सरगुजा: प्रदेश के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बलरामपुर जिले की सभा में एक बयान देकर छत्तीसगढ़ में नया बवाल खड़ा कर दिया है. अब इस बयान पर विधायक बृहस्पति सिंह ने पहली बार कुछ कहा है. बलरामपुर की रामानुजगंज सीट से विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा कि, "वो हमारे महाराज हैं, जो कहे होंगे सोच समझकर कहे होंगे. टिकट देने का काम हाई कमान करता है, वो अकेले निर्णय नहीं लेते. इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है. उसमें कई लोग हैं. सब मिलकर नाम तय करते हैं. हाई कमान उस पर फैसला लेता है."
बृहस्पति सिंह को लेकर क्या कहा था डिप्टी सीएम ने ?: डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव इन दिनों सरगुजा संभाग के दौरे पर हैं. 27 अगस्त को डिप्टी सीएम बलरामपुर जिले की सामरी विधान सभा क्षेत्र के राजपुर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. वहां उन्होंने बिना नाम लिये विधायक बृहस्पति सिंह के लिए कार्यकर्ताओं की शिकायत और पूर्व में सिंहदेव के माता-पिता के बारे में कही गई बातों को लेकर नाराजगी जताई थी. यह भी कह दिया था कि इस बार प्रदेश की 90 में से 1 विधानसभा से उनको कोई सरोकार नहीं होगा.
डिप्टी सीएम के बयान पर क्या बोले रामानुजगंज विधायक: जितनी साफगोई से सिंहदेव ने अपनी और संगठन की पीड़ा मंच से व्यक्त की, उतनी ही दक्षता के साथ विधायक बृहस्पति सिंह इस विवाद से बचने का प्रयास करते दिखे. उन्होंने इस सवाल पर बार बार महाराज साहब यानी की डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को विद्वान बताया. पर्याप्त सम्मान देते हुए बृहस्पति ये भी बता गए की महाराज साहब को अकेले निर्णय नहीं लेना है. स्क्रीनिंग कमेटी में 18-20 लोग हैं, हाई कमान तय करता है.
हमारे महाराजा साहब पूरे छत्तीसगढ़ के मार्गदर्शक हैं. पूरे छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने की जवाबदारी उनके पास है. ऊपर हाई कमान को तय करना है, हमारे बाबा साहब अकेले नही हैं. जो स्क्रीनिंग कमेटी होती है उसके 18-20 मेंबर हैं. ये सारी सूची बनकर दिल्ली तक जाती है और हाईकमान तय करता है. मैंने तो देखा नहीं, वो क्या बोले हैं. आप लोगों के माध्यम से ही पता चला है. लेकिन वो जो भी बोले होंगे सोंच समझकर बोले होंगे और हाई कमान भी जो निर्णय लेगा सोच समझकर लेगा. -बृहस्पति सिंह, विधायक, रामानुजगंज
बृहस्पति सिंह के आरोप के बाद मचा था सियासी हंगामा: प्रदेश के सबसे बड़े हाई वोल्टेज ड्रामों में शुमार बृहस्पति सिंह कांड हर कोई जानता है. करीब 2 वर्ष पहले बलरामपुर जिले के रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया था कि टीएस सिंहदेव उनकी हत्या करना चाहते हैं. उनके काफिले पर सिंहदेव के लोगों ने हमला किया है. उन्होंने टीएस सिंहदेव के रिश्तेदारों पर एफआईआर कराई और तत्कालीन जनपद उपाध्यक्ष वीरभद्र सिंह को जेल जाना पड़ा. बाद में वो जमानत पर रिहा हुए तो रेल लाइन के किनारे उनकी लाश मिली. यह हत्या थी या दुर्घटना, जांच अब भी चल रही है.
बृहस्पति सिंह ने विवाद में राजपरिवार को भी घसीटा: इस मामले में इतना ही नहीं हुआ. वीरभद्र सिंह पर एफआईआर कराने के बाद बृहस्पति सिंह ने रायपुर में प्रेसवार्ता की. टीएस सिंहदेव पर दोबारा आरोप लगाया कि वो उनकी हत्या कराना चाहते हैं. इस दौरान उनके साथ सामरी विधायक चिंतामणि सिंह भी मौजूद थे. दोनों ने सामूहिक रूप से आरोप लगाए. यहां तक तो ठीक था, लेकिन दोनों विधायकों ने टीएस सिंहदेव के माता पिता यानी तत्कालीन सरगुजा महाराज और महारानी सहित पूरे राजपरिवार पर भी गंभीर आरोप लगा दिए. इस मामले में विधानसभा में भी बवाल हुआ. सिंहदेव सदन छोड़कर चल दिये. अंततः मान गये, लेकिन उस समय उन्होंने अपने बयान में सिर्फ पार्टी हाईकमान से फैसले की उम्मीद की थी.