बलरामपुर: कोविड-19 की भयावह महामारी का दंश पूरा विश्व झेल रहा है. इसके कहर से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन ने हर चीज पर ब्रेक लगा दिया है. लोगों के सामने रोजी-रोटी की विकट समस्या खड़ी हो गई है, लेकिन सरकार ने लॉकडाउन के बीच मनरेगा के तहत काम शुरू कर मजदूरों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है.
जिले के सभी विकासखंड के अंतर्गत कुल 292 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत डबरी, कुप, तालाब सहित कुल 1593 कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें कुल 15 हजार 762 मजदूरों को रोजगार मुहैया हुआ है. रोजगार कार्य करने पहुंच रहे मजदूरों ने सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर मिसाल पेश की है. समय-समय पर रोजगार सहायक और पंचायत सचिव मजदूरों को सतर्क रहने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि 'वह घर से ही पानी लेकर आते हैं. हाथ धोना भी होता है, तो वह अपने ही पानी का उपयोग कर रहे हैं'.
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कार्य स्थल पर मास्क लगाकर रहते हैं मजदूर
पुनरडीह गांव के मजदूरों ने बताया कि 'हम यहां आने से पहले मुंह पर मास्क लगाकर आते हैं, यहां आने के सबसे पहले घड़ा में रखा हुआ पानी और बगल में रखे साबुन से हाथ अच्छी तरह से धोकर काम पर लग जाते हैं. हर एक आधे घंटे में साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोते हैं. अपने गांव में या आने-जाने वालों को बीमारी के बारे में बताते हैं. साथ ही गांव में किसी भी अनजान व्यक्ति को देखने पर प्रशासन को तुरंत सूचित करते हैं'.
मनरेगा मजदूर भी निभा रहे फर्ज
कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए देश के डॉक्टर, पुलिस और कर्मचारियों की टीम कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. कोरोना को हराने के लिए 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं. वहीं मनरेगा मजदूर भी अपना फर्ज निभाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. सूर्योदय होने से पहले ही काम करने आ जाते हैं और अपने हिस्से की मिट्टी खुदाई कर पेट पाल रहे हैं.