सरगुजा : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए मिशन वात्सल्य नाम की योजना की शुरुआत की थी. जिसमें भारत देश के अंदर रहने वाले हर बच्चे के लिए स्वस्थ्य और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है. ताकि बच्चों के अंदर बौद्धिक क्षमता विकसित हो सके.इस योजना के माध्यम से गरीब बच्चों को आर्थिक सहायता देकर उनके ठीक तरह से पालन पोषण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार निभाती है.
जानकारी की कमी से नहीं मिलती मदद : भले ही केंद्र सरकार गरीब बेसहारा बच्चों के लिए नेक काम कर रही हो.लेकिन इस योजना की जानकारी के अभाव और जागरुकता की कमी के कारण देश के कई हिस्सों में बच्चों को आर्थिक मदद नहीं मिल पाती. जिसकी वजह से बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाता है.जबकि इस योजना के तहत हर महीने विशेष श्रेणी के बच्चों को 4 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
क्या है योजना की शर्ते ? : मिशन वात्सल्य में देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों का चयन किया जाता है जो सड़क के किनारे या झुग्गियों में रह रहे हो. वे बच्चे जिनकी देखरेख बाल कल्याण समिति कर रही हो. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बाल स्वराज पोर्टल में जिनका रजिस्ट्रेशन हो.बच्चे के माता और पिता दोनों मानसिक रुप से अस्वस्थ हो.बालक अनाथ हो. यदि बालक ग्रामीण क्षेत्र में रह रहा है तो परिवार की सालाना आय 72 हजार और शहरी क्षेत्र में इनकम 96 हजार रुपए से कम हो.
सरगुजा जिले में वात्सल्य योजना का लाभ : महिला एवं बाल विकास विभाग माध्यम से मिशन वात्सल्य के तहत सरगुजा जिले में 30 बच्चों का प्रस्ताव बनाया गया है. इन बच्चों को अब हर महीने 4 हजार रुपये मिलेंगे. इससे पहले हर महीने 2 हजार रुपये ही दिये जाते थे. लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर 4 हजार कर दिया है. सरगुजा जिले में अब तक सिर्फ 2 हितग्राहियों को ही इस योजना का लाभ दिया जा रहा था. इनमें से एक का टर्म पूरा होने के कारण लाभ बंद कर दिया गया है. लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 30 हो गई है.
"इस योजना का लाभ देने के लिये हमारी चाइल्ड लाइन की टीम, आंगनबाड़ी की टीम CWC के माध्यम से ऐसे बच्चों का चिन्हांकित करती है. बच्चों का पंजीयन किया जाता है इसके बाद शासन को प्रस्ताव भेजा जाता है, जिसके बाद यह राशि सीधे बच्चे के खाते में आती है. अधिकतम 3 साल तक या बच्चे के उम्र 18 वर्ष होने तक हो भी पहले हो तब तक ही राशि दी जाती है. योजना का लाभ लेने के लिये बच्चे को स्कूल में पढ़ना जरूरी है" - जेआर प्रधान, महिला एवं बाल विकास अधिकारी
छत्तीसगढ़ के इन स्टेशनों में मिलेगी एयरपोर्ट जैसी सुविधा |
पीएम किसान योजना की 14वीं किस्त जारी,ऐसे चेक करें लिस्ट में नाम |
इस स्कीम के तहत महिलाओं को मिलेंगे छह हजार रुपए,क्लिक किजिए और जानिए |
बच्चे आने वाले कल का भविष्य हैं. इसलिए सरकार की मंशा है कि आर्थिक और पारिवारिक कमियों को कारण कोई भी बच्चा शिक्षा और अपने बौद्धिक विकास से वंचित ना रहे.इस योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चों को समाज के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार किया जाता है.क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण कई बच्चे गलत रास्ते पर चले जाते हैं.जिन्हें वापस लाना मुश्किल होता है.