सरगुजा: लुंड्रा में भाजपा का प्रत्याशी बदलने की मांग हो रही है. ये मांग सर्व हिंदू समाज कर रहा है. सर्व हिंदू समाज ने इसके लिए रैली भी निकाली और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए. पहले ये जान लेते हैं कि भाजपा ने लुंड्रा से किसे प्रत्याशी बनाया है जिनके खिलाफ हिंदू सड़क पर उतर आए हैं.
प्रबोध मिंज को भाजपा का टिकट: भाजपा ने लुंड्रा से उरांव समाज के प्रबोध मिंज को टिकट दिया है. प्रबोध मिंज पहले कांग्रेस में थे. फिर एनसीपी में शामिल हुए. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हुए. साल 2003 के नगर निगम चुनाव में प्रबोध ने कांग्रेस के अभेद्य गढ़ अंबिकापुर नगर निगम में दो बार महापौर का चुनाव जीता. प्रबोध मिंज अंबिकापुर नगर निगम में 10 साल तक मेयर रहे हैं. लुंड्रा में प्रबोध मिंज की जनता के बीच पकड़ है. इसी वजह से बीजेपी ने उनको उम्मीदवार बनाया है. प्रीतम राम के छोटे भाई रामदेव राम भी लुंड्रा से विधायक रहे हैं.
क्यों हो रहा है प्रबोध मिंज को टिकट देने का विरोथ: प्रबोध मिंज उरांव समाज से आते हैं. उरांव समाज के साथ ही ईसाई समाज में उनकी अच्छी पकड़ है. इसी वजह से लुंड्रा विधानसभा सीट पर भाजपा पर दोहरी चाल चलने के गंभीर आरोप सर्व हिंदू समाज लगा रहा है. इस समाज का कहना है कि पहले डिलिस्टिंग के नाम पर भाजपा ने हिन्दू आदिवसियों का समर्थन किया और अब वोट बैंक के लिए एक ऐसा प्रत्याशी खड़ा कर दिया जिसकी पकड़ ईसाई समुदाय पर है.
भाजपा को हराने हिंदू प्रत्याशी को वोट देने की चेतावनी: हिदू संगठन से जुड़ी पावन पूर्णाहुति भगत का कहना है, "जब डिलिस्टिंग की बात आई, तो भाजपा के बड़े नेता हमारे आंदोलन में साथ थे. उन्होंने भरोसा दिलाया कि डिलिस्टिंग की मांग ऊपर तक पहुंचायेंगे. संसद में भी 5 भाजपा सांसदों ने डिलिस्टिंग की मांग की. अब लुंड्रा से प्रबोध मिंज को टिकट दे दिया है. यह दोहरा बर्ताव नहीं चलेगा.
भाजपा ये बताये कि वो हिन्दू समर्थक है या ईसाई समर्थक? अगर लुंड्रा विधानसभा में भाजपा ने प्रत्याशी नहीं बदला, तो सर्व हिन्दू समाज के मतदाता उसे हराने के लिये किसी भी हिन्दू प्रत्याशी को वोट देंगे.- पावन पूर्णाहुति भगत, सदस्य, सर्व हिन्दू समाज
आदिवासी समाज को दो फाड़ करने के आरोप: पीसीसी प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव ने भाजपा पर आदिवासियों को बांटने के लिये डिलिस्टिंग का मुद्दा छेड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने डिलिस्टिंग का जिन्न निकालकर आदिवासी मतदाताओं को गुमराह करने का काम किया है. ये आदिवासी समाज के दोनों वर्ग से वोट साधना चाहते हैं.
लुंड्रा में विरोध इसी बात का हो रहा है. जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, उनका साफ कहना है कि एक तरफ आप डिलिस्टिंग की बात करते हैं और दूसरी तरफ एक अल्पसंख्यक प्रत्याशी को टिकट देते हैं. इससे यह साबित होता है कि आदिवासी भाई भी अब भाजपा के दोहरे चेहरे को समझ गये हैं. चुनाव में भी इसका नुकसान भाजपा को होगा." - जेपी श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष, पीसीसी
मामले से पल्ला झाड़ते दिखे भाजपा जिलाध्यक्ष: भाजपा जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह ने इस मामले पर कहा, "भाजपा से जुड़े कुछ आदिवासी समाज के भाइयों ने आपत्ति जताई है. भाजपा एक राजनीतिक दल है. सवा सौ करोड़ देश वासियों की भावना के अनुसार भाजपा काम करती है. हम किसी समुदाय विशेष को लेकर नहीं चल सकते. सबका साथ सबका विकास प्रधानमंत्री जी का नारा है." उन्होंने खुद को फाइनल अथॉरिटी नहीं होने की बात कहते हुए विरोध करने वालों की बात ऊपर तक पहुंचाने का भरोसा दिया है.
छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी ओम माथुर पहले ही ये खुलासा कर चुके हैं कि पार्टी जिताऊं कैंडिडेट को टिकट देगी. आदिवासी समाज में प्रबोध मिंज की अच्छी पकड़ होने के कारण प्रबोध मिंज को टिकट दिया गया है. अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा सर्व हिंदू समाज की चेतावनी को गंभीर लेते हुए प्रत्याशी बदलती है या प्रबोध मिंज को ही मैदान में उतारती है.