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बलरामपुर: नए सर्वे के मुताबिक शंकरगढ़ में 43 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित - Shakargarh news

बलरामपुर के शंकरगढ़ में आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सर्वे में 43 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए हैं.

43 children malnourished in Shankargarh
शंकरगढ़ में 43 बच्चे कुपोषित
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Published : Oct 3, 2020, 1:27 PM IST

बलरामपुर: जिले के कई इलाके कुपोषण की गंभीर समस्या से अभी भी जूझ रहे हैं. कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शासन-प्रशासन प्रयासरत है. बलरामपुर के शंकरगढ़ में हाल ही में किए गए सर्वे के अनुसार 43 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए हैं. इसका सर्वे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया था.

पढ़ें- कवर्धा: करोड़ों खर्च करने के बाद भी जिले में 12 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित

महिला बाल विकास के अधिकारी ने बताया कि हाल ही में इसका सर्वे हुआ है, जिसमें शंकरगढ़ ब्लॉक में कुपोषित बच्चों की संख्या 43 है. उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों की संख्या को लगातार घटाने का प्रयास कर रहे हैं. इलाके में जो कुपोषित बच्चे हैं, उन्हें बेहतर भोजन दिया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान घर-घर जाकर बेहतर आहार में एक अंडे दिए गए हैं, साथ ही अच्छे आहार के लिए दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं लगातार काम कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- SPECIAL: बस्तर में कुपोषण की दर में हुई वृद्धि, कोरोना वायरस संक्रमण बना कारण

कुपोषित को सुपोषित करने का प्रयास जारी

उन्होंने बताया कि आबादी के कुछ समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति कम होने के कारण उनके आहार में अक्सर गुणवत्ता और मात्रा की कमी होती है. जो महिलाएं कुपोषण से पीड़ित हैं, उनके शिशुओं के स्वस्थ होने की संभावना नहीं होती है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए जिले में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कुपोषित को करेला और अंडा आंगनबाड़ी में दिया जा रहा है. सरकार कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

बलरामपुर: जिले के कई इलाके कुपोषण की गंभीर समस्या से अभी भी जूझ रहे हैं. कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शासन-प्रशासन प्रयासरत है. बलरामपुर के शंकरगढ़ में हाल ही में किए गए सर्वे के अनुसार 43 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए हैं. इसका सर्वे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया था.

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महिला बाल विकास के अधिकारी ने बताया कि हाल ही में इसका सर्वे हुआ है, जिसमें शंकरगढ़ ब्लॉक में कुपोषित बच्चों की संख्या 43 है. उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों की संख्या को लगातार घटाने का प्रयास कर रहे हैं. इलाके में जो कुपोषित बच्चे हैं, उन्हें बेहतर भोजन दिया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान घर-घर जाकर बेहतर आहार में एक अंडे दिए गए हैं, साथ ही अच्छे आहार के लिए दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं लगातार काम कर रही हैं.

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कुपोषित को सुपोषित करने का प्रयास जारी

उन्होंने बताया कि आबादी के कुछ समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति कम होने के कारण उनके आहार में अक्सर गुणवत्ता और मात्रा की कमी होती है. जो महिलाएं कुपोषण से पीड़ित हैं, उनके शिशुओं के स्वस्थ होने की संभावना नहीं होती है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए जिले में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कुपोषित को करेला और अंडा आंगनबाड़ी में दिया जा रहा है. सरकार कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

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