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SPECIAL: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया स्टेडियम, 99 लाख रुपये स्वीकृत फिर भी नहीं हुआ निर्माण

बलरामपुर के रामानुजगंज में खिलाडियों के लिए मात्र 1 स्टेडिम बनाया गया है, लेकिन उसका हाल भी बेहाल है. सालों से कागजों में स्टेडियम के निर्माण को लेकर राशि स्वीकृत करवाई जा रही है. लेकिन हकीकत इससे कोसो दूर है. स्टेडियम का निर्माण कार्य पिछले कई सालों से रुका हुआ है. इसे लेकर एनएसयुआई जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है.

ramanuganj stadium
रामानुजगंज स्टेडियम
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Published : Jul 6, 2020, 10:36 PM IST

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ सरकार खिलाड़ियों को सुविधा देने का लाख दावा करती है, लेकिन रामानुजगंज स्टेडियम में इसकी तस्वीर बिल्कुल उलट है. स्टेडियम का निर्माण शुरू हुए काफी समय हो गया है, लेकिन स्टेडियम के निर्माण का काम अब तर पूरा नहीं हो पाया है. जिम्मेदार स्टेडियम को सुव्यवस्थित करने और निर्माण के नाम पर बस चूना लगाने में लगे हैं. इस वजह से जहां खिलाड़ी मायूस हैं, वहीं ग्राउंड से दूरी बनाने को भी मजबूर हो गए हैं. इसे लेकर एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप स्टेडियम निर्माण में बरती गई अनियमितता की जांच करने और ज्लद से जल्द निर्माण कार्य पूरा कराने की मांग की है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया स्टेडियम

20 हजार की आबादी वाले क्षेत्र में एक ही खेल मैदान है और वो भी व्यवस्थित नहीं है. वर्तमान में स्टेडियम में उपयोग के लिए कुछ नहीं बचा है. दो दसको से स्टेडियम को सुव्यवस्थित बनाने का काम किया जा रहा है जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. इस दौरान 4 नगर पंचायत अध्यक्ष आए और गए, लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी मैदान का काम पूरा नहीं हो पाया. तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष ने स्टेडियम निर्माण के लिए 99 लाख रुपये की स्वीकृत दी थी, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी स्टेडियम की निर्माण पूरा नहीं हो पाया है.

पढ़ें: कोरोना संकट: रायपुर के इंडोर स्टेडियम को बनाया जा रहा क्वॉरेंटाइन सेंटर

स्टेडियम निर्माण में भ्रष्टाचार

खिलाड़ियों ने बताया कि पहले हर साल इस स्टेडियम में क्रिकेट टूर्नामेंट, फुटबॉल टूर्नामेंट और अन्य खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती थी, लेकिन अब कुछ भी नहीं हो पा रहा है. खिलाड़ियों की मांग है कि स्टेडियम का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि यहां पहले की तरह क्रिकेट, फुटबॉल टूर्नामेंट हो सके. कांग्रेस जिला महामंत्री और पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि हाई स्कूल मैदान के लिए मिनी स्टेडियम के नाम से राशि स्वीकृत हुई है, लेकिन यह राशि भ्रष्टाचारी निगल गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और काम में तेजी लानी चाहिए.

स्टेडियम में फिल्ड लाइट की कमी

अरुण अग्रवाल ने कहा कि स्टेडियम के नाम पर करोड़ों में फंड आया है, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. उन्होंने बताया कि स्टेडियम में अच्छी क्वालिटी के घास लगाने का प्रावधान था, लेकिन ठेकेदार ने यहां लोकल घास लगवाया है जो बारिश में पूरी तरह बर्बाद हो गया है और स्टेडियम खेत में तब्दील हो गए हैं. उन्होंने बताया कि लगभग 2005 में इसका काम शुरू किया गया था जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. इसके साथ ही स्टेडियम में फिल्ड लाइट का भी प्रावधान था, ताकि रात में भी खेल प्रतियोगिताएं हो सकें. वहीं इसकी सुरक्षा के लिए यहां 4 गेट लगवाए जाने थे जो अब तक नहीं लग पाया है.

पढ़ें: अब प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान हुआ चोरी, पीड़ित ने थाने में की शिकायत

ठेकेदार पर भ्रष्टाचार का आरोप

एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह ने कहा कि स्टेडियम के निर्माण के नाम पर खिलाड़ियों से मजाक किया जा रहा है. कई सालों से स्टेडियम के लिए टेंडर पास किया जा रहा है, लेकिन काम नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि स्टेडियम के निर्माण के लिए अध्यक्ष द्वारा लीपा-पोती कर के रुपये निकाल तो लिए जाते हैं, लेकिन स्टेडियम के काम में लगा नहीं जाते हैं. मैदान की स्थिती आए दिन बद से बदतर होती जा रही है. उन्होंने कहा कि वो ग्राउंड अब खेती करने योग्य हो गया है, जहां धान की खेती अच्छी होगी. अभिषेक सिंह ने ठेकेदार पर ग्राउंड की मिट्टी बेचने का भी आरोप लगाया है.

