बालोद: महामाया माइंस से निकलने वाली लाल पानी और मिट्टी से प्रभावित किसान पिछले 8 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन किसानों की मांग पूरी होती नहीं दिख रही है. वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस ओर ठोस कदम उठाने की बात कही है.
दरअसल बालोद के दल्ली राजहरा के महामाया माइंस से आयरन ओर निकलता है, जिसे भिलाई इस्पात संयंत्र ले जाकर गलाकर लोहा बनाया जाता है. माइंस से निकलने वाला लाल पानी और मिट्टी आसपास के दर्जनों गांव के किसानों के खेतों में पहुंचता है, जिससे खेत तो बंजर हो रहे हैं, साथ ही फसल भी खराब हो रही है.
किसानों को नहीं दिया गया मुआवजा राशि
इसके एवज में न तो प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलता है और न ही माइंस में नौकरी. किसान कई साल से माइंस में नौकरी और मुआवजे की मांग करते आ रहे हैं. कई बार किसानों ने माइंस की गाड़ी रोककर, मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर धरना प्रदर्शन किया, लेकिन हर बार प्लांट प्रबंधन और प्रशासन आश्वासन देकर किसानों का प्रदर्शन खत्म करा देते थे.
कलेक्टर ने माइंस में काम देने का दिया आदेश
किसानों ने इसे लेकर बालोद जिला मुख्यालय के बाहर भी आमरण अनशन किया था. इसके बाद कलेक्टर ने प्लांट के मैनेजमेंट सहित प्रभावित किसानों की मीटिंग कर प्रभावित किसानों को माइंस में काम देने के लिए आदेशित किया था. बावजूद इसके प्रभावित किसानों को माइंस में काम नहीं दिया गया. ऐसे में किसान शासन-प्रशासन के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अनिश्चित-कालीन के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं.
मंत्री ने कही ये बात
वहीं इस मामले में जब मंत्री अनिला भेड़िया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 'बार-बार शिकायत के बाद भी भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है. मुझे लगता है अब मुझे ही किसानों के लिए कुछ ठोस कदम उठाना पड़ेगा'.