सरगुजा: शासकीय मेडिकल कॉलेज के एमसीएच भवन में आज पोषण विभाग के द्वारा मिशन मिलेट्स पर कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमे सुमन सिंह डाइटीशियन द्वारा लोकल स्तर पर मिलने वाले मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा ,रागी, कोदो, कुटकी, के बारे में बताया गया. जिसमे भरपूर मात्रा में विटामिन प्रोटीन मिलता है. इस प्रोग्राम में उपस्थित सभी मरीज के परिजन और गर्भवती महिलाओं ने जानकारी ली. जिससे आने वाले समय में गर्भवती महिलाओं को एनीमिया जैसे बीमारी से वाले पोषण आहार खाने से निजात मिल सकेगी.
सफेद अनाज के प्रति झुकाव: इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों को लोकल स्तर पर मिलने वाले मोटे अनाज के प्रति जागरूक करना था. जो कि आजकल लोग खाना पसंद नहीं करते हैं. जिसमें पोषण आहार भरपूर मात्रा में होता है. जबकी हरित क्रांति के बाद देश सफेद खाद्य सामग्री जैसे चावल, आटा, नमक, शक्कर के तरफ आकर्षित हुई. यही लोगों का मुख्य आहार बन गया. परिणाम स्वरूप स्थायी रूप से इंसानों में कई बीमारियों ने जन्म लिया.
सस्ते लेकिन लाभकारी अनाज: पुराने समय में लोग लोकल स्तर पर सस्ते में मिलने वाले मोटे अनाज का सेवन करते थे. इस अनाज से वो स्वस्थ और तंदरुस्त रहते थे. एक बार फिर वैश्विक स्तर पर इस मोटे अनाज के प्रति जागरूकता आई है और मिलेट्स को बढ़ावा देने कई प्रयास किए जा रहे हैं. अम्बिकापुर मेडिकल कालेज के पोषण विभाग ने भी मिलेट्स के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास शुरू कर दिया है.
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रायपुर का पहला मिलेट्स कैफे, लोगों को भा रहा है स्वाद: छत्तीसगढ़ सरकार ने मिलेट्स फसल को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में मिलेट्स कैफे खोलने का फैसला किया है. इसी कड़ी में रायपुर में पहला मिलेट्स कैफे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में खुला है.जहां पब्लिक डिमांड पर मिलेट्स के प्रोडक्ट्स बनाए और बेचे जा रहे हैं. कैफे में आने वाले लोगों को मिलेट्स का स्वाद भी काफी पसंद आ रहा है.