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बलरामपुर के कन्हर नदी के घाट पर छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य - बलरामपुर के कन्हर नदी के घाट पर छठ

बलरामपुर के कन्हर नदी के घाट पर छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मैया की उपासना की.

Sandhya Arghya at Ghat
छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य
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Published : Apr 7, 2022, 11:00 PM IST

बलरामपुर: बलरामपुर में चैती छठ को लेकर श्रद्धालुओं में जमकर उत्साह देखने को मिल रहा है. 5 अप्रैल को नहाय-खाय से शुरू हुए महापर्व में बुधवार को खरना था. आज कन्हर नदी के तट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. व्रतियों ने सुख समृद्धि की कामना की.

दरअसल, जिले के कन्हर नदी छठ घाट पर व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण जिला प्रशासन के द्वारा प्रतिबंध होने के कारण चैती छठ नहीं मनाया जा रहा था. लेकिन इस वर्ष किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. जिससे श्रद्धालुओं के द्वारा बिना किसी भय के छठ महापर्व मनाया गया. छठ घाट पर सीमित स्तर पर मेला का आयोजन भी हुआ, जहां खान-पान सहित लस्सी और आइसक्रीम की दुकानें लगाई गई.

यह भी पढ़ें: Chaitra Chhath Vrat 2022: बलरामपुर में छठ व्रतियों ने किया खरना

छठ घाट पर दिखा भक्तिमय माहौल: कन्हर नदी में छठ घाट पर भक्तिमय माहौल दिखा. श्रद्धालुओं ने छठी मैया से मन्नत मांगी. व्रती ने बैंड-बाजे के साथ छठ घाट पर पहुंच संध्या अर्घ्य दिया. जगह-जगह पर ढोल बाजे बज रहे थे. कन्हर एनीकट के उपर से भी कुछ श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. नगर के शिव मंदिर घाट महामाया मंदिर घाट सहित विभिन्न घाटों पर भी श्रद्धालुओं ने पूजा-पाठ करके अर्घ्य दिया.

सुबह उगते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य: कल सुबह व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा करेंगी. छठ का प्रसाद भी कन्हर नदी घाट पर ही वितरण किया जाएगा, जिसके बाद चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन होगा.

बलरामपुर: बलरामपुर में चैती छठ को लेकर श्रद्धालुओं में जमकर उत्साह देखने को मिल रहा है. 5 अप्रैल को नहाय-खाय से शुरू हुए महापर्व में बुधवार को खरना था. आज कन्हर नदी के तट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. व्रतियों ने सुख समृद्धि की कामना की.

दरअसल, जिले के कन्हर नदी छठ घाट पर व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण जिला प्रशासन के द्वारा प्रतिबंध होने के कारण चैती छठ नहीं मनाया जा रहा था. लेकिन इस वर्ष किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. जिससे श्रद्धालुओं के द्वारा बिना किसी भय के छठ महापर्व मनाया गया. छठ घाट पर सीमित स्तर पर मेला का आयोजन भी हुआ, जहां खान-पान सहित लस्सी और आइसक्रीम की दुकानें लगाई गई.

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छठ घाट पर दिखा भक्तिमय माहौल: कन्हर नदी में छठ घाट पर भक्तिमय माहौल दिखा. श्रद्धालुओं ने छठी मैया से मन्नत मांगी. व्रती ने बैंड-बाजे के साथ छठ घाट पर पहुंच संध्या अर्घ्य दिया. जगह-जगह पर ढोल बाजे बज रहे थे. कन्हर एनीकट के उपर से भी कुछ श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. नगर के शिव मंदिर घाट महामाया मंदिर घाट सहित विभिन्न घाटों पर भी श्रद्धालुओं ने पूजा-पाठ करके अर्घ्य दिया.

सुबह उगते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य: कल सुबह व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा करेंगी. छठ का प्रसाद भी कन्हर नदी घाट पर ही वितरण किया जाएगा, जिसके बाद चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन होगा.

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