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हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन पर टीएस सिहंदेव ने क्या बड़ा ऐलान किया ?

हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन का स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने हरिहरपुर में लोगों से कहा कि इस आंदोलन में "गोली-डण्डे चले तो पहले मैं गोली खाऊंगा"

TS Singhdev
लोगों से मिले टीएस सिंहदेव
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Published : Jun 6, 2022, 10:02 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन को स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने खुला समर्थन मिला है. आज सिंहदेव धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन में शामिल हुये, यहां उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि" मैं दिल्ली जाकर आप सबकी मंशा, आपकी पीड़ा और हसदेव अरण्य को बचाने की मांग से हमारे नेता राहुल गांधी को अवगत कराऊंगा. उन्होंने पहले भी इस क्षेत्र में आकर इसे बचाने पर जोर दिया था और अभी विदेश में रहते हुए आपके आंदोलनों को जायज बताया है. मैं आपकी बात उन तक पहुंचाऊंगा."

यह भी पढ़ें: Langur camp in Dhamtari: धमतरी के अर्जुनी थाने में लंगूरों ने क्यों डाला डेरा ?



काटे गए पेड़ की ली जानकारी: घाटबर्रा पहुंचे पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उस वन क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां पर कुछ दिन पहले भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पेड़ों को काटा जा रहा था. इस दौरान मंत्री सिंहदेव ने न सिर्फ कटे हुए पेड़ों की जानकारी ली बल्कि वर्तमान में संचालित खदान के लिए काटे गए जंगल एवं वहां के पेड़ के एवज में कितने पेड़ कहां लगाये गए. इसकी भी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों से ली. साथ ही खदान में जहां कार्य पूर्ण हो गया है, वहां मिट्टी भरने के बाद पेड़ लगे या नहीं इसकी जानकारी ली.

हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन को टीएस सिंहदेव का समर्थन



पेड़ काटने के एवज में कहां लगाए गए पेड़: वन विभाग के उपस्थित कर्मचारियों ने बताया कि खदान के गड्ढों को भरने के बाद अब तक पेड़ नहीं लगाये गए हैं. जिसे लेकर उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जनता का विरोध है. मैं पूछना चाहता हूं कि विगत दिन जो पेड़ भारी लाव-लश्कर की उपस्थिति में काटे गये, उसके एवज में दुगुना पेड़ कहा लगाया गया. मुझे जरा बतायें. नियम है कि एक एकड़ के बदले दो एकड़ एरिया में पेड़ लगना चाहिए. काटने तो आ गये, लेकिन पेड़ कहा लगा. इसकी जानकारी कौन देगा? गलत जानकारी और गलत आंकड़ा देकर ये सबको भ्रमित कर ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं, यह नहीं चलेगा, नियम और कानून से काम होगा.



दोबारा बुलाई जाएगी ग्राम सभा: जनता दुबारा ग्रामसभा चाहती है कि ग्राम सभा बुलाया जाए और तब फैसला हो. जब जनता ने एक बार कह दिया कि वह ग्रामसभा फर्जी है तो इसे माना जाये. अन्यथा तो उस ग्रामसभा की जांच होनी चाहिए, उनकी भी जांच हो जो जिला पंचायत के प्रस्ताव को दरकिनार कर रहे हैं. ग्राम सभा को वैधानिक बता रहे हैं. जबकि खुद वर्तमान सरपंच सहित पंच बता रहे हैं कि कोई ग्रामसभा की वैधानिकता की जांच के लिए उनका पक्ष लेने नहीं आया, फिर उसे वैधानिक बता कर गलत जानकारी कैसे सार्वजनिक की जा सकती है.



जिसे हमने चुन कर भेजा वो हमारे खिलाफ कैसे: महिलाओं ने कहा कि हम जंगल छोड़कर कहीं नहीं जायेंगे, हमारे पूर्वजों ने यह धरती माता हमें सौंपी है और इसके लिए जान भी देना पड़े तो देंगे हम इसे छोड़ कर कहीं नहीं जाने वाले. वहीं लोगों ने यह भी जानकारी दी की वर्षों से यहां पर रह रहे हैं, वन अधिकार पत्र की मांग कई बार की लेकिन अब तक पट्टा नहीं मिला. लोगों ने बताया कि जब सैकड़ों की संख्या में पुलिस, शासन-प्रशासन की टीम यहां जंगल काटने के लिए पहुंची और हम विरोध कर रहे थे तो हमारे साथ उनका व्यवहार सही नहीं था. महिलाओं को काफी चोट लगी है, किसी का कपड़ा फटा, किसी को दूर फेंका गया, हमारे जंगल में हमें ही नहीं जाने दिया जा रहा था. कोई सरकार और उसके लोग ऐसे कैसे कर सकते हैं. समझ से परे है कि हम संवैधानिक व्यवस्था में हैं या कहीं और हैं. जिसे चुन कर वोट देकर हमने भेजा है वह कैसे हमारे ही खिलाफ खड़ा है. क्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर भी लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिली.

