बलरामपुर: कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर देश के कोने-कोने से अपने राज्यों की ओर बढ़ रहे हैं. गृहग्राम पहुंचने का पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. छत्तीसगढ़ की सीमाएं कई राज्यों से जुड़ी हुई है. मजदूर इन्हीं रास्तों से वापस लौट रहे हैं. वहीं प्रदेश से गुजरने वाले मजदूरों को उनके पैरों को तपती गर्मी से अराम देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से चप्पल बांटा जा रहा है. इसके साथ ही चेक पोस्ट सहित कई चिन्हित रास्तों में श्रमिकों की मदद के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं.
बलरामपुर-रामानुजगंज की सीमा भी तीन राज्यों से लगती है. श्रमिक बड़ी संख्या में इन रास्तों से गुजर रहें हैं. जिला प्रशासन शुरू से ही श्रमिकों की हर संभव सहायता कर रहा है. इन मजदूरों को खाने-पीने के साथ ही चप्पल दिया जा रहा है और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है.
मजदूरों के लिए व्यवस्था करने के निर्देश
बलरामपुर जिले से गुजर रहे श्रमिकों की सहायता के लिए अधिकारियों को उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. चेकपोस्ट में पहुंच रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए अनिवार्य रूप से चप्पल बांटे जाने को कहा गया है. ऐसे मुश्किल समय में प्रशासन की तरफ से दी जा रही सहायता मजदूरों के लिए वरदान है.
जिला प्रशासन ने बांटा गमछा
वाड्रफनगर के धनवार स्थित चेकपोस्ट पर पहुंचे प्रवासी श्रमिकों को जब चप्पल बांटा गया, तो श्रमिकों ने भी हाथ जोड़कर प्रशासन के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया. इसी तरह ककना स्थित चेकपोस्ट पर प्रशासन के सहयोग से स्वयं सेवी संस्थाओं ने चिल-चिलाती गर्मी को देखते हुए बचाव के लिए मजदूरों को गमछा बांटा.
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स्वास्थ्यकर्मी दे रहे बचाव करने की जानकारी
इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मी मजदूरों को कोरोना वायरस के संक्रमण और गर्मी से बचाव की जानकारी दे रहै हैं. शरीर में पानी की कमी न हो इसका विशेष ध्यान रखने को कहा जा रहा है. इस इलाके से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर झारखंड, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की तरफ जा रहे हैं. वहीं दूसरे राज्यों से मजदूर छत्तीसगढ़ वापस भी आ रहे हैं.