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बलरामपुर: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिलने से परेशान हैं किसान - Demand for compensation in balrampur

देशभर में किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई थी, लेकिन बलरामपुर जिले में यह योजना पूरी तरह से फेल है. किसानों को भारी बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ, लेकिन किसानों को मुआवजे से वंचित कर दिया गया है. इससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

Crop of 7 village farmers wasted in Balrampur
बलरामपुर में 7 गांव के किसानों की फसल बर्बाद
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Published : Sep 17, 2020, 4:33 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 7:15 PM IST

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल पर ही निर्भर हैं. लगभग 95 फीसदी किसान धान की खेती करते हैं. इसके लिए अन्नदाता हर साल लाखों रुपए कर्ज लेकर धान बीज और खाद की खरीदी करते हैं, लेकिन मूसलाधार बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. राजपुर ब्लॉक के 7 गांव के किसानों की धान की फसल खराब हो गई है. खेत में धान की फसल रेत से पटी हुई है. ऐसे में किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिलने से किसान परेशान

किसानों का कहना है कि प्रशासन ने फसल का आंकलन भी कराया है, लेकिन उन्हें मुआवजे के नाम पर कुछ नहीं मिला है. किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिलने के कारण 7 गांव के सैकड़ों किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह साहूकारों और बैंक से कर्ज लेकर फसल लगाई थी, लेकिन आसमानी आफत ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. किसानों का कहना है कि प्रशासन मदद नहीं कर रहा है, तो कैसे कर्ज से छुटकारा मिलेगा. किसानों ने बताया कि वह फसल नुकसान को लेकर फसल बीमा करा चुके हैं, लेकिन किसान बीमा कराने के बाद भी ठगा महसूस कर रहे हैं.

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90 फीसदी किसानों की फसल खराब होने पर मिलेगा लाभ

किसानों का कहना है कि हर साल हजारों किसान एकत्रित होकर करोड़ों रुपए फसल बीमा के लिए जमा करते हैं, जिससे किसानों को उम्मीद रहती है कि खराब फसल की भरपाई बीमा से हो जाएगी. अब प्रशासन भी बीमा को लेकर अनदेखा करता नजर आ रहा है. कृषि विभाग के SDO का कहना है कि किसी एक व्यक्ति को अगर नुकसान होता है, तो उन्हें बीमा का लाभ नहीं मिलेगा. अगर गांव में 90 फीसदी किसानों की फसल खराब होगी, तभी किसानों को बीमा का लाभ मिलेगा.

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किसान मुआवजा नहीं मिलने से परेशान

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से की गई थी, लेकिन किसानों को तो लाभ तो नहीं मिला. किसानों के पैसे से बीमा कंपनी जरूर मालामाल हो गई है. ऐसे में देखने वाली बात होगी की आखिर किसान कब तक इस तरह ठगे जाएंगे और बिना लाभ के ही उनकी मेहनत की कमाई बीमा कंपनी हड़पती जाएगी.

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल पर ही निर्भर हैं. लगभग 95 फीसदी किसान धान की खेती करते हैं. इसके लिए अन्नदाता हर साल लाखों रुपए कर्ज लेकर धान बीज और खाद की खरीदी करते हैं, लेकिन मूसलाधार बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. राजपुर ब्लॉक के 7 गांव के किसानों की धान की फसल खराब हो गई है. खेत में धान की फसल रेत से पटी हुई है. ऐसे में किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिलने से किसान परेशान

किसानों का कहना है कि प्रशासन ने फसल का आंकलन भी कराया है, लेकिन उन्हें मुआवजे के नाम पर कुछ नहीं मिला है. किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिलने के कारण 7 गांव के सैकड़ों किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह साहूकारों और बैंक से कर्ज लेकर फसल लगाई थी, लेकिन आसमानी आफत ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. किसानों का कहना है कि प्रशासन मदद नहीं कर रहा है, तो कैसे कर्ज से छुटकारा मिलेगा. किसानों ने बताया कि वह फसल नुकसान को लेकर फसल बीमा करा चुके हैं, लेकिन किसान बीमा कराने के बाद भी ठगा महसूस कर रहे हैं.

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90 फीसदी किसानों की फसल खराब होने पर मिलेगा लाभ

किसानों का कहना है कि हर साल हजारों किसान एकत्रित होकर करोड़ों रुपए फसल बीमा के लिए जमा करते हैं, जिससे किसानों को उम्मीद रहती है कि खराब फसल की भरपाई बीमा से हो जाएगी. अब प्रशासन भी बीमा को लेकर अनदेखा करता नजर आ रहा है. कृषि विभाग के SDO का कहना है कि किसी एक व्यक्ति को अगर नुकसान होता है, तो उन्हें बीमा का लाभ नहीं मिलेगा. अगर गांव में 90 फीसदी किसानों की फसल खराब होगी, तभी किसानों को बीमा का लाभ मिलेगा.

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किसान मुआवजा नहीं मिलने से परेशान

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से की गई थी, लेकिन किसानों को तो लाभ तो नहीं मिला. किसानों के पैसे से बीमा कंपनी जरूर मालामाल हो गई है. ऐसे में देखने वाली बात होगी की आखिर किसान कब तक इस तरह ठगे जाएंगे और बिना लाभ के ही उनकी मेहनत की कमाई बीमा कंपनी हड़पती जाएगी.

Last Updated : Sep 17, 2020, 7:15 PM IST
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