बलरामपुर: तातापानी मेला का छोटा आयोजन हुआ. तातापानी ग्राम पंचायत में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर स्थापित है. यहां हर साल भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. लेकिन इस साल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने काफी छोटा आयोजन किया था. तातापानी इलाका बलरामपुर जिले के अंतर राज्य सीमा से सटा हुआ है. यहां काफी संख्या में लोग आते हैं.
क्या है मान्यता?
यहां एक प्राचीन मंदिर है. मान्यता है कि राम-सीता-लक्ष्मण वनवास के दौरान तातापानी के पास ठहरे थे. दूर-दूर से लोग इसकी पुरानी परंपरा के कारण तातापानी गर्म जल स्रोत में स्नान करने और दान करने की इच्छा से आते हैं. काफी संख्या में हर साल जनसमूह इस मेला में शामिल होता है. यहां गर्म जल स्रोत को लेकर मान्यता है कि चर्म रोग संबंधित जितने भी 16 प्रकार की बीमारियां होती है, यहां पर स्नान करने से ठीक हो जाता है. दान करने से पुण्य मिलता है.
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विधायक पहुंचे तातापानी
विधानसभा क्षेत्र के विधायक बृहस्पति सिंह भी बलरामपुर पहुंचे थे. उन्होंने भगवान शिव के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है. कोरोना संक्रमण के नियमों का पालन करते हुए हमें अपने धार्मिक और अन्य पुरानी परंपराओं को निभाना होगा.
पिछले साल हुआ था आयोजन
साल 2020 में तातापानी में मेले का आयोजन हुआ था. हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचे थे. लेकिन मेला खत्म होने के बाद पूरे परिसर में गंदगी फैली हुई थी. कुंड की मछलियां मरने लगी थी. इससे प्रशासन और आयोजन समिति पर कई सवाल उठ रहे थे.