बलरामपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले ही चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है. रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र के रामचंद्रपुर में लाभार्थी सम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें मंच से छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी नेता पूर्व गृह मंत्री रामविचार नेताम ने विधायक बृहस्पति सिंह पर जमकर निशाना साधा . इस दौरान रामानुजगंज विधानसभा से अपनी दावेदारी पेश कर दिया है. क्या भाजपा से रामविचार नेताम को रामानुजगंज विधानसभा से टिकट मिलेगा या फिर पार्टी किसी दूसरे चेहरे पर भरोसा करेगी ये अभी साफ नहीं है.इसी बीच नेताम के समर्थक भी नेताम को टिकट देने की मांग कर रहे हैं.
बीजेपी के कद्दावर नेता हैं रामविचार नेताम : रामविचार नेताम भाजपा के कद्दावर आदिवासी चेहरा हैं. जिनकी पहचान प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक है. नेताम छत्तीसगढ़ सरकार में गृहमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही राज्यसभा सांसद भी हैं. रामविचार नेताम सन 1990 से लेकर 2013 तक विधायक रह चुके हैं. छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी. उस दौरान अहम मंत्रालय के मंत्री भी रहे हैं. पहले यह विधानसभा पाल के नाम से जाना जाता था.
क्या है सीट का गणित : रामानुजगंज विधानसभा में पिछले 10 वर्षों से कांग्रेस का कब्जा है. बृहस्पति सिंह विधायक हैं. बीजेपी में टिकट के कई दावेदार हैं. लेकिन रामविचार नेताम रामानुजगंज में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा हैं. टिकट के सबसे मजबूत दावेदार भी हैं. हालांकि पार्टी किसे टिकट देकर प्रत्याशी बनाएगी यह तो आने वाले समय ही बताएगा.
पिछली बार मिली थी हार : 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रामकिशन सिंह को टिकट दिया था. लेकिन बीजेपी के ही एक बागी प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में उतर गए. बीजेपी के अंदर जमकर भीतरघात हुआ. इससे बीजेपी के वोटों का बिखराव हो गया.जिसके कारण कांग्रेस के प्रत्याशी बृहस्पति सिंह को बड़ी जीत मिली.
रामविचार नेताम ने दी चुनौती : लाभार्थी सम्मेलन के दौरान मंच से नेताम ने जहां केंद्र सरकार की 9 वर्षों की उपलब्धियों का बखान किया तो वहीं वर्तमान विधायक बृहस्पति सिंह पर भी जमकर निशाना साधा.
'' अब समय आ गया है. पिछले साढ़े चार साल से क्षेत्र की जनता त्रस्त है.कांग्रेस की सरकार ने गौठान के नाम पर भ्रष्टाचार किया है.इसलिए आने वाले चुनाव में कांग्रेस को मिलकर जवाब देने का समय आ गया है.'' रामविचार नेताम, पूर्व मंत्री बीजेपी
लाभार्थी सम्मेलन में बीजेपी ने जहां अपने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज किया.वहीं दूसरी तरफ बातों-बातों में रामविचार नेताम ने हुंकार भरके एक बार फिर टिकट की दावेदारी पेश की.जिसके बाद ये लगने लगा है कि कहीं ना कहीं नेताम खुद को इस सीट से दावेदार मान रहे हैं.