बलरामपुर: मंगलवार को बलरामपुर जिला अस्पताल में चौंथी बार सफल हिप ट्रांसप्लांट किया गया है. hip transplant of elderly woman in Balrampur धनगांव (तातापानी) निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला के कूल्हे (हिप) की हड्डी खेत में काम करने के दौरान टूट गई थी. बुजुर्ग महिला पिछले 45 दिनों से बिस्तर पर थी. दर्द से पीड़ित बुजुर्ग महिला की जांच के बाद डॉ राजीव तिवारी ने मंगलवार को बुजुर्ग महिला का हिप ट्रांसप्लांट किया गया. डॉ राजीव तिवारी एवं उनकी टीम के द्वारा किया गया यह ऑपरेशन सफल रहा. प्रत्यारोपण के बाद बुजुर्ग महिला को मात्र 24 घंटे के भीतर अपने पैरों पर खड़ा करके चलाया गया. Balrampur latest news यह प्रत्यारोपण डॉ खुबचंद बघेल योजना के अंतर्गत मुफ्त में किया गया है.
500 से ज्यादा सफल मेजर ऑपरेशन का रिकॉर्ड: बलरामपुर जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव तिवारी अनुभवी और अपने क्षेत्र के कुशल चिकित्सक हैं. Balrampur district hospital उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि "साल 2022 में बलरामपुर जिला अस्पताल में 500 से अधिक मेजर ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया है. इनमें कई क्रिटिकल केस भी थे, लेकिन अपने अनुभव से सभी मेजर ऑपरेशन सफलता पूर्वक किया गया. जिससे उन सभी मरीजों को नया जीवन मिला है."
चौथी बार कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण: बलरामपुर जिला अस्पताल में पदस्थ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव तिवारी ने बताया कि "जिला अस्पताल में चौथी बार कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण किया गया है." यह बलरामपुर जिले के लिए गौरव की बात है. धनगांव निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला के हिप ट्रांसप्लांट उनकी टीम ने मंगलवार को सफलतापूर्वक किया है."
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प्रति महीने 50 से 60 मरीजों का होता है मेजर ऑपरेशन: बलरामपुर जिला अस्पताल में प्रति महीने अस्थि रोग से पीड़ित 50 से 60 मरीजों का सफल मेजर ऑपरेशन किया जा रहा है. जिससे यहां के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.
पहले बड़े शहरों में जाना पड़ता था इलाज के लिए: बलरामपुर जिले के मरीजों को हड्डियों से संबंधित किसी तरह की समस्या होने पर बड़े शहरों में जाना पड़ता था. जिससे उन्हें ज्यादा खर्च झेलना पड़ता था, साथ ही अनेकों परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था. लेकिन 2017 में डॉ राजीव तिवारी के जिला अस्पताल बलरामपुर में ज्वाइनिंग की. जिसके बाद यहां अस्थि रोग के इलाज की सुविधाएं बेहतर हुई. अस्थि रोग के मेजर ऑपरेशन अब यहां होने लगे है, जिससे क्षेत्र के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के चेहरे पर मुस्कान दिखाई देने लगी है.