेस समर्थित पार्षद और नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी, खिलानन्द साहू, सोनू लोहीले, गजेंद्र मंडावी, ललिता जामदार, जितेंद्र ओझा, भाजपा से मुकेश कुमार साहू, कुंती, शोभित ओझा, कुंती सिन्हा और निर्दलीय महिमा साहू शामिल हैं.


Last Updated : Sep 17, 2022, 5:56 PM IST
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