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SPECIAL : सूख रहे फूल, उजड़ गया बाग, लॉक डाउन ने खेती की बर्बाद

कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच फूल किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है. फूलों की डिमांड न होने से फूल खेतों में ही मुरझा रहे है. इससे किसानों की मेहनत और लागत बर्बाद होती नजर आ रही है.

flowers shriveled
मुरझा गए फूल
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Published : Apr 5, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को रोक दिया है. हर इंसान घर में कैद होने को मजबूर है. न किसी से मिलना-जुलना हो रहा है और न ही कोई उत्सव या समारोह मनाया जा रहा है. इस महामारी ने कारोबार को जहां बहुत नुकसान पहुंचाया है तो, वहीं किसानों और व्यवसायियों की भी कमर तोड़ कर रख दी है. इस लॉक डाउन का असर फूलों की खेती पर भी बहुत पड़ा है.

मुरझा गए फूल

जिन फूलों को देखकर आपका दिन बना करता था, हर उत्सव में रौनक आती थी और हर आयोजन में चार चांद लग जाते थे. कोविड-19 महामारी की वजह से उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं है. लॉकडाउन के कारण न तो इसकी मांग हो रही है और न ही इसकी बिक्री. सबसे बड़ी चिंता की बात फूलों की खेती करने वाले किसानों की स्थिति है.

फूलों पर भी पड़ा वायरस का प्रभाव

नोवेल कोरोना वायरस की वजह से हुये लॉकडाउन में किसानों का यह एक ऐसा वर्ग है, जो बर्बादी की कगार पर है. यह ऐसी खेती है, जिसकी डिमांड लॉकडाउन ने खत्म ही कर दी है. अब ऐसे में सरकार इनकी कटाई करने और व्यवसाय करने की अनुमति दे भी दे, तो भी इनका कोई लाभ नहीं है. इस महामारी के दौरान विवाह या अन्य समारोह प्रतिबंधित हैं, जिससे फूलों की डिमांड रुक गई है. लिहाजा कई एकड़ में लगी फूलों की फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही है.

Desolate fields
उजड़े खेत

बाजार से आउट हुआ फूल व्यापार

छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की चिंता करते हुए कृषि कार्य करने और उससे संबंधित वस्तुओं को लॉकडाउन से मुक्त कर दिया है. लेकिन इन किसानों का क्या होगा. ये अगर किसी तरह अपने फूलों को तोड़ भी लें तो इन्हें खरीदेगा कौन. अन्न या सब्जी उगाने वाले कृषक तो लॉकडाउन में भी सब्जी और अनाज की मांग की वजह से अपनी फसल बेच पा रहे हैं. लेकिन फूल की खेती करने वाले किसानों के सामने बर्बादी के अलावा अब और कोई रास्ता नहीं दिख रहा.

खेतों में ही बर्बाद हो रहे फूल

बता दें कि सरगुजा क्षेत्र में बड़ी मात्रा में फूलों की खेती की जाती है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से फूल खेतों में ही बर्बाद हो रहे हैं. स्थिति को देखते हुए हमने फूल की खेती करने वाले किसान श्रवण कुमार से बातचीत की. इस संकट से चिंतित श्रवण ने बताया की फूल का व्यापार तो बंद ही है. लेकिन अधिक चिंता इस बात की है कि उन्होंने 6 एकड़ में गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा सहित अन्य फूल लगाए थे, जो अब बर्बाद होने की कगार में है. जिसके लिए शासन ने कोई प्रावधान नहीं लाया है.

marigold flower shriveled
मुरझा गए गेंदे के फूल

शासन से मदद की लगा रहे गुहार

शासन के निर्देश पर न तो समारोह हो रहे हैं और न ही विवाह. अब ऐसे में जब कोई फूल खरीदेगा ही नहीं, तो खेत में लगे ये फूल यूं ही मुरझा जाएंगे. इसमें लगने वाली किसान की लागत भी नहीं निकल पाएगी. श्र-वण सरकार से उम्मीद लगाए बैठा है कि शायद सरकार उनकी और उनके जैसे फूल की खेती करने वाले किसानों की कोई मदद करे. अब देखना यह होगा कि फूलों की खेती करने वालों किसानों के लिए शासन-प्रशासन क्या कदम उठाता है.