यह भी पढ़ें: बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने कश्मीर में कितनी खरीदी जमीन : भूपेश बघेल

2050 तक कोयले से बिजली की निर्भरता खत्म करनी है: हरिहरपुर में पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए उसे स्वच्छ एवं सुंदर रखने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. वैश्विक स्तर पर यह तय किया गया है कि 2070 तक कोयले से बिजली बनाने की निर्भरता हमें पूरी तरह समाप्त करनी है. हमारे देश को 2050 का लक्ष्य दिया गया है, हमने 2030 तक की बात कही है, अभी 2022 चल रही है.

गोली, डंडा चला तो पहली गोली, डंडा मैं खाऊंगा:सिंहदेव: आपके आंदोलन में देर से पहुंचा हूं. इसका कारण यह है कि जब तक आप एकजुट नहीं होंगे. मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं रहेगा. इसलिए जब और जहां आप एकजुट रहेंगे. मैं आपके आगे-आगे चलूंगा. यदि गांव दो तीन भागों में बंट गया और कोई खदान चाहता है, कोई नौकरी चाहता है और कोई नहीं चाहता तो ऐसे समय में किसकी ओर से खड़ा हुआ जाये यह कठिन हो जाता है. लेकिन आप एकजुट हैं और आपको दबाया जा रहा है. आपको परेशान किया जायेगा तो आप निश्चित रहिये मैं हमेंशा आपकी लड़ाई लड़ने के लिए आपके साथ खड़ा हूं, लेकिन आपको भी एकजुट रहना होगा. फिर चाहे गोली चले या डंडा पहली गोली व डंडा मैं खाऊंगा.


परसोड़ीकलां, कटकोना में जीत हुई, हसदेव भी बचेगा: परसोड़ीकला एवं कटकोना दोनों ग्राम पंचायत इसके उदाहरण हैं कि जहां लोग एकजुट रहे हैं, वहां खदान नहीं खुल पाई है. आप सब भी एकजुट रहे तो जीत हमारी होगी, हसदेव अरण्य को हम कटने नहीं देंगे. हसदेव अरण्य को बचाया जायेगा, हम सब साथ खड़े होंगे.

यह भी पढ़ें: गांधी ग्राम कुलगांव का लोकार्पण: छत्तीसगढ़ बढ़ रहा ग्राम सुराज के पथ पर, जानिए कैसे ?

8 लाख पेड़ कटेंगे यदि कोल ब्लॉक शुरू हुआ:सिंहदेव: आज जब लगभग 8 लाख पेड़ हसदेव क्षेत्र से कटने वाले हैं, ऐसे में यह सोचिए कि जब पहले से जो खदान संचालित है. वह खदान के नियम और शर्तों का ही पूर्ण रूप से पालन नहीं कर रही तो फिर आगे जो ब्लॉक आवंटन हुए हैं, वहां के एक एकड़ पेड़ के बदले दो एकड़ पेड़ लगाने का जो नियम है उसका पालन कहां हो रहा है. परसा-केते की संचालित कोल ब्लॉक के खिलाफ बताया जा रहा है. जशपुर में पौधारोपण कराया गया है. अब जो नई प्रस्तावित खदान है. उसके बदले बताया जा रहा है कि कोरिया में पोधोरोपण किया जायेगा. बर्बाद होगा हसदेव, सरगुजा का एरिया, यहां उजाड़ बना दिया जायेगा और वृक्षारोपण कहीं और होगा. यहां की आबोहवा का क्या, यहां के पर्यावरण का क्या? मैं आम लोगों की जो भी राय है. उसके साथ खड़ा हूं और मेरी व्यक्तिगत राय है कि हमें हसदेव अरण्य को बचाना चाहिए. यह हमारे पर्यावरण एवं स्वच्छ हवा, पानी के लिए जरूरी है.



हसदेव प्रभावित क्षेत्र के लोगों का समर्थन: पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ग्रामसभा एवं जन सुनवाई हो, वहां उन्हीं लोगों को आने दें जो प्रभावित क्षेत्र का हो. वोटर कार्ड और राशनकार्ड से उन्हें पहचानिए जो आपके क्षेत्र का नहीं उसे भगाइये और यदि उनकी उपस्थिति में ग्रामसभा या जनसुनवाई होती है तो उसका विरोध कीजिये, बहिष्कार कीजिये. ग्रामसभा, जनसुनवाई वहीं हो जो प्रभावित क्षेत्र है, दूसरे क्षेत्र में होता है तो खुल कर बहिष्कार कीजिये. मैं हमेशा आपकी आवाज, आपकी मांग, आपके आंदोलन के साथ हूं.

