सरगुजा: कूलर से ऐसी जैसी ठंडक के लिये रूपेश सोनी बताते हैं "इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना है. बाजार में 3 तरह के कूलर आते हैं एक तो हनी पैड वाले कूलर दूसरे घांस की खस वाले कूलर. इसमे घांस वाली कूलर में घांस पुरानी होने पर उसमे डस्ट भर जाते हैं. कई जगह थिकनेस कम हो जाती है. हमे ध्यान रखना है की पानी खस में ही गिर रहा हो. पतली खास जल्दी सूख जाती है और ठंडक कम होती है. इसके लिये खस को साफ करना और ज्यादा खराब होने पर उसे बदल देना चाहिये. थिकनेस कम हो तो डबल खस लगाना चाहिये"
हनी पैड: रूपेश बताते हैं कि "दूसरा कूलर हनी पैड वाला आता है इसमे खस मधुमक्खी के छत्ते के समान घना होता है. इसकी ठंडक भी काफी अधिक होती है. लेकिन समय समय पर यह ध्यान देना है कि उसमे जमने वाली डस्ट को साफ किया जा सके. वहीं पानी के लिए लगी पाइप में कचरा साफ करते रहें. पाइप अगर खराब हो गई है तो उसे बदल लेना चाहिये"
हाई स्पीड फैन: रूपेश सोनी कहते हैं कि "गर्मी से पहले आप जब भी कूलर चालू करें तो उसकी मोटर की एक बार सर्विसिंग करा लें. इससे मोटर खराब भी नहीं होती हैं और तेज रफ्तार से हवा देती है. पंखे की मोटर भी दो प्रकार की आती है हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाली मोटर कूलर में लगाना चाहिये. क्योंकी ये लंबे समय तक काम करती हैं और इसमे हवा की रफ्तार भी काफी अधिक होती है"
वेंटिलेशन और एग्जॉस्ट: रूपेश कहते हैं कि "कूलर के अलावा ऐसी जैसी ठंकड के लिए वेंटिलेशन बेहद जरूरी है. वरना कूलर तो हवा का आवागमन करेगा लेकिन बंद रूम में उमस भरने लगती है और कमरे में चिपचिपापन होने लगता है. इसलिये वेंटिलेशन और उसमे एक एग्जॉस्ट फैन का होना बहोत जरूरी है."
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छोटी छोटी मगर मोटी बातें: अगर आप भी कूलर से ऐसी जैसी ठंडक की उम्मीद रखते हैं तो इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखिये. इन्हें फालो करिये और भीषण गर्मी में भी कूलर से तेज ठंडी हवा का आनंद उठाइये.