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बालोद: इंक्रीमेंट रोकने पर शिक्षकों ने जताई नाराजगी, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - balod latest protest news

बालोद में सोमवार को छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के वेतन में इंक्रीमेंट रोके जाने वाले फैसले को वापस लेने की मांग की है.

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इंक्रीमेंट रोकने पर शिक्षकों ने जताई नाराजगी
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Published : Jun 1, 2020, 3:48 PM IST

बालोद: छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. राज्य सरकार के वेतन में इंक्रीमेंट रोके जाने वाले फैसले पर सहायक शिक्षक फेडरेशन ने नाराजगी जताई है. शिक्षकों का कहना है कि वेतन में वृद्धि के साथ ही महंगाई भत्ता भी रोका जा रहा है, इस फैसले को सरकार को तुरंत वापस लेना चाहिए.

इंक्रीमेंट रोकने पर शिक्षकों ने जताई नाराजगी

सहायक शिक्षक फेडरेशन के लोगों का कहना है कि वेतन वृद्धि तब रोकी जाती है जब कोई कर्मचारी दंड करता है. उनका कहना है कि कोरोना संकट के समय में सभी शिक्षक सरकार का सहयोग कर रहे हैं, ऐसे में उनका इंक्रीमेंट रोकना सही नहीं है. शिक्षक इन दिनों क्वॉरेंटाइन सेंटर में भी ड्यूटी करते हुए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. अब सरकार को भी अपना कर्तव्य निभाना चाहिए.

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
शिक्षकों का कहना है कि ऐसे समय में जब सभी अपने घरों पर सुरक्षित हैं, तब सरकारी अधिकारी-कर्मचारी राज्य के लिए अपनी सेवा दे रहें हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते कुछ शिक्षक कलेक्टर के पास पहुंचे और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

पढ़ें-SPECIAL: इंक्रीमेंट रोकने पर नाराजगी, अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने दी आंदोलन की चेतावनी

बता दें कि वेतन वृद्धि रोकने को लेकर सभी शासकीय कर्मचारी-अधिकारी सरकार से इन दिनों काफी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार का अप्रत्यक्ष दंड है जो कि कर्मचारियों को दिया जा रहा है. उन्होंने एक उदाहरण भी दिया कि ड्यूटी के दौरान एक शिक्षक की मृत्यु हो गई थी, तो क्या वह दंड है. शिक्षकों ने मृत शिक्षक के परिवार को 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की मांग की है.

बालोद: छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. राज्य सरकार के वेतन में इंक्रीमेंट रोके जाने वाले फैसले पर सहायक शिक्षक फेडरेशन ने नाराजगी जताई है. शिक्षकों का कहना है कि वेतन में वृद्धि के साथ ही महंगाई भत्ता भी रोका जा रहा है, इस फैसले को सरकार को तुरंत वापस लेना चाहिए.

इंक्रीमेंट रोकने पर शिक्षकों ने जताई नाराजगी

सहायक शिक्षक फेडरेशन के लोगों का कहना है कि वेतन वृद्धि तब रोकी जाती है जब कोई कर्मचारी दंड करता है. उनका कहना है कि कोरोना संकट के समय में सभी शिक्षक सरकार का सहयोग कर रहे हैं, ऐसे में उनका इंक्रीमेंट रोकना सही नहीं है. शिक्षक इन दिनों क्वॉरेंटाइन सेंटर में भी ड्यूटी करते हुए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. अब सरकार को भी अपना कर्तव्य निभाना चाहिए.

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
शिक्षकों का कहना है कि ऐसे समय में जब सभी अपने घरों पर सुरक्षित हैं, तब सरकारी अधिकारी-कर्मचारी राज्य के लिए अपनी सेवा दे रहें हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते कुछ शिक्षक कलेक्टर के पास पहुंचे और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

पढ़ें-SPECIAL: इंक्रीमेंट रोकने पर नाराजगी, अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने दी आंदोलन की चेतावनी

बता दें कि वेतन वृद्धि रोकने को लेकर सभी शासकीय कर्मचारी-अधिकारी सरकार से इन दिनों काफी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार का अप्रत्यक्ष दंड है जो कि कर्मचारियों को दिया जा रहा है. उन्होंने एक उदाहरण भी दिया कि ड्यूटी के दौरान एक शिक्षक की मृत्यु हो गई थी, तो क्या वह दंड है. शिक्षकों ने मृत शिक्षक के परिवार को 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की मांग की है.

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