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Success Story Of Shivani Soni :जिस बेटी को मां के साथ पिता ने ठुकराया, उसी ने वर्ल्ड मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में फहराया तिरंगा - मिनी गोल्फ प्लेयर

Success Story Of Shivani Soni अंबिकापुर की बेटी शिवानी सोनी ने विश्व में प्रदेश का नाम रौशन किया है. स्वीडन में हुई विश्व स्तरीय मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में शिवानी ने सातवां स्थान हासिल किया. ईटीवी भारत ने अंबिकापुर लौटी शिवानी सोनी से खास बातचीत की

Success Story Of Shivani Soni
गोल्फ में शिवानी ने गाड़े सफलता के झंडे
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 13, 2023, 6:56 PM IST

गोल्फ में शिवानी ने गाड़े सफलता के झंडे

सरगुजा : अंबिकापुर शहर के ब्रम्ह रोड में रहने वाली शिवानी सोनी ने बेटियों का नाम ऊंचा किया है. शिवानी मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में भारत से स्वीडन गई थी. वहां आयोजित प्रतियोगिता में शिवानी ने दुनियाभर में 7वां स्थान पाया है. शिवानी अभी साईं कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद सरस्वती महाविद्यालय में बीपीएस का कोर्स कर रही है.

विदेशी टीमों को छकाया : स्वीडन में आयोजित मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में वर्ल्ड से 11 टीमें आई थी. जिसमे भारत की वूमेन टीम का 7वां रैंक रहा. विनर जर्मनी, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया रही. स्थानीय कोच राजेश प्रताप सिंह ने बास्केटबॉल ग्राउंड में ही मिनी गोल्फ की व्यवस्था करके शिवानी को कोचिंग दी. इस सफलता में शिवानी की मां का बड़ा योगदान था.


संघर्ष से भरी है शिवानी की कहानी : शिवानी सोनी का जीवन संघर्षों से भरा है. बच्ची के जन्म होते ही पिता ने नवजात शिवानी और उसकी मां का साथ छोड़ दिया था. तब से उसकी परवरिश मां ने ही की. आंगनबाड़ी में सहायिका की मामूली सी नौकरी से मां ने शिवानी को पढ़ाया. भले ही मां शिवानी को वो सब कुछ ना दे सकी जो उसे जरुरत थी.फिर भी शिवानी को इस काबिल बनाया कि वो समाज में बेटियों के लिए आदर्श बन सके.शिवानी की मां के मुताबिक उसके पिता ने उन्हें इसलिए छोड़ा था कि क्योंकि वो बेटा पैदा नहीं कर सकी थी.

Success Story Of Shivani Soni
शिवानी सोनी की सफलता की कहानी



"मेरे जन्म के बाद ही पापा ने छोड़ दिया था, क्योंकि मेरे पापा और दादी लोगों को बेटा चाहिए था और मैं हो गई तो पापा ने छोड़ दिया.मैं नानी के यहां ही रहकर पली बढ़ी हूं. " - शिवानी सोनी ,मिनी गोल्फ प्लेयर


पहले भी वर्ल्ड टूर्नामेंट में ले चुकी हैं हिस्सा : शिवानी ने इससे पहले चीन में आयोजित वर्ल्ड टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था. इसके लिए उसे एकलव्य अवॉर्ड भी मिला था. जो देश में सिर्फ एक ही प्लेयर को मिलता है. जो एक लड़के और लड़की को दिया जाता है. शिवानी की कोच की माने तो उनके यहां निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है.शिवानी का रुझान गोल्फ के प्रति देखकर उसे ट्रेनिंग दी गई.

Success Story Of Shivani Soni
स्वीडन में गोल्फ में पाया सातवां स्थाना

''शुरुआत में शिवानी को बास्केटबॉल के लिए बुलाया गया था. जब मिनी गोल्फ शुरू हुआ तो शिवानी का रुझान इसमें ज्यादा दिखने लगा. इसने स्थानीय से लेकर स्टेट लेबल के टूर्नामेंट खेले. फिर सपोर्ट भी मिलने लगा. हम लोगों ने एक मंच दिया और आज ये भारत के लिए खेल रही है" - राजेश प्रताप सिंह, कोच

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शिवानी ने खेल में दिखाया दम : शिवानी सोनी ने राजस्थान की मिनी गोल्फ की नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और बेस्ट इंटरनेशनल प्लेयर अवॉर्ड जीता था.ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी लेवल पर हुई प्रतियोगिता में भी शिवानी ने बेस्ट प्लेयर और गोल्ड मेडल का खिताब जीता. शिवानी अब तक तीन इंटरनेशनल मैच खेल चुकी है. जिसमें एक में ब्राउंज, दूसरे में टॉप टेन में नौवें स्थान पर अपनी जगह बना चुकी है.

