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सरगुजा में सीएम के सामने मीडियाकर्मी की पिटाई, कांग्रेस ने कहा-शुरू हुई गुंडागर्दी

BJP felicitation ceremony ambikapur छत्तीसगढ़ में भाजपा अपनी जीत से उत्साहित होकर सभी संभागों में कार्यकर्ताओं का सम्मान कर रही है. सीएम विष्णुदेव साय अपने मंत्रियों के साथ कार्यकर्ताओं का अभिनंदन कर रहे हैं. लेकिन शायद इस अभिनंदन से भाजपा कार्यकर्ता अति उत्साहित हो गए है. अंबिकापुर में कार्यक्रम के दौरान मीडियाकर्मी ने भाजपा कार्यकर्ता पर पिटाई का आरोप लगाया है.

Surguja journalist beaten
सरगुजा पत्रकार पिटाई
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 9, 2024, 7:15 AM IST

Updated : Jan 9, 2024, 9:29 AM IST

सरगुजा में सीएम के सामने पत्रकार की पिटाई

सरगुजा: अंबिकापुर में कार्यकर्ताओं का अभिनंदन करने भाजपा प्रभारी ओम माथुर, सीएम विष्णु देव साय समेत दोनो डिप्टी सीएम, मंत्री और विधायक पहुंचे हुये थे. यहां संभाग भर से कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था. प्रभारी ओम माथुर ने कार्यकर्ताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री समेत लगभग पूरे मंत्री मंडल को खड़े कराकर कार्यकर्त्ताओं का अभिवादन कराया. इस दौरान दो बार ओम माथुर ने कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को तल्ख लहजे में हिदायत भी दी. कार्यकर्ता उत्साह से भर गये, लेकिन कुछ कार्यकर्ता अति उत्साह में गलती कर बैठे. सम्मान पाने में उन्माद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मीडिया कर्मी को ही पीट दिया.

मीडियाकर्मियों ने सीएम से जताई नाराजगी: घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बयान देने के लिए बनाए गए डायस के पास पहुंच रहे थे. कैमरे में दिखने में चक्कर मे सीएम के आने से पहले ही डायस के आसपास भाजपा नेताओं ने भीड़ लगा ली. एक इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार ने उनसे जगह देने के लिए कहा तो इससे भड़के सूरजपुर के एक भाजपा नेता अजय अग्रवाल सहित साथियों ने पत्रकार के साथ मारपीट कर दी. जिसके बाद तनाव की स्थिति बन गई. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से घटना को लेकर पत्रकारों ने नाराजगी जताई, लेकिन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने घटना पर कुछ नहीं कहा. मीडिया कर्मी ने घटना की शिकायत गांधीनगर थाने में दर्ज कराई है.

कांग्रेस ने कहा- शुरू हुई गुंडागर्दी: कांग्रेस ने इस घटना को दुखद बताते हुए निंदा की है. कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि "सरकार में आते ही भाजपा नेताओं ने गुंडागर्दी शुरू कर दी है. आदिवासी पत्रकार पर हमले के दौरान पुलिस अधिकारी मूकदर्शक बने रहे, यह निंदनीय है. सरगुजा संभाग से पहले मुख्यमंत्री की अंबिकापुर में पहली सभा में इस तरह की घटना से सरगुजा शर्मसार हुआ है."

भगत का साय पर निशाना: पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि पत्रकारों की शिकायत के बाद भी मुख्यमंत्री का मूक बने रहना निंदनीय है. हमारे देश के चौथे स्तंभ समाचार पत्र, जो हमेशा हमारे मुद्दों को को शासन और प्रशासन के संज्ञान में लाने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं. जिन्होंने देश के आजादी के पहले भी सकारात्मक भूमिका निभाई है. जिन्हें आजादी के बाद देश के चौथे स्तंभ की मान्यता दी गई. जो पक्ष एवं विपक्ष दोनों को ही कटघरे में खड़ा करने का काम करती है. लेकिन आज की घटना अत्यंत शर्मनाक एवं अशोभनीय है.

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मीडियाकर्मियों ने सीएम से जताई नाराजगी: घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बयान देने के लिए बनाए गए डायस के पास पहुंच रहे थे. कैमरे में दिखने में चक्कर मे सीएम के आने से पहले ही डायस के आसपास भाजपा नेताओं ने भीड़ लगा ली. एक इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार ने उनसे जगह देने के लिए कहा तो इससे भड़के सूरजपुर के एक भाजपा नेता अजय अग्रवाल सहित साथियों ने पत्रकार के साथ मारपीट कर दी. जिसके बाद तनाव की स्थिति बन गई. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से घटना को लेकर पत्रकारों ने नाराजगी जताई, लेकिन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने घटना पर कुछ नहीं कहा. मीडिया कर्मी ने घटना की शिकायत गांधीनगर थाने में दर्ज कराई है.

कांग्रेस ने कहा- शुरू हुई गुंडागर्दी: कांग्रेस ने इस घटना को दुखद बताते हुए निंदा की है. कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि "सरकार में आते ही भाजपा नेताओं ने गुंडागर्दी शुरू कर दी है. आदिवासी पत्रकार पर हमले के दौरान पुलिस अधिकारी मूकदर्शक बने रहे, यह निंदनीय है. सरगुजा संभाग से पहले मुख्यमंत्री की अंबिकापुर में पहली सभा में इस तरह की घटना से सरगुजा शर्मसार हुआ है."

भगत का साय पर निशाना: पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि पत्रकारों की शिकायत के बाद भी मुख्यमंत्री का मूक बने रहना निंदनीय है. हमारे देश के चौथे स्तंभ समाचार पत्र, जो हमेशा हमारे मुद्दों को को शासन और प्रशासन के संज्ञान में लाने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं. जिन्होंने देश के आजादी के पहले भी सकारात्मक भूमिका निभाई है. जिन्हें आजादी के बाद देश के चौथे स्तंभ की मान्यता दी गई. जो पक्ष एवं विपक्ष दोनों को ही कटघरे में खड़ा करने का काम करती है. लेकिन आज की घटना अत्यंत शर्मनाक एवं अशोभनीय है.

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Last Updated : Jan 9, 2024, 9:29 AM IST
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