बलरामपुर: जिले के कटरा ग्राम पंचायत से आरा जाने वाले रोड पर 31 अक्टूबर को भालू ने दो ग्रामीणों पर हमला कर दिया था, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. भालू के हमले से मरने वाले ग्रामीणों के परिजनों ने संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज से मदद की गुहार लगाई है. मरने वाले ग्रामीण पहाड़पारा क्षेत्र के हैं. मृतक के परिजनों ने बताया कि भालू के हमले से मरने वालों में एक गांव का मुखिया था, जिस पर कुछ साल पहले भी टांगी से हमला किया गया था, लेकिन वह किसी तरह बच गए थे.
मृतक के परिजनों ने संसदीय सचिव को बताया कि उस समय उन्होंने लगभग 7 लाख रुपए खर्च करके उनकी जान बचाई थी, लेकिन उसी जगह पर भालू के हमले के बाद उनकी मौत हो गई. जिससे उनका पूरा परिवार बिखर गया है. परिजनों के मुताबिक, घर में सिर्फ वही एक कमाऊ सदस्य थे. परिवार ने संसदीय सचिव से गुहार लगाई है कि किसी तरह उनकी आर्थिक मदद करें या फिर घर के किसी सदस्य को नौकरी दें. परिवार ने कहा कि बिना मुआवजा या आर्थिक मदद के पूरा परिवार तहस-नहस हो जाएगा.
पढ़ें: बलरामपुर: भालू के हमले से दो ग्रामीणों की मौत, दहशत में लोग
राजपुर वन परिक्षेत्र में 2 ग्रामीणों को मारने वाले भालू को पकड़ने के लिए वन विभाग रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल सकी है. लगभग 30 वनकर्मी और रेस्क्यू टीम पहाड़पारा और ककना के बीच जंगलों की खाक छान रही है. भालू के अचानक हमले से वन अधिकारी भी बाल-बाल बचे हैं. फिलहाल बिलासपुर से वन विभाग के दो डॉक्टर, 2 ट्रेंक्यूलाइजर सहित प्रशिक्षित टीम को बुलाया गया है, जो भालू को पकड़कर बिलासपुर के कानन पेंडारी ले जाकर वहां उसका इलाज करेगी.
आंदोलन की चेतावनी
वहीं अमडीपारा क्षेत्र के ग्रामीणों ने राजपुर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर 24 घंटे में भालू को गांव से बाहर करने की मांग की है. भालू के नहीं पकड़े जाने पर उन्होंने हाईवे पर चक्काजाम करने की चेतावनी दी है. बिलासपुर और अंबिकापुर के वन्य जीव विशेषज्ञ और रेस्क्यू टीम भालू को पकड़ने में लगे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई है.
लगातार बढ़ रहा भालुओं का आतंक
छत्तीसगढ़ में जंगल का क्षेत्र काफी बड़ा है. ऐसे में कई जिलों में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं. इसके साथ ही वन विभाग को भी लगातार जानकारी दी जाती है. हाल के दिनों में भी कई रहवासी इलाकों में जंगली जानवरों ने दस्तक दी है.