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तातापानी महोत्सव के बाद पसरी गंदगी, कुंड की मछलियों ने तोड़ा दम

बलरामपुर में तातापानी महोत्सव का आयोजन किया गया था. जहां मेला खत्म होने के बाद पूरे परिसर में गंदगी फैली हुई है, जबकि कुंड की मछलियां मरने लगी है. इससे प्रशासन और आयोजन समिति पर कई सवाल उठ रहे हैं.

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Published : Jan 23, 2020, 9:23 AM IST

Updated : Jan 23, 2020, 11:53 AM IST

Fishes died in the pool after the Tatapani festival
तातापानी महोत्सव के बाद पसरी गंदगी

बलरामपुर: मकर संक्रांति के अवसर पर तातापानी मंदिर के सामने मेले का आयोजन किया गया था. मंदिर प्रागंन में स्थित कुंड की सुंदरता को बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से तीन अलग-अलग कुंडों में लगभग 3 क्विंटल मछलियां छोड़ी गई थी, लेकिन मेले के बाद कुंड में पसरी गंदगी और कचरे की वजह से मछलियां मरने लगी हैं.

कुंड की मछलियों ने तोड़ा दम

इस बार तातापानी महोत्सव का आयोजन पूर्ण रूप से समिति की निगरानी और जिम्मेदारी पर आयोजित किया गया था. लेकिन मेले के बाद चारों ओर फैली गंदगी समिति पर कई सवाल खड़े कर रही है.

मेला समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता का कहना है कि 'प्रशासन की ओर से मेला स्थल की साफ-सफाई करवाई जा रही है, बड़ा क्षेत्र होने के कारण एक दिन में पूरी साफ-सफाई नहीं हो सकती है. लेकिन साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. एक-दो दिन में पूरा मेला परिसर साफ कर दिया जाएगा.' वहीं मछलियों के मरने पर अजय गुप्ता ने कहा कि 'कुंड की शोभा बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक फव्वारे भी लगाए गए थे, हो सकता है कि इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से मछलियां मर गई हो. वहीं उन्होंने कहा कि कुंड में पानी का हल्का-फुल्का गर्म रहना भी मछलियों के मरने का कारण हो सकता है.' फिलहाल इस बात की सूचना समिति ने विभागीय अधिकारियों को दे दी है. वहीं मछलियों के मरने के कारण का पता लगाया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक तातापानी महोत्सव में जिला प्रशासन और कलेक्टर की ओर से पहले ही सभी दुकानदारों को प्लास्टिक मुक्त और स्वच्छता का निर्देश दिया गया था, लेकिन मेले के बाद इस प्रकार की गंदगी आने वाले समय में संबंधित दुकानदारों के लिए मुसीबत बन सकती है.

पढ़े: अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही महिलाओं को मंत्री सिंहदेव ने दी नौकरी

मेले में आए हुए सभी दुकानदारों का यह नैतिक कर्तव्य था कि वे अपने साथ डस्टबिन लाए और कचरा फेंकने की व्यवस्था करें. इसके लिए जिला प्रशासन ने उन्हें पहले ही आगाह किया था. लेकिन मेला खत्म होने के बाद दुकानदारों का इस तरह कचरा छोड़ कर जाना कहीं न कहीं उनकी मनमानी को दर्शाता है. बता दें कि तातापानी महोत्सव के बाद कुंड में मछलियों के मरने से प्रशासन और समिति पर साफ-सफाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

बलरामपुर: मकर संक्रांति के अवसर पर तातापानी मंदिर के सामने मेले का आयोजन किया गया था. मंदिर प्रागंन में स्थित कुंड की सुंदरता को बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से तीन अलग-अलग कुंडों में लगभग 3 क्विंटल मछलियां छोड़ी गई थी, लेकिन मेले के बाद कुंड में पसरी गंदगी और कचरे की वजह से मछलियां मरने लगी हैं.

कुंड की मछलियों ने तोड़ा दम

इस बार तातापानी महोत्सव का आयोजन पूर्ण रूप से समिति की निगरानी और जिम्मेदारी पर आयोजित किया गया था. लेकिन मेले के बाद चारों ओर फैली गंदगी समिति पर कई सवाल खड़े कर रही है.

