बलरामपुर: जिले के रामानुजगंज में कई ऐसे गांव हैं, जहां बंगाली समुदाय के लोग रहते हैं. दीपावली की रात जिले के बंगाली समुदाय ने काली पूजा की. सालों से यह परंपरा चली आ रही है. रामानुजगंज के आरागाही गांव में दीपावली की रात मां काली की प्रतिमा स्थापित कर बंगाली समुदाय ने काली पूजा की. इसके बाद सूर्योदय से पहले ही प्रतिमा का विसर्जन भी किया.
बंगाली समाज में प्रचलित है काली पूजा: दरअसल, बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में बंगाली समाज की काली पूजा पूरे क्षेत्र में काफी प्रचलित है. बंगाली समाज के लोगों के बीच मां काली को लेकर गहरी आस्था है. यही कारण है कि बंगाली समाज ने दीपावली की रात विधि-विधान से मां काली की पूजा-अर्चना की है.
सालों से चल आ रही परम्परा: रामानुजगंज के आरागाही गांव में साल 1964 से काली पूजा की परंपरा चली आ रही है. हर साल दीपावली की रात यहां के बंग समाज के लोग धूमधाम से मां काली की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. बीते 60 सालों से यहां काली पूजा की जा रही है. यहां पर काली पूजा साल 1964 से हो रही है. काली पूजा के दिन बंगाली समुदाय पूरा दिन व्रत रखते हैं. फिर शाम को पूजा के बाद खाना खाते हैं.
बता दें कि जिले के रामानुजगंज क्षेत्र के कई गांवों में बड़ी संख्या में बंगाली समुदाय के लोग रहते हैं. ये समुदाय नवरात्र के मौके पर दुर्गा पूजा और दीपावली के मौके पर काली पूजा किया करते हैं.