सरगुजा: हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन को स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने खुला समर्थन मिला है. आज सिंहदेव धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन में शामिल हुये, यहां उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि" मैं दिल्ली जाकर आप सबकी मंशा, आपकी पीड़ा और हसदेव अरण्य को बचाने की मांग से हमारे नेता राहुल गांधी को अवगत कराऊंगा. उन्होंने पहले भी इस क्षेत्र में आकर इसे बचाने पर जोर दिया था और अभी विदेश में रहते हुए आपके आंदोलनों को जायज बताया है. मैं आपकी बात उन तक पहुंचाऊंगा."

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काटे गए पेड़ की ली जानकारी: घाटबर्रा पहुंचे पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उस वन क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां पर कुछ दिन पहले भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पेड़ों को काटा जा रहा था. इस दौरान मंत्री सिंहदेव ने न सिर्फ कटे हुए पेड़ों की जानकारी ली बल्कि वर्तमान में संचालित खदान के लिए काटे गए जंगल एवं वहां के पेड़ के एवज में कितने पेड़ कहां लगाये गए. इसकी भी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों से ली. साथ ही खदान में जहां कार्य पूर्ण हो गया है, वहां मिट्टी भरने के बाद पेड़ लगे या नहीं इसकी जानकारी ली.

हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन को टीएस सिंहदेव का समर्थन



पेड़ काटने के एवज में कहां लगाए गए पेड़: वन विभाग के उपस्थित कर्मचारियों ने बताया कि खदान के गड्ढों को भरने के बाद अब तक पेड़ नहीं लगाये गए हैं. जिसे लेकर उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जनता का विरोध है. मैं पूछना चाहता हूं कि विगत दिन जो पेड़ भारी लाव-लश्कर की उपस्थिति में काटे गये, उसके एवज में दुगुना पेड़ कहा लगाया गया. मुझे जरा बतायें. नियम है कि एक एकड़ के बदले दो एकड़ एरिया में पेड़ लगना चाहिए. काटने तो आ गये, लेकिन पेड़ कहा लगा. इसकी जानकारी कौन देगा? गलत जानकारी और गलत आंकड़ा देकर ये सबको भ्रमित कर ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं, यह नहीं चलेगा, नियम और कानून से काम होगा.



दोबारा बुलाई जाएगी ग्राम सभा: जनता दुबारा ग्रामसभा चाहती है कि ग्राम सभा बुलाया जाए और तब फैसला हो. जब जनता ने एक बार कह दिया कि वह ग्रामसभा फर्जी है तो इसे माना जाये. अन्यथा तो उस ग्रामसभा की जांच होनी चाहिए, उनकी भी जांच हो जो जिला पंचायत के प्रस्ताव को दरकिनार कर रहे हैं. ग्राम सभा को वैधानिक बता रहे हैं. जबकि खुद वर्तमान सरपंच सहित पंच बता रहे हैं कि कोई ग्रामसभा की वैधानिकता की जांच के लिए उनका पक्ष लेने नहीं आया, फिर उसे वैधानिक बता कर गलत जानकारी कैसे सार्वजनिक की जा सकती है.



जिसे हमने चुन कर भेजा वो हमारे खिलाफ कैसे: महिलाओं ने कहा कि हम जंगल छोड़कर कहीं नहीं जायेंगे, हमारे पूर्वजों ने यह धरती माता हमें सौंपी है और इसके लिए जान भी देना पड़े तो देंगे हम इसे छोड़ कर कहीं नहीं जाने वाले. वहीं लोगों ने यह भी जानकारी दी की वर्षों से यहां पर रह रहे हैं, वन अधिकार पत्र की मांग कई बार की लेकिन अब तक पट्टा नहीं मिला. लोगों ने बताया कि जब सैकड़ों की संख्या में पुलिस, शासन-प्रशासन की टीम यहां जंगल काटने के लिए पहुंची और हम विरोध कर रहे थे तो हमारे साथ उनका व्यवहार सही नहीं था. महिलाओं को काफी चोट लगी है, किसी का कपड़ा फटा, किसी को दूर फेंका गया, हमारे जंगल में हमें ही नहीं जाने दिया जा रहा था. कोई सरकार और उसके लोग ऐसे कैसे कर सकते हैं. समझ से परे है कि हम संवैधानिक व्यवस्था में हैं या कहीं और हैं. जिसे चुन कर वोट देकर हमने भेजा है वह कैसे हमारे ही खिलाफ खड़ा है. क्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर भी लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिली.