पढ़ें: SPECIAL: करीब 3 महीने बाद सुरक्षा को ध्यान में रखकर मैदान में उतरे खिलाड़ी

करोड़ों रुपये की लागत से बना यह स्टेडियम कबाड़ बन चुका है. वहीं इसकी देख-रेख और निर्माण करने में प्रशासन विफल साबित हुआ है. अब देखना यह होगा कि इस स्टेडियम का लाभ खिलाड़ियों को मिल सकेगा या यह भी उदासीनता और भ्रष्टाचार का शिकार हो जाएगा.

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ सरकार खिलाड़ियों को सुविधा देने का लाख दावा करती है, लेकिन रामानुजगंज स्टेडियम में इसकी तस्वीर बिल्कुल उलट है. स्टेडियम का निर्माण शुरू हुए काफी समय हो गया है, लेकिन स्टेडियम के निर्माण का काम अब तर पूरा नहीं हो पाया है. जिम्मेदार स्टेडियम को सुव्यवस्थित करने और निर्माण के नाम पर बस चूना लगाने में लगे हैं. इस वजह से जहां खिलाड़ी मायूस हैं, वहीं ग्राउंड से दूरी बनाने को भी मजबूर हो गए हैं. इसे लेकर एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप स्टेडियम निर्माण में बरती गई अनियमितता की जांच करने और ज्लद से जल्द निर्माण कार्य पूरा कराने की मांग की है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया स्टेडियम

20 हजार की आबादी वाले क्षेत्र में एक ही खेल मैदान है और वो भी व्यवस्थित नहीं है. वर्तमान में स्टेडियम में उपयोग के लिए कुछ नहीं बचा है. दो दसको से स्टेडियम को सुव्यवस्थित बनाने का काम किया जा रहा है जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. इस दौरान 4 नगर पंचायत अध्यक्ष आए और गए, लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी मैदान का काम पूरा नहीं हो पाया. तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष ने स्टेडियम निर्माण के लिए 99 लाख रुपये की स्वीकृत दी थी, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी स्टेडियम की निर्माण पूरा नहीं हो पाया है.

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स्टेडियम निर्माण में भ्रष्टाचार

खिलाड़ियों ने बताया कि पहले हर साल इस स्टेडियम में क्रिकेट टूर्नामेंट, फुटबॉल टूर्नामेंट और अन्य खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती थी, लेकिन अब कुछ भी नहीं हो पा रहा है. खिलाड़ियों की मांग है कि स्टेडियम का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि यहां पहले की तरह क्रिकेट, फुटबॉल टूर्नामेंट हो सके. कांग्रेस जिला महामंत्री और पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि हाई स्कूल मैदान के लिए मिनी स्टेडियम के नाम से राशि स्वीकृत हुई है, लेकिन यह राशि भ्रष्टाचारी निगल गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और काम में तेजी लानी चाहिए.

स्टेडियम में फिल्ड लाइट की कमी

अरुण अग्रवाल ने कहा कि स्टेडियम के नाम पर करोड़ों में फंड आया है, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. उन्होंने बताया कि स्टेडियम में अच्छी क्वालिटी के घास लगाने का प्रावधान था, लेकिन ठेकेदार ने यहां लोकल घास लगवाया है जो बारिश में पूरी तरह बर्बाद हो गया है और स्टेडियम खेत में तब्दील हो गए हैं. उन्होंने बताया कि लगभग 2005 में इसका काम शुरू किया गया था जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. इसके साथ ही स्टेडियम में फिल्ड लाइट का भी प्रावधान था, ताकि रात में भी खेल प्रतियोगिताएं हो सकें. वहीं इसकी सुरक्षा के लिए यहां 4 गेट लगवाए जाने थे जो अब तक नहीं लग पाया है.

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ठेकेदार पर भ्रष्टाचार का आरोप

एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह ने कहा कि स्टेडियम के निर्माण के नाम पर खिलाड़ियों से मजाक किया जा रहा है. कई सालों से स्टेडियम के लिए टेंडर पास किया जा रहा है, लेकिन काम नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि स्टेडियम के निर्माण के लिए अध्यक्ष द्वारा लीपा-पोती कर के रुपये निकाल तो लिए जाते हैं, लेकिन स्टेडियम के काम में लगा नहीं जाते हैं. मैदान की स्थिती आए दिन बद से बदतर होती जा रही है. उन्होंने कहा कि वो ग्राउंड अब खेती करने योग्य हो गया है, जहां धान की खेती अच्छी होगी. अभिषेक सिंह ने ठेकेदार पर ग्राउंड की मिट्टी बेचने का भी आरोप लगाया है.

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करोड़ों रुपये की लागत से बना यह स्टेडियम कबाड़ बन चुका है. वहीं इसकी देख-रेख और निर्माण करने में प्रशासन विफल साबित हुआ है. अब देखना यह होगा कि इस स्टेडियम का लाभ खिलाड़ियों को मिल सकेगा या यह भी उदासीनता और भ्रष्टाचार का शिकार हो जाएगा.

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