सरगुजा: कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को रोक दिया है. हर इंसान घर में कैद होने को मजबूर है. न किसी से मिलना-जुलना हो रहा है और न ही कोई उत्सव या समारोह मनाया जा रहा है. इस महामारी ने कारोबार को जहां बहुत नुकसान पहुंचाया है तो, वहीं किसानों और व्यवसायियों की भी कमर तोड़ कर रख दी है. इस लॉक डाउन का असर फूलों की खेती पर भी बहुत पड़ा है.

मुरझा गए फूल

जिन फूलों को देखकर आपका दिन बना करता था, हर उत्सव में रौनक आती थी और हर आयोजन में चार चांद लग जाते थे. कोविड-19 महामारी की वजह से उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं है. लॉकडाउन के कारण न तो इसकी मांग हो रही है और न ही इसकी बिक्री. सबसे बड़ी चिंता की बात फूलों की खेती करने वाले किसानों की स्थिति है.

फूलों पर भी पड़ा वायरस का प्रभाव

नोवेल कोरोना वायरस की वजह से हुये लॉकडाउन में किसानों का यह एक ऐसा वर्ग है, जो बर्बादी की कगार पर है. यह ऐसी खेती है, जिसकी डिमांड लॉकडाउन ने खत्म ही कर दी है. अब ऐसे में सरकार इनकी कटाई करने और व्यवसाय करने की अनुमति दे भी दे, तो भी इनका कोई लाभ नहीं है. इस महामारी के दौरान विवाह या अन्य समारोह प्रतिबंधित हैं, जिससे फूलों की डिमांड रुक गई है. लिहाजा कई एकड़ में लगी फूलों की फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही है.

Desolate fields
उजड़े खेत

बाजार से आउट हुआ फूल व्यापार

छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की चिंता करते हुए कृषि कार्य करने और उससे संबंधित वस्तुओं को लॉकडाउन से मुक्त कर दिया है. लेकिन इन किसानों का क्या होगा. ये अगर किसी तरह अपने फूलों को तोड़ भी लें तो इन्हें खरीदेगा कौन. अन्न या सब्जी उगाने वाले कृषक तो लॉकडाउन में भी सब्जी और अनाज की मांग की वजह से अपनी फसल बेच पा रहे हैं. लेकिन फूल की खेती करने वाले किसानों के सामने बर्बादी के अलावा अब और कोई रास्ता नहीं दिख रहा.

खेतों में ही बर्बाद हो रहे फूल

बता दें कि सरगुजा क्षेत्र में बड़ी मात्रा में फूलों की खेती की जाती है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से फूल खेतों में ही बर्बाद हो रहे हैं. स्थिति को देखते हुए हमने फूल की खेती करने वाले किसान श्रवण कुमार से बातचीत की. इस संकट से चिंतित श्रवण ने बताया की फूल का व्यापार तो बंद ही है. लेकिन अधिक चिंता इस बात की है कि उन्होंने 6 एकड़ में गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा सहित अन्य फूल लगाए थे, जो अब बर्बाद होने की कगार में है. जिसके लिए शासन ने कोई प्रावधान नहीं लाया है.

marigold flower shriveled
मुरझा गए गेंदे के फूल

शासन से मदद की लगा रहे गुहार

शासन के निर्देश पर न तो समारोह हो रहे हैं और न ही विवाह. अब ऐसे में जब कोई फूल खरीदेगा ही नहीं, तो खेत में लगे ये फूल यूं ही मुरझा जाएंगे. इसमें लगने वाली किसान की लागत भी नहीं निकल पाएगी. श्र-वण सरकार से उम्मीद लगाए बैठा है कि शायद सरकार उनकी और उनके जैसे फूल की खेती करने वाले किसानों की कोई मदद करे. अब देखना यह होगा कि फूलों की खेती करने वालों किसानों के लिए शासन-प्रशासन क्या कदम उठाता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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