यह भी पढ़ें: बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने कश्मीर में कितनी खरीदी जमीन : भूपेश बघेल

2050 तक कोयले से बिजली की निर्भरता खत्म करनी है: हरिहरपुर में पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए उसे स्वच्छ एवं सुंदर रखने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. वैश्विक स्तर पर यह तय किया गया है कि 2070 तक कोयले से बिजली बनाने की निर्भरता हमें पूरी तरह समाप्त करनी है. हमारे देश को 2050 का लक्ष्य दिया गया है, हमने 2030 तक की बात कही है, अभी 2022 चल रही है.

गोली, डंडा चला तो पहली गोली, डंडा मैं खाऊंगा:सिंहदेव: आपके आंदोलन में देर से पहुंचा हूं. इसका कारण यह है कि जब तक आप एकजुट नहीं होंगे. मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं रहेगा. इसलिए जब और जहां आप एकजुट रहेंगे. मैं आपके आगे-आगे चलूंगा. यदि गांव दो तीन भागों में बंट गया और कोई खदान चाहता है, कोई नौकरी चाहता है और कोई नहीं चाहता तो ऐसे समय में किसकी ओर से खड़ा हुआ जाये यह कठिन हो जाता है. लेकिन आप एकजुट हैं और आपको दबाया जा रहा है. आपको परेशान किया जायेगा तो आप निश्चित रहिये मैं हमेंशा आपकी लड़ाई लड़ने के लिए आपके साथ खड़ा हूं, लेकिन आपको भी एकजुट रहना होगा. फिर चाहे गोली चले या डंडा पहली गोली व डंडा मैं खाऊंगा.


परसोड़ीकलां, कटकोना में जीत हुई, हसदेव भी बचेगा: परसोड़ीकला एवं कटकोना दोनों ग्राम पंचायत इसके उदाहरण हैं कि जहां लोग एकजुट रहे हैं, वहां खदान नहीं खुल पाई है. आप सब भी एकजुट रहे तो जीत हमारी होगी, हसदेव अरण्य को हम कटने नहीं देंगे. हसदेव अरण्य को बचाया जायेगा, हम सब साथ खड़े होंगे.

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8 लाख पेड़ कटेंगे यदि कोल ब्लॉक शुरू हुआ:सिंहदेव: आज जब लगभग 8 लाख पेड़ हसदेव क्षेत्र से कटने वाले हैं, ऐसे में यह सोचिए कि जब पहले से जो खदान संचालित है. वह खदान के नियम और शर्तों का ही पूर्ण रूप से पालन नहीं कर रही तो फिर आगे जो ब्लॉक आवंटन हुए हैं, वहां के एक एकड़ पेड़ के बदले दो एकड़ पेड़ लगाने का जो नियम है उसका पालन कहां हो रहा है. परसा-केते की संचालित कोल ब्लॉक के खिलाफ बताया जा रहा है. जशपुर में पौधारोपण कराया गया है. अब जो नई प्रस्तावित खदान है. उसके बदले बताया जा रहा है कि कोरिया में पोधोरोपण किया जायेगा. बर्बाद होगा हसदेव, सरगुजा का एरिया, यहां उजाड़ बना दिया जायेगा और वृक्षारोपण कहीं और होगा. यहां की आबोहवा का क्या, यहां के पर्यावरण का क्या? मैं आम लोगों की जो भी राय है. उसके साथ खड़ा हूं और मेरी व्यक्तिगत राय है कि हमें हसदेव अरण्य को बचाना चाहिए. यह हमारे पर्यावरण एवं स्वच्छ हवा, पानी के लिए जरूरी है.



हसदेव प्रभावित क्षेत्र के लोगों का समर्थन: पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ग्रामसभा एवं जन सुनवाई हो, वहां उन्हीं लोगों को आने दें जो प्रभावित क्षेत्र का हो. वोटर कार्ड और राशनकार्ड से उन्हें पहचानिए जो आपके क्षेत्र का नहीं उसे भगाइये और यदि उनकी उपस्थिति में ग्रामसभा या जनसुनवाई होती है तो उसका विरोध कीजिये, बहिष्कार कीजिये. ग्रामसभा, जनसुनवाई वहीं हो जो प्रभावित क्षेत्र है, दूसरे क्षेत्र में होता है तो खुल कर बहिष्कार कीजिये. मैं हमेशा आपकी आवाज, आपकी मांग, आपके आंदोलन के साथ हूं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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