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बलरामपुर: गरियाबंद तहसील क्लर्क सुसाइड केस में लिपिक संघ ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

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Published : Oct 19, 2020, 7:27 PM IST

देवभोग में पदस्थ एक लिपिक की फांसी लगाकर आत्महत्या करने के केस में बलरामपुर के लिपिक संघ ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की है. लिपिक संघ ने केस में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

Clerical employees protested against chhattisgarh government in BALRAMPUR
लिपिक कर्मचारियों का आंदोलन

बलरामपुर: गरियाबंद के देवभोग तहसील में पदस्थ एक लिपिक की फांसी लगाकर आत्महत्या करने के केस में सोमवार को बलरामपुर के सभी लिपिक संघ ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की है. इस दौरान लिपिक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

लिपिक संघ ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

लिपिक संघ के जिला अध्यक्ष रमेश तिवारी ने बताया कि सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ शुभम पात्रे की अनुकंपा नियुक्ति में नौकरी लगी थी और जब से वो नौकरी कर रहा था, तभी से प्रभारी तहसीलदार उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था. प्रभारी तहसीलदार की प्रताड़ना से तंग आकर लिपिक शुभम पात्रे ने 15 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

पढ़ें- गरियाबंद: अधिकारियों की प्रताड़ना से परेशान तहसील क्लर्क ने दी जान

सुसाइड करने से पहले शुभम पात्रे ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें प्रताड़ना का उल्लेख किया गया था. बेटे की मौत के बाद भी बीमार मां लगातार दोषी तहसीलदार पर करवाई करने के लिए आवेदन दे रही थी, लेकिन अबतक तहसीलदार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. लिपिक संघ ने सोमवार को सीएम और गृह मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तहसीलदार को निलंबित करने के साथ FIR दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है.

बलरामपुर: गरियाबंद के देवभोग तहसील में पदस्थ एक लिपिक की फांसी लगाकर आत्महत्या करने के केस में सोमवार को बलरामपुर के सभी लिपिक संघ ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की है. इस दौरान लिपिक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

लिपिक संघ ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

लिपिक संघ के जिला अध्यक्ष रमेश तिवारी ने बताया कि सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ शुभम पात्रे की अनुकंपा नियुक्ति में नौकरी लगी थी और जब से वो नौकरी कर रहा था, तभी से प्रभारी तहसीलदार उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था. प्रभारी तहसीलदार की प्रताड़ना से तंग आकर लिपिक शुभम पात्रे ने 15 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

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सुसाइड करने से पहले शुभम पात्रे ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें प्रताड़ना का उल्लेख किया गया था. बेटे की मौत के बाद भी बीमार मां लगातार दोषी तहसीलदार पर करवाई करने के लिए आवेदन दे रही थी, लेकिन अबतक तहसीलदार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. लिपिक संघ ने सोमवार को सीएम और गृह मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तहसीलदार को निलंबित करने के साथ FIR दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है.

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