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वन अधिकार पत्र पर पटवारियों, फॉरेस्ट कर्मचारियों की बैठक - Rajpur SDM holds meeting of Patwaris and Forest employees

बलरामपुर जिले में एसडीएम ने पटवारियों और फॉरेस्ट के कर्मचारियों की बैठक ली और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

SDM took a meeting for forest rights letter at Rajpur in Balrampur district
बलरामपुर जिले के राजपुर में वन अधिकार पत्र के लिए एसडीएम ने बैठक ली
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Published : Jan 21, 2021, 12:58 PM IST

Updated : Jan 21, 2021, 3:17 PM IST

बलरामपुर: बलरामपुर जिले के राजपुर में वन अधिकार के लिए राजपुर एसडीएम ने बैठक ली. मीटिंग में पटवारी और फॉरेस्ट कर्मचारियों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

राजपुर एसडीएम आरएस लाल ने बैठक के दौरान वन अधिकार पत्र के बारे में चर्चा की. बैठक में एसडीएम आरएस लाल के साथ ही तहसीलदार सुरेश राय, जनपद सीईओ यशपाल रेंजर अजय तिवारी और बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारी मौजदू रहे.

SDM took a meeting for forest rights letter at Rajpur in Balrampur district
पटवारियों और फॉरेस्ट कर्मचारियों की बैठक

पढ़ें: ताक पर नियम-कानून: अचानकमार टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में वनकर्मियों की पार्टी

वन अधिकार पर बैठक

इन सभी ने फॉरेस्ट के कर्मचारियों और पटवारियों को वन अधिकार पत्र के आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए शासन की मंशा से उन्हें अवगत कराया. एसडीएम ने बताया कि परंपरागत वनवासी कोई भी ऐसा सदस्य जो 13 दिसम्बर 2005 से पहले कम से कम तीन पीढ़ियों से वन भूमियों में निवास करता हो या आजीविका के लिए वनों पर निर्भर हो वो वन अधिकार के लिए पात्र है.

वन अधिकार पत्र क्या है ?

वनों में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियां, संविधान में परिभाषित एवं भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्य जो वनों में निवास करते हैं या जीवन गुजारने के लिए वनों पर निर्भर हो वह वन अधिकार पत्र के लिए योग्य होता है. भारत सरकार ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 में पारित किया गया, जो 31 दिसंबर 2007 से लागू हुआ.

बलरामपुर: बलरामपुर जिले के राजपुर में वन अधिकार के लिए राजपुर एसडीएम ने बैठक ली. मीटिंग में पटवारी और फॉरेस्ट कर्मचारियों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

राजपुर एसडीएम आरएस लाल ने बैठक के दौरान वन अधिकार पत्र के बारे में चर्चा की. बैठक में एसडीएम आरएस लाल के साथ ही तहसीलदार सुरेश राय, जनपद सीईओ यशपाल रेंजर अजय तिवारी और बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारी मौजदू रहे.

SDM took a meeting for forest rights letter at Rajpur in Balrampur district
पटवारियों और फॉरेस्ट कर्मचारियों की बैठक

पढ़ें: ताक पर नियम-कानून: अचानकमार टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में वनकर्मियों की पार्टी

वन अधिकार पर बैठक

इन सभी ने फॉरेस्ट के कर्मचारियों और पटवारियों को वन अधिकार पत्र के आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए शासन की मंशा से उन्हें अवगत कराया. एसडीएम ने बताया कि परंपरागत वनवासी कोई भी ऐसा सदस्य जो 13 दिसम्बर 2005 से पहले कम से कम तीन पीढ़ियों से वन भूमियों में निवास करता हो या आजीविका के लिए वनों पर निर्भर हो वो वन अधिकार के लिए पात्र है.

वन अधिकार पत्र क्या है ?

वनों में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियां, संविधान में परिभाषित एवं भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्य जो वनों में निवास करते हैं या जीवन गुजारने के लिए वनों पर निर्भर हो वह वन अधिकार पत्र के लिए योग्य होता है. भारत सरकार ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 में पारित किया गया, जो 31 दिसंबर 2007 से लागू हुआ.

Last Updated : Jan 21, 2021, 3:17 PM IST
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