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महामाया माइंस के लाल पानी से खेत हो रहे बंजर, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान - बालोद में लाल पानी से खेत हो रहे बंजर

बालोद के दल्ली राजहरा के महामाया माइंस से निकलने वाला लाल पानी और मिट्टी आसपास के दर्जनों गांव के खेतों को नुकसान पहुंचा रहा है. इसे लेकर किसानों ने मुआवजे या माइंस में नौकरी देने की बात कही है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

red water in balod agricultural land
खेतों में भरा लाल पानी
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Published : Jan 21, 2020, 6:47 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 8:09 PM IST

बालोद: महामाया माइंस से निकलने वाली लाल पानी और मिट्टी से प्रभावित किसान पिछले 8 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन किसानों की मांग पूरी होती नहीं दिख रही है. वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस ओर ठोस कदम उठाने की बात कही है.

महामाया माइंस के लाल पानी से खेत हो रहे बंजर

दरअसल बालोद के दल्ली राजहरा के महामाया माइंस से आयरन ओर निकलता है, जिसे भिलाई इस्पात संयंत्र ले जाकर गलाकर लोहा बनाया जाता है. माइंस से निकलने वाला लाल पानी और मिट्टी आसपास के दर्जनों गांव के किसानों के खेतों में पहुंचता है, जिससे खेत तो बंजर हो रहे हैं, साथ ही फसल भी खराब हो रही है.

किसानों को नहीं दिया गया मुआवजा राशि
इसके एवज में न तो प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलता है और न ही माइंस में नौकरी. किसान कई साल से माइंस में नौकरी और मुआवजे की मांग करते आ रहे हैं. कई बार किसानों ने माइंस की गाड़ी रोककर, मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर धरना प्रदर्शन किया, लेकिन हर बार प्लांट प्रबंधन और प्रशासन आश्वासन देकर किसानों का प्रदर्शन खत्म करा देते थे.

कलेक्टर ने माइंस में काम देने का दिया आदेश
किसानों ने इसे लेकर बालोद जिला मुख्यालय के बाहर भी आमरण अनशन किया था. इसके बाद कलेक्टर ने प्लांट के मैनेजमेंट सहित प्रभावित किसानों की मीटिंग कर प्रभावित किसानों को माइंस में काम देने के लिए आदेशित किया था. बावजूद इसके प्रभावित किसानों को माइंस में काम नहीं दिया गया. ऐसे में किसान शासन-प्रशासन के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अनिश्चित-कालीन के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं.

मंत्री ने कही ये बात

वहीं इस मामले में जब मंत्री अनिला भेड़िया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 'बार-बार शिकायत के बाद भी भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है. मुझे लगता है अब मुझे ही किसानों के लिए कुछ ठोस कदम उठाना पड़ेगा'.

बालोद: महामाया माइंस से निकलने वाली लाल पानी और मिट्टी से प्रभावित किसान पिछले 8 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन किसानों की मांग पूरी होती नहीं दिख रही है. वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस ओर ठोस कदम उठाने की बात कही है.

महामाया माइंस के लाल पानी से खेत हो रहे बंजर

दरअसल बालोद के दल्ली राजहरा के महामाया माइंस से आयरन ओर निकलता है, जिसे भिलाई इस्पात संयंत्र ले जाकर गलाकर लोहा बनाया जाता है. माइंस से निकलने वाला लाल पानी और मिट्टी आसपास के दर्जनों गांव के किसानों के खेतों में पहुंचता है, जिससे खेत तो बंजर हो रहे हैं, साथ ही फसल भी खराब हो रही है.

किसानों को नहीं दिया गया मुआवजा राशि
इसके एवज में न तो प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलता है और न ही माइंस में नौकरी. किसान कई साल से माइंस में नौकरी और मुआवजे की मांग करते आ रहे हैं. कई बार किसानों ने माइंस की गाड़ी रोककर, मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर धरना प्रदर्शन किया, लेकिन हर बार प्लांट प्रबंधन और प्रशासन आश्वासन देकर किसानों का प्रदर्शन खत्म करा देते थे.