मेला समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता का कहना है कि 'प्रशासन की ओर से मेला स्थल की साफ-सफाई करवाई जा रही है, बड़ा क्षेत्र होने के कारण एक दिन में पूरी साफ-सफाई नहीं हो सकती है. लेकिन साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. एक-दो दिन में पूरा मेला परिसर साफ कर दिया जाएगा.' वहीं मछलियों के मरने पर अजय गुप्ता ने कहा कि 'कुंड की शोभा बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक फव्वारे भी लगाए गए थे, हो सकता है कि इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से मछलियां मर गई हो. वहीं उन्होंने कहा कि कुंड में पानी का हल्का-फुल्का गर्म रहना भी मछलियों के मरने का कारण हो सकता है.' फिलहाल इस बात की सूचना समिति ने विभागीय अधिकारियों को दे दी है. वहीं मछलियों के मरने के कारण का पता लगाया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक तातापानी महोत्सव में जिला प्रशासन और कलेक्टर की ओर से पहले ही सभी दुकानदारों को प्लास्टिक मुक्त और स्वच्छता का निर्देश दिया गया था, लेकिन मेले के बाद इस प्रकार की गंदगी आने वाले समय में संबंधित दुकानदारों के लिए मुसीबत बन सकती है.

पढ़े: अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही महिलाओं को मंत्री सिंहदेव ने दी नौकरी

मेले में आए हुए सभी दुकानदारों का यह नैतिक कर्तव्य था कि वे अपने साथ डस्टबिन लाए और कचरा फेंकने की व्यवस्था करें. इसके लिए जिला प्रशासन ने उन्हें पहले ही आगाह किया था. लेकिन मेला खत्म होने के बाद दुकानदारों का इस तरह कचरा छोड़ कर जाना कहीं न कहीं उनकी मनमानी को दर्शाता है. बता दें कि तातापानी महोत्सव के बाद कुंड में मछलियों के मरने से प्रशासन और समिति पर साफ-सफाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

Intro:बलरामपुर : तातापानी मंदिर के सामने के कुंड में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर प्रशासन द्वारा तीन अलग-अलग कुंड में 3 क्विंटल मछलियां छोड़ी गई थी तातापानी महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं को लुभाने के लिए एवं कुंड की सुंदरता बढ़ाने के लिए यहां पर 3 क्विंटल मछलियां छोड़ी गई थी वहीं मेले के बाद कुंड में पसरी गंदगी एवं कचरा के वजह से मछलियों का मरना शुरू हो गया इस बार तातापानी महोत्सव का आयोजन पूर्ण रूप से समिति के निगरानी में एवं समिति के जिम्मेदारी पर आयोजित किया गया था मेला के बाद चारों ओर कूड़ा कचरा एवं गंदगी ही नजर आ रही है मेला समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा प्रशासन द्वारा मेला स्थल की साफ सफाई की जा रही है क्योंकि बड़े क्षेत्र में मेला लगता है इसलिए तत्काल 1 दिन में पूरी साफ सफाई संभव नहीं है साफ सफाई शुरू कर दी गई है एक-दो दिन में पूरा मेला परिसर साफ कर दिया जाएगा वही मछली के मरने के कारण पर अजय गुप्ता ने कहा गुड की शोभा बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक फव्वारे भी लगाए गए थे संभव है इलेक्ट्रिक शॉक के वजह से भी मछलियां मर सकती हैं वही कुंड में हल्की-फुल्की पानी का गर्म रहना भी कारण हो सकता है फिलहाल इस बात की सूचना समिति द्वारा विभागीय अधिकारियों को दे दिया गया है मछलियों के मरने के कारण का पता लगाया जा रहा है एवं उचित कार्यवाही या दवाई के लिए भी सुझाव दे दिया गया है।
तातापानी महोत्सव में जिला प्रशासन एवं कलेक्टर की ओर से पहले ही सभी दुकानदारों को प्लास्टिक मुक्त एवं स्वच्छता का निर्देश दिया गया था वही मेले के बाद इस प्रकार की गंदगी आने वाले समय में संबंधित दुकानदारों को इसके लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है मेले में आए हुए सभी दुकानदारों का यह नैतिक कर्तव्य था वे अपने साथ डस्टबिन और कचरा फेंकने का रखने का व्यवस्था रखते क्योंकि इसके लिए जिला प्रशासन ने उन्हें पहले ही आगाह किया था परंतु मेला समाप्त होने के बाद दुकानदारों का इस तरह कचरा छोड़ कर जाना चारों तरफ कचरा बिखेर देना कहीं ना कहीं इनकी मनमानी को दर्शाता है बरहाल तातापानी महोत्सव के बाद कुंड में मछली के मरने से प्रशासन एवं समिति पर साफ-सफाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैंBody:देश दीपकConclusion:
Last Updated : Jan 23, 2020, 11:53 AM IST
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