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बलरामपुर में मनरेगा के तहत 40 हजार मजदूरों को मिला रोजगार

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Published : May 4, 2021, 1:42 PM IST

Updated : May 4, 2021, 2:00 PM IST

बलरामपुर में लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के तहत 40 हजार मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. मनरेगा के तहत जिले में हर रोज 40 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

40 thousand laborers got employment under MGNREGA in Balrampur
मनरेगा कार्य

बलरामपुर : लॉकडाउन के दौरान कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. इस दौरान मजदूरों के लिए मनरेगा वरदान की तरह साबित हुआ है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जिले में चल रहे निर्माण कार्य लगातार जारी है. मनरेगा के तहत जिले में प्रतिदिन 40 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत ग्रामीणों परिवारों को वर्ष में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराना है. मनरेगा के अंतर्गत स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण और समुदायिक कार्यों का निर्माण किया जाता है. मनरेगा गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी मनरेगा के तहत छत्तीसगढ़ में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिले में 1 अप्रैल से मनरेगा मजदूरी दर 193 रुपये प्रतिदिन के मान से मजदूरों को भुगतान किया जा रहा है.

कलेक्टर श्याम धावड़े के निर्देश में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है. आपदा काल में भी कोई ग्रामीण परिवार रोजगार से वंचित न रहे इसलिए समस्त विकास खंडों में मनरेगा अंतर्गत प्रतिदिन श्रमिक रोजगार प्राप्त कर रहे हैं. जल संवर्धन और संरक्षण से संबंधित स्थाई परिसंपत्तियों जैसे डबरी, तालाब, भूमि सुधार, मेड़बंदी, नरवा क्षेत्र के विकास कार्य किए जा रहे हैं.

बलौदा बाजार में लॉकडाउन के बीच मनरेगा से दिया गया सबसे ज्यादा रोजगार

जिले के कलेक्टर ने बताया कि जिले में प्रतिदिन 40 हजार से भी ज्यादा मजदूरों को स्थानीय स्तर पर मनरेगा से रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिला स्तर से पर्याप्त श्रम मूलक कार्यों की स्वीकृति पूर्व में भी जारी कर दी गई है. मनरेगा से सही क्रियावन्यन के लिए जिला और जनपद स्तरीय टीम निरंतर कार्य स्थलों का निरीक्षण कर गुणवत्ता परीक्षण किया जा रहा है.

बलरामपुर : लॉकडाउन के दौरान कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. इस दौरान मजदूरों के लिए मनरेगा वरदान की तरह साबित हुआ है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जिले में चल रहे निर्माण कार्य लगातार जारी है. मनरेगा के तहत जिले में प्रतिदिन 40 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत ग्रामीणों परिवारों को वर्ष में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराना है. मनरेगा के अंतर्गत स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण और समुदायिक कार्यों का निर्माण किया जाता है. मनरेगा गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी मनरेगा के तहत छत्तीसगढ़ में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिले में 1 अप्रैल से मनरेगा मजदूरी दर 193 रुपये प्रतिदिन के मान से मजदूरों को भुगतान किया जा रहा है.

कलेक्टर श्याम धावड़े के निर्देश में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है. आपदा काल में भी कोई ग्रामीण परिवार रोजगार से वंचित न रहे इसलिए समस्त विकास खंडों में मनरेगा अंतर्गत प्रतिदिन श्रमिक रोजगार प्राप्त कर रहे हैं. जल संवर्धन और संरक्षण से संबंधित स्थाई परिसंपत्तियों जैसे डबरी, तालाब, भूमि सुधार, मेड़बंदी, नरवा क्षेत्र के विकास कार्य किए जा रहे हैं.

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जिले के कलेक्टर ने बताया कि जिले में प्रतिदिन 40 हजार से भी ज्यादा मजदूरों को स्थानीय स्तर पर मनरेगा से रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिला स्तर से पर्याप्त श्रम मूलक कार्यों की स्वीकृति पूर्व में भी जारी कर दी गई है. मनरेगा से सही क्रियावन्यन के लिए जिला और जनपद स्तरीय टीम निरंतर कार्य स्थलों का निरीक्षण कर गुणवत्ता परीक्षण किया जा रहा है.

Last Updated : May 4, 2021, 2:00 PM IST
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