कलेक्टर ने माइंस में काम देने का दिया आदेश
किसानों ने इसे लेकर बालोद जिला मुख्यालय के बाहर भी आमरण अनशन किया था. इसके बाद कलेक्टर ने प्लांट के मैनेजमेंट सहित प्रभावित किसानों की मीटिंग कर प्रभावित किसानों को माइंस में काम देने के लिए आदेशित किया था. बावजूद इसके प्रभावित किसानों को माइंस में काम नहीं दिया गया. ऐसे में किसान शासन-प्रशासन के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अनिश्चित-कालीन के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं.

मंत्री ने कही ये बात

वहीं इस मामले में जब मंत्री अनिला भेड़िया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 'बार-बार शिकायत के बाद भी भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है. मुझे लगता है अब मुझे ही किसानों के लिए कुछ ठोस कदम उठाना पड़ेगा'.

Intro:बालोद

महामाया माइंस से निकलने वाली लाल पानी व मिट्टी से प्रभावित किसान पिछले 8 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे हैं लेकिन किसानों की मांग पूरी होती नहीं दिख रही तो वही मामले में क्षेत्रीय विधायिका व प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा बीएसपी प्रबंधक ध्यान नहीं दे रही है मुझे लगता है अब मुझे ही किसानों के साथ कुछ ठोस कदम उठाना पड़ेगा ।Body:वीओ - दरअसल बालोद जिले के दल्ली राजहरा व महामाया माइंस से आयरन ओर निकलता है जिन्हें भिलाई इस्पात संयंत्र ले जाकर उसे गला लोहा बनाया जाता हैं इन्हीं माइंस से निकलने वाली लाल पानी व मिट्टी आसपास दर्जनों गांव के किसानों के खेतों में पहुंचता है जिससे खेत बंजर होने के साथ-साथ फसल का पैदावार भी नहीं हो पाता जिसके एवज में न तो किसानों को मुआवजा मिलता है और ना ही प्रभावित किसानों को माइंस में नौकरी प्रभावित किसान लगातार कई वर्षों से माइंस में नौकरी व मुआवजे की मांग करते आ रहे कई बार किसानों ने माइंस की गाड़ी रोक व मुख्य मार्ग में चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जता चुके हर बार बीएसपी प्रबंधन व प्रशासन द्वारा आश्वासन देकर किसानों का प्रदर्शन खत्म करवा दिया गया...कुछ माह पूर्व ही प्रभावित किसानों ने बालोद जिला मुख्यालय पहुंच अपनी मांग को लेकर आमरण अनशन किया था... जिसके बाद जिला प्रशासन के कलेक्टर ने बीएसपी मैनेजमेंट सहित प्रभावित किसानों का मीटिंग कर कलेक्टर ने प्रभावित किसानों को माइस में काम देने बीएसपी मैनेजमेंट को आदेशित किया...बावजूद इसके प्रभावित किसानों को माइंस में काम नहीं दिया गया...ऐसे में किसान शासन प्रशासन के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रभावित किसान अनिश्चित-कालीन के लिए आमरण अनशन पर बैठ गए ।

बाईट - बसन्त रावटे, सचिव जनमुक्ति मोर्चा संगठन
बाईट - तुलसीराम बघेल, किसान- ग्राम कुमुरकट्टाConclusion:वीओ - वही इस मामले में क्षेत्रीय विधायिका व राज्य सरकार में महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया से मीडिया ने सवाल किया, तो भेड़िया ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व ही जिला प्रशासन द्वारा बीएसपी मैनेजमेंट व किसानों के साथ बैठक किए जाने की बात कहते हुए बीएसपी प्रबंधन पर किसानों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया वही मंत्री ने कहा कि लगता है अब मुझे क्षेत्र की जनता के साथ कुछ ठोस कदम उठाना पड़ेगा...ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या पीएसपी मैनेजमेंट सरकार और मंत्री की भी नहीं सुन रहे ।

बाईट - अनिला भेड़िया, मंत्री महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण छत्तीसगढ़ शासन

वीओ - बहरहाल बीएसपी मैनेजमेंट द्वारा जिला प्रशासन को हर माह करोड़ों की राशि देने के बाद ही क्षेत्र की जनता मूलभूत सेवा के लिए तरसने को मजबूर है ।
Last Updated : Jan 21, 2020, 8:09 PM IST
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