गोल्फ में शिवानी ने गाड़े सफलता के झंडे

सरगुजा : अंबिकापुर शहर के ब्रम्ह रोड में रहने वाली शिवानी सोनी ने बेटियों का नाम ऊंचा किया है. शिवानी मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में भारत से स्वीडन गई थी. वहां आयोजित प्रतियोगिता में शिवानी ने दुनियाभर में 7वां स्थान पाया है. शिवानी अभी साईं कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद सरस्वती महाविद्यालय में बीपीएस का कोर्स कर रही है.

विदेशी टीमों को छकाया : स्वीडन में आयोजित मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में वर्ल्ड से 11 टीमें आई थी. जिसमे भारत की वूमेन टीम का 7वां रैंक रहा. विनर जर्मनी, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया रही. स्थानीय कोच राजेश प्रताप सिंह ने बास्केटबॉल ग्राउंड में ही मिनी गोल्फ की व्यवस्था करके शिवानी को कोचिंग दी. इस सफलता में शिवानी की मां का बड़ा योगदान था.


संघर्ष से भरी है शिवानी की कहानी : शिवानी सोनी का जीवन संघर्षों से भरा है. बच्ची के जन्म होते ही पिता ने नवजात शिवानी और उसकी मां का साथ छोड़ दिया था. तब से उसकी परवरिश मां ने ही की. आंगनबाड़ी में सहायिका की मामूली सी नौकरी से मां ने शिवानी को पढ़ाया. भले ही मां शिवानी को वो सब कुछ ना दे सकी जो उसे जरुरत थी.फिर भी शिवानी को इस काबिल बनाया कि वो समाज में बेटियों के लिए आदर्श बन सके.शिवानी की मां के मुताबिक उसके पिता ने उन्हें इसलिए छोड़ा था कि क्योंकि वो बेटा पैदा नहीं कर सकी थी.

Success Story Of Shivani Soni
शिवानी सोनी की सफलता की कहानी



"मेरे जन्म के बाद ही पापा ने छोड़ दिया था, क्योंकि मेरे पापा और दादी लोगों को बेटा चाहिए था और मैं हो गई तो पापा ने छोड़ दिया.मैं नानी के यहां ही रहकर पली बढ़ी हूं. " - शिवानी सोनी ,मिनी गोल्फ प्लेयर


पहले भी वर्ल्ड टूर्नामेंट में ले चुकी हैं हिस्सा : शिवानी ने इससे पहले चीन में आयोजित वर्ल्ड टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था. इसके लिए उसे एकलव्य अवॉर्ड भी मिला था. जो देश में सिर्फ एक ही प्लेयर को मिलता है. जो एक लड़के और लड़की को दिया जाता है. शिवानी की कोच की माने तो उनके यहां निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है.शिवानी का रुझान गोल्फ के प्रति देखकर उसे ट्रेनिंग दी गई.

Success Story Of Shivani Soni
स्वीडन में गोल्फ में पाया सातवां स्थाना

''शुरुआत में शिवानी को बास्केटबॉल के लिए बुलाया गया था. जब मिनी गोल्फ शुरू हुआ तो शिवानी का रुझान इसमें ज्यादा दिखने लगा. इसने स्थानीय से लेकर स्टेट लेबल के टूर्नामेंट खेले. फिर सपोर्ट भी मिलने लगा. हम लोगों ने एक मंच दिया और आज ये भारत के लिए खेल रही है" - राजेश प्रताप सिंह, कोच

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शिवानी ने खेल में दिखाया दम : शिवानी सोनी ने राजस्थान की मिनी गोल्फ की नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और बेस्ट इंटरनेशनल प्लेयर अवॉर्ड जीता था.ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी लेवल पर हुई प्रतियोगिता में भी शिवानी ने बेस्ट प्लेयर और गोल्ड मेडल का खिताब जीता. शिवानी अब तक तीन इंटरनेशनल मैच खेल चुकी है. जिसमें एक में ब्राउंज, दूसरे में टॉप टेन में नौवें स्थान पर अपनी जगह बना चुकी है.

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