बलरामपुर: रामानुजगंज थाना के इंदरपुर खोरी ग्राम पंचायत में 2015 में शासकीय जमीन में घोटाला का केस सामने आया था. आरोप है कि ग्राम पंचायत में 270 एकड़ शासकीय जमीन का फर्जी पट्टा बनाकर 1 करोड़ 18 रुपये में बेचा गया था. इस केस में 34 लोगों को आरोपी बनाया गया था.
5 साल बाद पुलिस ने इस केस में पहली गिरफ्तरी की है. पुलिस ने केस में रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के प्रतिनिधि को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम व्यास मुनि यादव है. पुलिस ने केस में पहली गिरफ्तारी के साथ ही कार्रवाई तेज कर दी है.
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1 करोड़ 18 लाख रुपये में बेची गई थी जमीन
इंदरपुर खोरी में 2015 में 270 एकड़ शासकीय जमीन का फर्जी पट्टा बनाकर बेचने की शिकायत मिली थी. इस प्रकरण में 34 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसकी जांच में पता चला था कि आरोपियों ने रायपुर की एक कंपनी को 270 एकड़ जमीन 1 करोड़ 18 लाख में बेच दिया था. जांच में पता चला कि आरोपियों ने शासकीय रिकार्ड में हेराफेरी करते हुए जमीन को 1970-71 में रायपुर के एक कंपनी के नाम पर रजिस्ट्री भी कर दिया था.
केस में जुड़े थे हाईप्रोफाइल लोग
शिकायत मिलने के बाद केस में हाईप्रोफाइल लोगों के जुड़े होने के कारण सरगुजा कमिश्नर ने इस केस की जांच शुरू की थी. जिसके बाद जमीन के सारे रिकार्ड गलत मिलने पर रजिस्ट्री को कैंसिल करते हुए प्रशासन ने उस जमीन के अधिग्रहित कर लिया था.
बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी
2015 से चल रहे इस केस में आज पहली गिरफ्तारी हुई है. कांग्रेस के दिग्ग्ज नेता और विधायक प्रतिनिधी व्यास मुनि यादव को केस में आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया की उस समय आरोपियों ने जिन ग्रामीणों के नाम पर फर्जी पट्टा बनाया था, वो लोकल नहीं बल्कि झारखंड के रहने वाले थे. इसमें उन्हें भी आरोपी बनाया गया है. 270 एकड़ शासकीय जमीन के हेराफेरी के मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद हड़कंप मच गया है. इधर, पुलिस अब बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी में जुट गई है.